पुस्तकें और पुस्तक समीक्षा

Term Path Alias

/sub-categories/books-and-book-reviews

थार की गहराई से
Posted on 22 Apr, 2018 12:15 PM

thar
जल का प्रणय निवेदन
Posted on 21 Apr, 2018 11:12 AM


आतुर जल बोला माटी से
मैं प्रकृति का वीर्य तत्व हूँ,
तुम प्रकृति की कोख हो न्यारी।
मैं प्रथम पुरुष हूँ इस जगती का,
तुम हो प्रथम जगत की नारी।
नर-नारी सम भोग विदित जस,
तुम रंग बनो, मैं बनूँ बिहारी।
आतुर जल बोला माटी से....
न स्वाद गंध, न रंग तत्व,
पर बोध तत्व है अनुपम मेरा।
भूरा पीला लाल रंग सुन्दर,

Water
विकास की विकृत अवधारणा
Posted on 20 Apr, 2018 02:54 PM

विज्ञान की गरुड़-उड़ान धरती पर चल रहे सभी मानवी कार्य-कलापों-खेती, उद्योग, आर
Book cover
×