उत्तर प्रदेश

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समाप्त हो रहे हैं लखनऊ के वेटलैंड और तालाब
Posted on 16 Mar, 2014 11:45 AM वेटलैंड ताजे पानी का एक विशिष्ट स्रोत है जहां वर्षा ऋतु में पानी का भंडारण है। मानसून सत्र का अतिरिक्त जल वेटलैंड में जाकर मिल जाता है। इस प्रकार वेटलैंड मैदानी एवं जलीय भागों में साम्य बनाए रखता है। वेटलैंड के भूमि की यह विशेषता होती है कि मृदा जल से पूरी तरह भरपूर होती है।

लखनऊ में रायबरेली रोड पर हैवत मऊ मण्वैया नामक ग्राम के निकट हैवत मऊ लेक स्थित है।
क्या हाल कर दिया हमने जीवनदायिनी गोमती का
Posted on 16 Mar, 2014 11:09 AM आदिकाल से बह रही गोमती को पहले जमाने में मात्र म्युनिसपैलिटी का कचरा ढोने का नाला नहीं माना जाता था। सांप की भांति बलखाती कोई नदी बहती है तो अपने धारा को सीधा धरने का वह निरंतर प्रयास करती रहती है। इस प्रयास में पुरानी धारा के टुकड़े छोटी-छोटी झीलों (ऑक्स-बो लेक) के रूप में छोड़ती जाती है। भारतीय सर्वेक्षण विभाग के 1912 के नक्शे पर यदि नजर डालें तो पूरे लखनऊ में लगभग 300 झीलें थीं आबादी के साथ जमी
गोमती को राज्य नदी घोषित किया जाए
Posted on 16 Mar, 2014 11:00 AM

डॉ. वेंकटेश का सुझाव गोमती-गंगा यात्रा दल लखनऊ वापस पहुंचा

गोमती का आंचल धो रहीं सहायक नदियां
Posted on 16 Mar, 2014 10:36 AM शहर के नाले मैली कर रहे गोमती, हजारों ट्रक कूड़े से दब गए गोमा मैया के स्रोत
पानी को तरसेंगे 15 लाख लोग
Posted on 16 Mar, 2014 10:23 AM लखनऊ, 3 अप्रैल : शायद आपको मालूम नहीं होगा कि 18 मार्च को आपके नल की धार पतली क्यों थी?
गोसाईंपुरवा में ‘रुपयों के रन’ बनाते हैं बच्चे
Posted on 16 Mar, 2014 10:09 AM

घंटे भर गोमती की गोद में खेलकर 20 रुपए झटक लेती है सुमन

गोमती को बचाने की पहल
Posted on 16 Mar, 2014 09:44 AM नदियों से लोक आस्था का गहरा नाता है। वे जीवनदायिनी है, सभ्यता और संस्कृति के सभी बदलाव इन्हीं के इर्द-गिर्द हुए हैं। लेकिन आज जब देश तरक्की के नए सोपान गढ़ रहा है, नदियां विषाक्त होने लगी हैं, उनके स्रोत संकुचित हो गए हैं। यमुना को बचाने के लिए साधु-संतों और किसानों ने दिल्ली में धरना दिया। उधर गोमती का दर्द जानने के लिए कुछ समाजसेवियों, वैज्ञानिकों और परिवर्तनकारी युवाओं ने यात्रा निकाली। पेश
एक अनूठी ज्ञान यात्रा
Posted on 16 Mar, 2014 09:28 AM गोमती गंगा यात्रा अपनी तरह की एक अनूठी ज्ञान यात्रा साबित हुई। यात्रा पीलीभीत से करीब 30 किलोमीटर दूर हिमालय की तलहटी में बसे कस्बानुमा गांव माधौ टाण्डा से 27 मार्च को सुबह शुरू हुई और तीन अप्रैल को वाराणसी के कैथी में समाप्त हुई। ऐसा मानते हैं कि लखनऊ, सुल्तानपुर और जौनपुर में शहर के बीचोंबीच बहने वाली गोमती नदी माधौ टाण्डा के गोमत ताल से भूगर्भ जलधारा के र
आस्था के ‘बेल पत्र’ बुलबुलों में खो जाते हैं
Posted on 16 Mar, 2014 09:00 AM

उद्गम सूखा, सहायक नदियां सूखी पर जगह-जगह बढ़ रहा पानी

औषधीय पौधों से समृद्ध गोमती-गंगा संगम
Posted on 15 Mar, 2014 09:07 AM शंखपुष्पी समेत कई प्रजातियों की हैं जड़ी-बूटियां, गेंदा की खेती का केंद्र है यह स्थान
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