पानी ही जीवन है, पानी औषधि भी है

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अथर्ववेद में लिखा है, जल ही जीवन है, जल रोग दूर करता है, जल सब रोगों का संहार करता है इसलिए जल तुम्हें भी कठिन रोगों के पंजे से छुड़ावे" पानी ही जीवन है, इस बात को याद रखिये कितना भी काम हो, तनाव हो, परेशानी हो, व्यस्तता हो पानी पीना मत भूलिये। आप खुद को हाइड्रेट रखेंगे तो शरीर में ताजगी और ऊर्जा का स्तर बना रहेगा।

इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिसिन के मुताबिक महिलाओं को रोजाना लगभग 2 से 7 लीटर और पुरुषों को 3 से 7 लीटर पानी पीना चाहिए इससे सेहत ठीक रहेगी, त्वचा को पोषण मिलेगा और त्वचा में कसावट बनी रहेगी।

एक अध्ययन से यह बात सामने आई है कि पानी पीते रहने से सिर दर्द और माइग्रेन की तेजी को कम करने में मदद मिलती है नीदरलैण्ड की मास्टरिच्ट विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने पाया कि प्रतिदिन करीब सात गिलास पानी पीने से दर्द में राहत मिलती है, सिर दर्द से परेशान रहने वाले रोगियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार आता है।

सिर्फ एक गिलास पानी हार्ट अटैक का खतरा 50 प्रतिशत घटा सकता है हार्ट अटैक का खतरा ज्यादातर सुबह होता है। सोने से कुछ देर पहले लिया गया सिर्फ एक गिलास पानी हार्ट अटैक के खतरे को कम कर देता है, ये मशहूर अमरीकी जर्नल एपिडेमियोलॉजी के शोध से साबित हुआ है। पानी की कमी से सिर्फ ब्लड ही गाढ़ा नहीं होता है, बल्कि ब्लड प्लाज्मा भी ज्यादा हो जाता है, इससे ब्लड में कई तरह की जटिलताएं पैदा हो सकती हैं, यही कारण हार्ट अटैक के खतरे को बढ़ाता है। प्यास लगने पर कभी इसकी अनदेखी न करें, ये दिल के लिए खतरनाक हो सकता है। पानी कोशिकाओं को नई ऊर्जा देता है और उनका विकास करता है, पानी का संबंध हमारी किडनियों से होता है। 

पानी के कारण ही हमारी किडनियां रक्त शुद्धिकरण और संतुलन के कार्य करने में सक्षम होती हैं। पानी शरीर की भीतरी मशीनरी की सफाई करता, यह पाचन क्रिया को दुरुस्त करता है, योगासन की तकनीक में इसे कुंजल कहा जाता है। यदि पानी सही समय पर सही मात्रा में पिया जाए तो यह शरीर की अशुद्धियों को दूर करता है। शरीर में आंतों की कार्य प्रक्रिया पानी में सुचारू रूप से चलती है। पानी मांसपेशियों को लचीला बनाता है, पानी उच्च रक्तचाप घटाने में सहायक होता है, और यह रक्त में मिलकर रक्त प्रवाह प्रक्रिया को बेहतर बनाता है। किडनी रोगों से बचने के लिए प्रतिदिन 10-12 गिलास पानी पीना चाहिए।

प्राकृतिक चिकित्सक कहते हैं, कि पानी न केवल शरीर की सफाई ही करता है बल्कि अच्छी सेहत भी देता है। त्वचा रोगों, कब्ज, अनिद्रा, थकान, दर्द जैसे कई अन्य रोगों में जल चिकित्सा बेहतर असरदार होती है।

सुबह उठकर खाली पेट पानी पीने के अनेक लाभ हैं, जापानी वैज्ञानिक इस उपाय को ‘वाटर थेरेपी’ कहते हैं, उन्होंने यह प्रमाणित किया है कि डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, जोड़ों का दर्द, सिर दर्द, दमा, गैस, मासिक धर्म की अनियमितता, हृदय रोग, मोटापा, टी.बी., वात-पित्त, कफ जन्य रोग, श्वेत प्रदर, बाल रोग, त्वचा तथा कब्ज में यह बहुत लाभदायक है।

‘आयुर्वेद में उषा पान को अमृत पान कहा गया है’
  ‘सवितुरूदय काले प्रसृति सलिस्य पिवेदरौ’
   रोग जरा परी मुक्तो जीवेद्धत्सर भात साग्रम"

अर्थात जो सूर्योदय से पहले पानी पीता है, वह कभी बीमार नहीं पड़ता तथा वह कभी बूढ़ा नहीं होता और उसकी मृत्यु सौ वर्ष के पहले नहीं होती है।

