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समाचार और आलेख
मुख्यमंत्री की प्रेस वार्ता से ‘नमामि गंगे’ नदारद
Posted on 19 Sep, 2017 11:45 AMउत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत अपने छः माह के कार्यकाल की उपलब्धियों को लेकर पत्रकारों से मुखातिब हुए। हालांकि वे बहुत खुश दिख रहे थे, मगर कुछ पर्यावरणीय सवाल उनके कार्यक्रमों को लेकर खड़े हो गए हैं। उन्होंने हर एक विकासीय योजना को रोजगार से जोड़ा है। रोजगार का सपना दिखाया गया, प्राकृतिक संसाधनों के बेहद दोहन करके उसे रोजगार का खास हथ
बिजली की तर्ज पर हो पानी का बँटवारा
Posted on 11 Sep, 2017 10:43 AMनदियों को आपस में जोड़ने के लिये जितनी ज़मीन की जरूरत होती है इस योजना में उसकी एक तिहाई
पैरों से नियंत्रित होने वाला नल बचाएगा पानी
Posted on 10 Sep, 2017 10:16 AMबाथरूम और किचन में इस्तेमाल होने वाले साधारण नलों से पानी की बहुत बर्बादी होती है। इस समस्या का समाधान निकालने के लिये सेंसर और लेजर तकनीक से नियंत्रित होने वाले नल (टैब) बनाए जा चुके हैं, लेकिन इनकी कीमत अधिक है। हिमाचल प्रदेश स्थित राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) हमीरपुर के एक छात्र ने इसका सस्ता और सरल समाधान निकाला है। पैरों से नियंत्रित किया जा सकने वाला यह नल (फुट टैब) न सिर्फ
प्रधान व ग्रामीणों ने समझी जल संरक्षण व तालाबों की महत्ता
Posted on 24 Aug, 2017 10:59 AMजिलाधिकारी उरई (जालौन) ने कदौरा ब्लॉक के ग्राम अकबरपुर इटौरा में जल संरक्षण पर कराए गए कार्यों का लोकार्पण और विकास कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने अच्छा काम करने वालों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। गाँव के ऐतिहासिक तालाब (गुरु रोपण का तालाब) जो मुगल बादशाह अकबर द्वारा बनवाया गया था व अन्य तालाबों की महत्ता समझते हुए उनके पुनरुद्धार के लिये
नदी विज्ञान की नजर से नदी विकास
Posted on 18 Aug, 2017 01:01 PM
नदी, धरती पर पानी का हस्ताक्षर है। वह हस्ताक्षर जब धरती पर अपनी पहचान स्थापित करता है तो वह अकेला नहीं होता। उसमें सम्मिलित होता है धरती का वह हिस्सा जिसे कछार कहते हैं। उसमें सम्मिलित होती हैं वे छोटी-छोटी सहायक नदियाँ जो उस हस्ताक्षर की पहचान भी होती हैं। इसी कारण नदी और उसकी सहायक नदियों के बीच अंत-रंग सम्बन्ध होता है। वही सम्बन्ध नदी के प्रवाह का आधार है। उस सम्बन्ध को समझने के लिये वृक्ष का उदाहरण सबसे अधिक सटीक उदाहरण है। हर वृक्ष के तीन प्रमुख भाग होते हैं - धरती के नीचे जड़ों का ताना-बाना, धरती के ऊपर तना और शाखा तंत्र। शाखा तंत्र और तना, वृक्ष के वे भाग हैं, जिनसे वृक्ष के जीवित होने का अनुमान लगता है पर जब बात मुरझाते वृक्ष को जिन्दा करने की होती है तो बिना पढ़ा-लिखा व्यक्ति भी तने या शाखा तंत्र पर पानी नहीं डालता। वह उस धरती को पानी देता है जो जड़ों के ऊपर स्थित है।
मृदा अपरादन रोकने के उपाय | Soil Erosion Prevention in Hindi
Posted on 18 Aug, 2017 12:01 PM
मृदा-अपरदन अथवा भूमि-कटाव भारत की गंभीर समस्या है। मृदा अपरदन के कारण मिट्टी की ऊपरी उपजाऊ सतह का क्षय होने लगता है। मृदा-अपरदन का अर्थ है मृदा कणों का किसी भी वाह्य कारणों जैसे तेज हवा, वर्षा या भूस्खलन द्वारा मिट्टी का स्थानान्तरण होना।