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शोध पत्र
पानी ही जीवन है, पानी औषधि भी है
Posted on 04 Aug, 2023 12:08 PMअथर्ववेद में लिखा है, जल ही जीवन है, जल रोग दूर करता है, जल सब रोगों का संहार करता है इसलिए जल तुम्हें भी कठिन रोगों के पंजे से छुड़ावे" पानी ही जीवन है, इस बात को याद रखिये कितना भी काम हो, तनाव हो, परेशानी हो, व्यस्तता हो पानी पीना मत भूलिये। आप खुद को हाइड्रेट रखेंगे तो शरीर में ताजगी और ऊर्जा का स्तर बना रहेगा।
पानी की उम्र तथा उसका महत्व
Posted on 02 Aug, 2023 01:18 PMप्रकृति द्वारा बनाये गये असंख्य पदार्थों में पानी एक अनमोल तथा अनोखा पदार्थ है जिसके बारे में वैज्ञानिक अभी तक सभी तथ्यों को नहीं खोज पाये हैं। आपको ज्ञात ही होगा कि पानी का घनत्व 4 डिग्री सेल्सियस ( सेन्टीग्रेड) पर अधिकतम होता है तथा इससे कम तथा अधिक तापमान पर इसका घनत्व घट जाता है। आपको यह भी ज्ञात होगा कि पदार्थों का आयतन गैस से तरल तथा तरल से ठोस अवस्था में आने पर घट जाता है लेकिन पानी एक ऐ
नदियां और हम (भाग-2)
Posted on 21 Jul, 2023 05:40 PMपवित्रता: एक सामाजिक आदर्श
अतः जो लोग इस भ्रम में पड़कर दुःखी रहते हैं कि किसी पुण्य पर्व में पवित्र स्नान मात्र को कोई परम्परानिष्ठ हिन्दू सचमुच मुक्ति का अंतिम आश्वासन मानता है, वे भारतीयता से अपरिचित ऐसे लोग हैं, जिन्हें या तो अज्ञानी कहा जा सकता है या फिर फासिस्ट, क्योंकि वे जानबूझकर दूसरों के मत का अर्थक्षय करते हुए उन्हें इसी आड़ में दबाना- अनुशासित करना
नदियां और हम (भाग-1)
Posted on 21 Jul, 2023 05:24 PMनदियां और हम
किसी समाज की विश्व-दृष्टि का एक लक्षण यह है कि वह अपने प्राकृतिक परिवेश को, उसके विभिन्न अवयवों को किस रूप में देखता-समझता है । यदि समाज और संस्कृति का अर्थ बोध और जीवन-व्यवहार है, तो मानना होगा कि विश्व दृष्टि के मूलतः बदल जाने का अर्थ है राष्ट्रीय संस्कृति का बदल जाना, उसका रूपांतरण ।
खुला खत - राजधानी को प्रलय से बचाने के लिए यमुना को जल स्वराज्य चाहिए
Posted on 18 Jul, 2023 12:05 PMप्रिय श्री अरविन्द केजरीवाल जी,
नमस्कार
हिमालयी नदियों द्वारा बढ़ती तबाहीः कारण तथा निवारण (Increasing Devastation by Himalayan Rivers: Reasons and Remedy)
Posted on 17 Jul, 2023 01:14 PMप्रस्तावना
हिमालय पृथ्वी का सबसे युवा तथा कच्चा पर्वत है। इसलिए यह प्राकृतिक आपदाओं के लिहाज से बेहद संवेदनशील है। हिमालय में जो नदियां बहती हैं वो अपने साथ गाद लेकर आती हैं। इस कारण यहां नालों तथा छोटी नदियों का निश्चित मार्ग नहीं है वो अक्सर अपना रास्ता बदलते हैं। भारी बारिश हिमालयी क्षेत्र में मौसम का सामान्य हिस्सा है। भूस्खलन और बाढ़ पहले भी पहाड़ों पर आते
प्रकृति का बढ़ता प्रकोप : कारण एवं निवारण (Increasing Fury Of Nature:Causes & Remedies)
Posted on 17 Jul, 2023 11:55 AMप्रकृति का बढ़ता प्रकोप : कारण एवं निवारण
प्रकृति अथवा 'Nature' जिसमें ब्रह्मांड समाया हुआ है। हमारी पृथ्वी इस अनादि अनन्त ब्रह्माण्ड का एक ऐसा पिण्ड है जो खगोलीय अन्य पिण्डों की भाँति ही अपने पर लगाने वाले मूलभूत बलों के प्रभव से प्रभावित होती रहती है। पृथ्वी पर इसके बाहरी पिण्डों एवं स्थितियों के प्रभाव के फलस्वरूप विद्युत चुम्बकीय एवं गुरुत्वीय बलों में परि
पर्यावरणीय चेतना
Posted on 17 Jul, 2023 11:33 AMआज का युग पर्यावरणीय चेतना का युग है। हर व्यक्ति अपने पर्यावरण के प्रति चिंतित है। ज्ञान और विज्ञान की हर शाखा के विद्वान, चिन्तक पर्यावरण की सुरक्षा और संचालन के प्रति जागरूक हैं। आज हर व्यक्ति स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त पर्यावरण में रहने के अपने अधिकारों के प्रति सजग होने लगा है और अपने दायित्वों को समझने लगा है। पर्यावरण का अर्थ है- परि + आवरण, परि अर्थात चारों ओर आवरण अर्थात ढका हुआ वे सारी स्
संस्थाएं, आर्द्राभूमियां और अन्य खुले जल मत्स्यपालन प्रबंधन में समुदाय की भागीदारी
Posted on 14 Jul, 2023 03:02 PMभारत में अंतर्देशीय खुले जल के विभिन्न स्वरूप हैं। इनमें शामिल हैं ( नदियां 2900 कि.मी.), जलाशय (31.5 लाख है.), जलप्लावन आर्द्रभूमि ( 3.54 लाख है.) कच्छ - वनस्पति ( 3.56 लाख है), नदीमुख ( 3.0 लाख है. ), नदीमुख आर्द्रभूमि (भेरी–39600 है.
सरदार सरोवर जलाशय में गाद का प्रबंधन
Posted on 12 Jul, 2023 03:39 PMसारांश
नर्मदा नदी पर निर्माणाधीन सरदार सरोवर बांध भारत के बड़े बांधों में से एक है। इस बांध का निर्माण, नर्मदा जल विवाद न्यायाधिकरण वर्ष 1979 के उस निर्णय के उपरान्त शुरू हुआ जिसके द्वारा नर्मदा जल का बटवारा किया गया है। वर्ष 1980 में परियोजना की रूपांकन सम्बन्धी घटकों को अंतिम रूप दिया गया। अब उसके बाद की अवधि के निस्सारण / गाद (सिल्ट ) के आंकड़े भी उपलब्ध है