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उत्तराखंड
सड़कों पर कूड़ा बीनने वाले नौनिहालों का भविष्य संवारेगा नगर निगम
Posted on 01 Feb, 2019 01:16 PMदेहरादून: नगर निगम ने गली-मोहल्लों और सड़कों पर कूड़ा बीनने वाले बच्चों का भविष्य संवारने के लिये एक अनूठी पहल की है। इन बच्चों को एजुकेशन से जोड़ने के साथ ही स्वास्थ्य कार्ड, बीमा पॉलिसी की जाएगी, साथ ही इनके परिवार के सदस्यों को स्वरोजगार के लिये प्रेरित किया जा
वन विविधता
Posted on 30 Jan, 2019 02:43 PMपूरा भारत 10 पारिस्थितिकीय जैव-विविधता क्षेत्रों में बँटा हुआ है। पिथौरागढ़ व चम्पावत जिले पश्चिमी हिमालय के पारिस्थितिकी क्षेत्र में शामिल हैं। यह क्षेत्र नेपाल के पश्चिम में काली नदी के किनारे-किनारे पिथौरागढ़-चम्पावत से जम्मू कश्मीर तक फैला हुआ है। 1960 में सामरिक महत्व के कारण अल्मोड़ा जिले की नेपाल व चीन की सीमा से लगी तहसीलों को मिलाकर बनाया गया पिथौरागढ़ जिला, 1997 में पिथौरागढ़ एवं चम्पावतजैविक प्रचुरता और प्रतिनिधित्व
Posted on 24 Jan, 2019 05:47 PMकेन्द्रीय विषय वस्तु को छूने से पूर्व, हमारा प्रयास विषय की गहनता व वैश्विक स्वीकार्यता का एक परिचय कराने का रहेगा। कोशिश यह भी रहेगी कि चयनित क्षेत्र की बात करने से पूर्व हम हिमालय, जिसका छोटा सा प्रतिनिधि क्षेत्र है पिथौरागढ़-चम्पावत, के सन्दर्भ में इस विषय वस्तु की झलक देखें।उद्गम स्थल पर ही मैली हो रही रिस्पना
Posted on 21 Jan, 2019 04:59 PM मसूरी: रिस्पना नदी के उद्गम स्थल में क्षेत्र के कई बड़े होटलों और स्कूलों ने अपना सीवर डाल दिया है। जिससे रिस्पना को पुनर्जीवित करने का प्रयास प्रभावित हो रहा है। पिछले साल मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रिस्पना से ऋषि पर्णा अभियान के तहत रिस्पना नदी को पुनर्जीवित करने का प्रयास शुरू किया था।
सूखे सकलाना को लहलहाते जंगल में बदला
Posted on 19 Jan, 2019 11:40 AMनई टिहरी: कोई अपना पूरा जीवन पौधे लगाने और उनका संरक्षण करने में लगा सकता है। यकीन करना मुश्किल है। लेकिन सच मानिये, टिहरी जिले के सकलाना पट्टी के पुजारगाँव निवासी विश्वेश्वर दत्त सकलानी ऐसी ही शख्सियत थे। जिन्होंने आठ साल की उम्र से पौधे ल
एक था सरोवर सोर घाटी में
Posted on 07 Jan, 2019 05:09 PMबचपन में अपने ‘मुलुक’ के बारे में पूछता था तो दादी बताती थीं एक ऐसे मैदान के बाबत, जिसमें मीलों तक पत्थर दिखते ही न थे। पहली बार सोर घाटी देखी तो लगा कि दादी ने अतिश्योक्ति की थी। वर्षों घूमा, सर्वेक्षण किया, अध्ययन किया, किन्तु मैदान न दिखा। दिखे पहाड़ ही पहाड़, पत्थर ही पत्थर। थल-सेनाध्यक्ष जनरल विपिन चन्द्र जोशी के आग्रह पर पानी की तलाश में एक बार निकला तो अकस्मात दादी अम्मा का बताया मैदान प
पिथौरागढ़ का भूगर्भीय परिचय
Posted on 05 Jan, 2019 11:41 AMदक्षिणी छोर से यदि आरम्भ करें तो भूगर्भीय दृष्टिकोण से चम्पावत-पिथौरागढ़ क्षेत्र को चार भू-भागों में बाँटा गया है-शिवालिक, लघु हिमालय, उच्च हिमालय तथा टैथिस हिमालय। ये भू-भाग एक-दूसरे से चार प्रमुख भ्रंशों या दरारों द्वारा विभाजित हैं: अग्रगामी भ्रंश (हिमालयन फ्रन्टल फाल्ट-HFF), मुख्य सीमा भ्रंश (मेन बाउन्ड्री थ्रस्ट-MBT), मुख्य मध्य भ्रंश (मेन सेन्ट्रल थ्रस्ट-MCT), तथा हिमाद्रि भ्रंश (ट्रान्स
पिथौरागढ़ का भौगोलिक स्वरूप
Posted on 04 Jan, 2019 01:18 PMकिसी भी क्षेत्र का भूगोल उसकी पर्यावरणीय, सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, आर्थिक एवं भाषाई स्वरूप के साथ-साथ उसके लोक जीवन के सभी पक्षों को प्रभावित और निर्धारित करता है।
करोड़ों की योजना से बदलेगी किसानों की आर्थिकी
Posted on 02 Jan, 2019 12:44 PMकिसानों की आय दोगुनी करने के लिये सरकार नए साल से आइएमए विलेज, क्लस्टर आधारित खेती, औद्यानिक विकास परियोजना, परम्परागत कृषि उत्पादों की मार्केटिंग समेत 700 करोड़ रुपए की कृषि एवं बागवानी परियोजनाओं को लागू करेगी। इन योजनाओं के माध्यम से फसलों का उत्पादन बढ़ाकर किसानों की आय को बढ़ाया जाएगा।
वन विभाग बचाएगा 34 दुर्लभ वनस्पतियाँ
Posted on 02 Jan, 2019 12:36 PM उत्तराखण्ड में पाई जाने वाली हिमालय की 34 दुर्लभ वनस्पतियों को वन विभाग बचाएगा। इसके लिये वन विभाग ने कार्य योजना तैयार कर ली है। कार्ययोजना के तहत हर साल होने वाले पौधरोपण अभियान के दौरान 10 प्रतिशत सिर्फ इन दुर्लभ वनस्पतियों का ही रोपण किया जाएगा।