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पुस्तकें और पुस्तक समीक्षा
नैनीताल नगर पालिका कमेटी
Posted on 26 Nov, 2019 12:24 PMनैनीताल के लचीले तथा भंगुर पर्यावरण और स्थानीय विशिष्टताओं के मद्देनजर यहाँ योजनाबद्ध ढंग से एक नगर बसाने के लिए
पिलग्रिम लॉज में पहला क्रिसमस
Posted on 18 Nov, 2019 04:49 PMपीटर बैरन 23 अक्टूबर, 1843 को पीलीभीत से चलकर 25 अक्टूबर को लोहाघाट होते हुए लोधिया (अल्मोड़ा) पहुँचे। 27 अक्टूबर को वापस लोहाघाट गए। एक नवम्बर को वहाँ से चले और अल्मोड़ा होते हुए 4 नवम्बर, 1843 तीसरी बार नैनीताल पहुँचे। उस समय नैनीताल में एक बहुत बड़ा किलेनुमा मकान बन रहा था। पाँच दूसरे बंगलों का निर्माण शुरू हो चुका था। पर कोई भी बंगला अभी पूरी तरह बनकर तैयार नहीं हुआ था। उस साल पाँच नवम्बर क
इंग्लैंड में स्वच्छता अभियान और भारत में स्वच्छ नगर
Posted on 13 Nov, 2019 10:47 AM14वीं शताब्दी के दूसरे दशक के बाद विश्व के अनेक देशों में पारिस्थितिक तंत्र का सन्तुलन गड़बड़ा गया था। उस दौरान यूरोप अनेक पर्यावरणीय संकटों से जूझ रहा था। पारिस्थितिक तंत्र के गड़बड़ा जाने से यूरोप में मिट्टी में प्रदूषण बढ़ गया, जिस कारण मिट्टी की उर्वरता कम हो गई। अनाज की उपज घट गई। परिणामस्वरूप भुखमरी बढ़ी और अकालों का युग आ गया। अकाल और भुखमरी से लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो गई। म
बैरन का दूसरा नैनीताल दौरा
Posted on 08 Nov, 2019 12:48 PMदिसम्बर, 1842 में पीटर बैरन दूसरी बार नैनीताल आए। बैरन 9 दिसम्बर को बरेली से भीमताल को रवाना हुए। उनके तराई पहुँचने तक रात हो गई थी। उन्होंने हल्द्वानी से पालकी में बैठकर रात में तीन घंटे का सफर तय किया। उसी रोज देर रात भीमताल पहुँचे गए। बैरन के नैनीताल की पहली यात्रा के दोनों साथी जे.एच.बैटन और कैप्टन वेलर भीमताल के बंगले में पहले से ही उनकी प्रतीक्षा कर रहे थे। इस बार बैरन अपने साथ बीस फीट लम