/sub-categories/interviews
साक्षात्कार
केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का साक्षात्कार
Posted on 22 Aug, 2019 11:24 AMजल शक्ति के नए मंत्रालय का ध्यान जागरुकता, तकनीकी सहायता और हैंड होल्डिंग पर होगा। जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने यह समझाते हुए कहा कि पानी एक राज्य का विषय है, यह दृष्टिकोण आवश्यक है। साथ ही, पानी से संबंधित संविधान में उल्लेखित विषय नहीं हैं, जहां केंद्र को कानून पारित करने का अधिकार है।
तराजू में एक तरफ नमक तो दूसरी तरफ मेवा
Posted on 17 Aug, 2018 06:39 PMलघु वनोपज (minor forest produce - MFP) पर आदिवासियों का एकाधिकार होने के बावजूद वे उसके उचित दामों से वंचित हैं। बस्तर क्षेत्र में आदिवासी चिरौंजी जैसे महंगे मेवे को नमक के भाव बेचते हैं। तराजू में एक तरफ नमक होता है तो दूसरी और मेवा (ड्राइफूड) लघु वनोपज
कृषि विज्ञान में भी बेहतर करियर
Posted on 30 Apr, 2018 01:49 PM
वर्तमान दौर में जबकि शिक्षा के क्षेत्र में तरह-तरह की सम्भावनाएँ सजीव हो रही हैं तो कृषि विज्ञान भी करियर के क्षेत्र में मील का पत्थर बन सकता है। सरकार भी इस समय कृषि विज्ञान की तरफ ज्यादा मुखातिब है। इसी के मद्देनजर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. अखौरी वैशम्पायन से हमारे संवाददाता सोहनलाल ने विस्तृत बातचीत की। प्रस्तुत है उसी के अंश
युद्ध और शांति के बीच जल - भाग चार
Posted on 21 Apr, 2018 07:03 PM
(प्रख्यात पानी कार्यकर्ता श्री राजेन्द्र सिंह के वैश्विक जल अनुभवों पर आधारित एक शृंखला)
इजराइली जल प्रबन्धन - दादागिरी भी, समझदारी भी
इजराइल का फिलिस्तीन की पानी पर दादागिरी का वर्णन आप सुना चुके। इससे पहले कि आप इजराइल के पानी प्रबन्धन के बारे में बताएँ, बेहतर होगा कि वहाँ से जुड़े पानी का कोई और विवाद हो तो पाठकों के साथ शेयर करें?
हाँ, हैं न। इजराइल और जाॅर्डन के बीच पानी का विवाद बहुत पुराना है। यह विवाद, जाॅर्डन नदी के रेपेरियन राइट से जुड़ा है।
युद्ध और शान्ति के बीच जल
Posted on 20 Mar, 2018 06:11 PMप्रख्यात पानी कार्यकर्ता राजेन्द्र सिंह के वैश्विक जल अनुभवों पर आधारित एक शृंखला
विश्व जल दिवस, 22 मार्च 2018 पर विशेष
यह दावा अक्सर सुनाई पड़ जाता है कि तीसरा विश्व युद्ध, पानी को लेकर होगा। मुझे हमेशा यह जानने की उत्सुकता रही कि इस बारे में दुनिया के अन्य देशों से मिलने वाले संकेत क्या हैं? मेरे मन के कुछेक सवालों का उत्तर जानने का एक मौका हाल ही में मेरे हाथ लग गया। प्रख्यात पानी कार्यकर्ता राजेन्द्र सिंह, पिछले करीब ढाई वर्ष से एक वैश्विक जलयात्रा पर हैं। इस यात्रा के तहत वह अब तक करीब 40 देशों की यात्रा कर चुके हैं। यात्रा को 'वर्ल्ड पीस वाटर वाॅक' का नाम दिया गया है। मैंने राजेन्द्र सिंह से निवेदन किया और वह मेरी जिज्ञासा के सन्दर्भ में अपने वैश्विक अनुभवों को साझा करें और वह राजी भी हो गए। मैंने, दिनांक 07 मार्च, 2018 को सुबह नौ बजे से गाँधी शान्ति प्रतिष्ठान के कमरा नम्बर 103 में उनसे लम्बी बातचीत की। प्रस्तुत हैं राजेन्द्र सिंह जी से हुई बातचीत के कुछ महत्त्वपूर्ण अंश
इस वक्त जो मुद्दे अन्तरराष्ट्रीय तनाव की सबसे बड़ी वजह बनते दिखाई दे रहे हैं, वे हैं - आतंकवाद, सीमा विवाद और आर्थिक तनातनी। निःसन्देह, सम्प्रदायिक मुद्दों को भी उभारने की कोशिशें भी साथ-साथ चल रही हैं। स्वयं को राष्ट्रवादी कहने वाली ताकतें अपनी सत्ता को निवासी-प्रवासी, शिया-सुन्नी, हिन्दू-मुसलमान जैसे मसलों के उभार पर टिकाने की कोशिश कर रही हैं। ऐसे में यह कथन कि तीसरा विश्व युद्ध, पानी को लेकर होगा; आगे चलकर कितना सही साबित होगा?
प्रकृति और स्त्री पर आधिपत्य की आलोचना है इको फेमिनिज्म
Posted on 15 Mar, 2018 05:11 PMसाहित्य उत्सव मनाने की चीज नहीं है। फिलहाल जो साहित्योत्सव चल रहा है उसके पीछे व्यापार की आँखें हैं। वह उत
हमारा लक्ष्य पानी की हर बूँद का उपयोग
Posted on 03 Feb, 2018 11:45 AMदेश का एक बड़ा भू-भाग सूखे की मार झेल रहा है। सरकार लगातार इससे निबटने के लिये कई कार्य योजना पर कार्य कर रही है, जिसमें राज्य भी सहयोग कर रहे हैं। कृषि के विकास के लिये सरकार ने कई योजनाओं को कार्यरूप भी दिया है। नई योजनाओं को कैसे और किस रूप में लागू किया जा रहा है, ऐसे तमाम सवालों के उत्तर जानने के लिये केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह से नवोत्थान से खास बातचीत की। पेश है बातचीत के म