बवासीर, सूजन, कब्ज, मोटापा, मूत्राशय की बीमारियां, पेट की बीमारियां, गैस, अपच, कान बहना, कानों का दर्द, सिर दर्द, आंखों की बीमारियां तथा अन्य बीमारियां उषापान के नियमित प्रयोग से ठीक हो जाती हैं।

कुछ विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि उषा काल में पानी नासिका द्वारा पिया जाता है, उसकी स्मरण शक्ति तेज होती है, आंखों की ज्योति में सुधार होता है, बाल असमय सफेद नहीं होते हैं, यह ध्यान रहे पानी बायीं नासिका से पीना है।

खाली पेट पानी पीने के निम्न लाभ:-

1. पेट साफ - प्रातः काल पर्याप्त पानी पीने से पेट का सिस्टम गंदगी को बाहर निकालने में लगेगा और आपका पेट साफ रहेगा, कब्ज की शिकायत समाप्त हो जायेगी, मूत्र त्याग भी आसानी से होगा। 

2. भूख बढ़ती है - पेट साफ नहीं रहने पर भूख भी नहीं लगती है, ऐसे में शरीर को जरूरी न्यूट्रिशन नहीं मिल पाता है। यदि आप सुबह उठते ही पानी पीते हैं तो पेट साफ हो जाता है, इससे आपको भूख भी लगती है व अच्छी प्रकार से खाने का मन बनता है।

3. सिर दर्द - कई लोगों को प्रातः सिर दर्द महसूस होता है, कई बार हमारे शरीर में पानी की कमी की वजह से सिर दर्द शुरू हो जाता है, यदि आपको ऐसी समस्या है तो प्रातः खाली पेट पानी पियें।

4. मेटाबालिज्म में सुधार - पानी पीने से मेटाबालिज्म को भी मजबूती मिलती है, सुबह-सुबह खाली पेट पानी पीने से आपके शरीर का मेटाबिल्जम 24 प्रतिशत तक बढ़ जाता है इससे आप खाने को जल्द पचा सकते हैं।

5. खून में बढ़ोतरी - यदि आप में खून की कमी है तो सुबह-सुबह पानी पीयें। खाली पेट पानी पीने से रेड ब्लड सेल्स जल्दी-जल्दी बढ़ने लगते हैं। अतः सुबह खाली पेट पानी पीने की आदत डालें।

6. रोगाणु नष्ट - आधुनिक विज्ञान के परीक्षणों से यह सिद्ध हो गया है कि सुबह जीभ पर थूक और लार में जीवाणुओं को मारने की शक्ति है थूक द्वारा रोगाणु नष्ट हो जाते हैं तो उन्हें रोग बढ़ाने की ताकत नहीं मिल पाती है, ध्यान रहे सुबह उषा पान बिना मुंह को साफ किए किया जाता है।

जलोदर, गठिया, पक्षाघात, कुष्ठ, तीव्र ज्वर और जुकाम में ऊषा पान नहीं करना चाहिए।

पानी के कुछ अन्य फायदे - 

1. प्रातः काल उठकर मुंह में पानी भरकर मुंह फुलाएं व ठंडे पानी से आंखों पर छींटे मारें नेत्र जीवन पर्यंत स्वस्थ रहेंगे, आंखों की जलन, लालिमा, खुजली आदि के     लिए स्वच्छ कुनकुने जल से आंखें धोने से आराम मिलता है।
2. गर्मी के दिनों में घर से बाहर निकलते समय पानी पीकर जाएं, लू नहीं लगेगी।
3. गर्मी के दिनों में सोने से पहले एक गिलास पानी जरूर पीएं ताकि पाचन व पेट की गड़बड़ी न हो।
4. जल जाने पर प्रभावित अंग को ठंडे पानी में तब तक रखें तब तक जलन शांत न हो जाये। फफोला नहीं होगा, आराम मिलेगा।
5. गले में खराश हो, दर्द हो, टॉन्सिल हों कुनकुने पानी में नमक मिलाकर गरारे करें।

स्ट्रांग मसल्स 

1.सोने से पहले - पानी पीने से बॉडी में नई सेल्स तेजी से बनती हैं, इससे मसल्स स्ट्रांग होती हैं।
2.वेस्ट निकालें  - सोने से पहले पानी पीने से सुबह यूरिन के जरिये जो बॉडी का वेस्ट निकल जाता है, इससे किडनी इन्फेक्शन का खतरा टलता है।
3.स्ट्रेस घटाएं - सोने से पहले पानी पीने से ब्रेन रिलैक्स होता है और नींद अच्छी आती है। इससे स्ट्रेस कम होता है। 

