पुस्तकें और पुस्तक समीक्षा

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पुरोवाक्
Posted on 21 Jan, 2017 04:16 PM
जब वाचिक परम्परा अतीत की चीज होती चली जा रही हो तब सीमित दाय
सामाजिक एवं सांस्कृतिक इतिहास
Posted on 21 Jan, 2017 04:11 PM

तालाब एवं समाज के अन्तः सम्बन्धों, रखवाली से लेकर इसकी व्यवस्था में जन-भागीदारी ने इन जला

श्रद्धा-भाव की जरूरत
Posted on 20 Jan, 2017 04:31 PM
आप सभी लोग मध्य प्रदेश के शहरों में एक मोहल्ला और गली को जानत
saaf mathe ka samaj
मन्ना: वे गीत फरोश भी थे
Posted on 20 Jan, 2017 04:04 PM
कोई भी पतन, गड्ढा इतना गहरा नहीं होता, जिसमें गिरे हुए को स्न
Bhawani Prasad Mishra
असभ्यता की दुर्गन्ध में एक सुगंध
Posted on 20 Jan, 2017 03:43 PM
बीस-तीस बरस पहले कुछ लोग मजबूरी का नाम महात्मा गाँधी मानते थे
saaf mathe ka samaj
भगदड़ में पड़ी सभ्यता
Posted on 20 Jan, 2017 12:06 PM
पूरी दुनिया को रौंदने वाले इस विकास से पहले लगभग सभी समाजों म
saaf mathe ka samaj
थाली का बैंगन
Posted on 20 Jan, 2017 11:45 AM
हमें यह तय करना होगा कि हम एक ऐसे बाजार के लिये तैयार हैं, जि
saaf mathe ka samaj
माटी, जल और ताप की तपस्या
Posted on 16 Jan, 2017 04:42 PM
राजस्थान की कुण्डली कम-से-कम जल के मामले में ‘मंगली’ रही है।
saaf mathe ka samaj
भूमिका - नरक जीते देवसर
Posted on 12 Jan, 2017 04:36 PM
पौराणिक ग्रंथों में प्राकृतिक सन्तुलन पर बहुत चिन्तन-मंथन हुआ है। मत्स्य पुराण में तालाबों, कुओं और बावड़ियों के महत्त्व पर कहा गया है

दश कूप समा वापी, दशवापी समोह्नद्रः।
दशह्नद समः पुत्रों, दशपुत्रो समो द्रमुः।

नरक जीते देवसर
বিন্দুতে সিন্ধু
Posted on 12 Jan, 2017 10:24 AM
ভক্তিস্নাত হয়ে ঋষি-কবিরা বলেছেন, ‘বিন্দুতেই সিন্ধু’ l ঘর সংসারে ডুবে থাকা গৃহস্থ মানুষ প্রথমে হৃদয়ে এবং তারপর নিজেদের ব্যবহারিক জীবনে এমনভাবে এই কথাটিকে বিকশিত করেছে, দেখে বিস্ময়ের অবধি থাকে না l
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