पानी कब नहीं पीना चाहिए

1. चिकनाई वाले पदार्थ अथवा मीठा खाने के तुरंत बाद पानी पीने से खांसी और गले के रोग होने की संभावना रहती है।
2. धूप में चलकर गर्मी में बाहर से आने अथवा व्यायाम के पश्चात् जब तक पसीना पूरा सूख न जाये पानी नहीं पीना चाहिए। जुकाम होने की संभावना रहती है।
3. चिकित्सकों की दृष्टि में मूत्र व शौच के तत्काल बाद भी पानी नहीं पीना चाहिए।
4. जिन लोगों को बार-बार या अधिक पेशाब की आदत हो उन्हें बाधा पहुंचती है।
5. खाना खाने के तत्काल बाद भी पानी नहीं पीना चाहिए। इससे वजन बढ़ता है, इनडाइजेशन होगा व बीपी. बढ़ सकता है। अतः भोजन के 1/2 घंटे बाद पानी पीयें।

राजस्थान आयुर्वेदिक यूनिवर्सिटी जोधपुर के डॉ. श्री अरुण दाधीच के अनुसार खाना खाने के बाद पानी पीने से कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। डॉ. श्री दाधीच कहते हैं, कि अगर पानी सही समय पर सही मात्रा में पिया जाए तो यह दवा का काम करता है, लेकिन यदि गलत समय पर पिएंगे तो इससे बीमारियों की संभावना बढ़ती है।

डॉ. अरूण बता रहे हैं, कि कब और कितना पानी पीने से किन-किन बीमारियों से बच सकते हैं।

1 - पानी को घुट-घुट धीरे-धीरे चन्द स्वर (जब श्वास बायें नथुने नकसोरे से चले) में पीना चाहिए और शरीर के तापक्रम पर हो जाने के पश्चात् पानी को निगलना चाहिए।

     सूर्य स्वर भोजन करे चन्द्र स्वर पीवे नीर, ।
      बीमारी दूर रहे सुखी रहे शरीर ।। 

2. प्रत्येक भोजन के बाद डेढ से 2 घंटे पहले पर्याप्त पानी पीना उत्तम रहता है, ऐसा करने से पेट के अन्दर अपचित आहार जो सड़ता रहता है पानी में पूर्णतया घुल जाता है। पाचन संस्थान एवं पाचन रस ग्रंथिया सबल एवं स्वस्थ बनती हैं।

3. थकावट होने अथवा प्यास लगने पर पानी धीरे-धीरे घूंट-घूंट पीना लाभप्रद होता है। दिन में 2/3 घंटे के अंतर पर पानी अवश्य पीना चाहिए। क्योंकि इससे अन्त स्त्रावी ग्रंथियों का श्राव पर्याप्त मात्रा में निकलता रहता है ।

4. उच्च अम्लता जैसे खट्टी डकार, पेट में जलन, अपचन में अधिक पानी पीना चाहिए क्योंकि यह पेट तथा पाचन नली की अंदर की कोमल सतह को जलन से बचाता है।

पानी से शरीर के अंदर की गर्मी व गंदगी दूर होती है। 

खाने से पहले एक गिलास पानी पीने के फायदे - 

1.डाइजेशन अच्छा रहेगा वजन कम होगा।

2.त्वचा की चमक बढ़ेगी। ऊर्जा मिलेगी डलनेस दूर होगी।

3.मधुमेह से बचाव होगा। 

"प्रत्येक भोजन के बाद डेढ से 2 घंटे पहले पर्याप्त पानी पीना उत्तम रहता है, ऐसा करने से पेट के अन्दर अपचित आहार जो सड़ता रहता है पानी में पूर्णतया घुल जाता है। पाचन संस्थान एवं पाचन रस ग्रंथियां सबल एवं स्वस्थ बनती हैं।"

अलग-अलग समय पर पानी पीने के खास फायदे -

1. प्रातः उठते ही एक लीटर पानी पीयें इससे पेट की प्राब्लम दूर होगी। नहाने से पहले एक गिलास पानी पीयें ब्लड प्रेशर नियंत्रण में रहेगा।
2. चाय या कॉफी पीने से पहले एक गिलास पानी पीयें एसिडिटी नहीं होगी।
3. व्यायाम से पहले एक गिलास पानी पीयें एनर्जी मिलती है, पानी की कमी नहीं होगी। 

पानी पीने के नियम

आयुर्वेद के अनुसार पानी हमेशा बैठकर पीना चाहिए, खड़े-खड़े पानी पीने से गैस, वात विकार, घुटने तथा अन्य जोड़ों के दर्द, दृष्टि दोष तथा श्रवण विकार आदि होते हैं।

संपर्क करे: आभांश जैन

वार्ड नं. 16 बंदा रोड, भवानीमण्डी (राज.)
मो. 8561982262

सोर्स -जल चेतना, 1 जनवरी 2020, राष्ट्रीय जलविज्ञान संस्थान, रुड़की


 

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