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उत्तर प्रदेश
टिकाऊ कृषि हेतु जल संचयन एवं सिंचाई प्रबंधन में संरक्षित कृषि का योगदान
Posted on 31 Jul, 2024 08:59 AMवर्तमान में भारत की भौगोलिक स्थिति, परिस्थिति, जलवायु परिवर्तन के साथ जनसंख्या वृद्धि, बढ़ता हुआ औद्योगिकीकरण, शहरों का विस्तार, सड़कों का विकास, संस्थानों की संख्या में वृद्धि एवं बाजारों के प्रसार आदि के कारण कृषि-योग्य भूमि में दिन-प्रतिदिन कमी होती जा रही है। जिसके कारण पोषण सुरक्षा हेतु प्रति व्यक्ति जितना अनाज, सब्जी, फल एवं दूध, प्राप्त होना चाहिए उसकी मात्र अर्धपूर्ति ही हो पा रही है। इ
20 साल में उत्तर भारत ने बर्बाद कर दिया 450 घन किमी भूजल
Posted on 09 Jul, 2024 07:51 AMआने वाले दिनों में जल संकट गहरा सकता है। क्योंकि धरती के नीचे पानी का तेजी से घट रहा है। यह जानकारी एक स्टडी में सामने आई है। स्टडी के मुताबिक उत्तर भारत में साल 2002 से लेकर 2021 तक लगभग 450 घन किलोमीटर भूजल (ग्राउंड वाटर) घट गया और निकट भविष्य में जलवायु परिवर्तन के कारण इसकी मात्रा में और भी गिरावट आएगी। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) गांधीनगर में सिविल इंजीनियरिंग और पृथ्वी विज्ञान के
भाजपा-कांग्रेस दोनों दलों के घोषणा पत्रों में बस इतना सा है पर्यावरण
Posted on 01 May, 2024 09:40 AMपर्यावरण का मुद्दा पिछले दशकों में काफी चर्चा में रहा है। ग्लोबल वार्मिंग की बात हो या पीने के पानी की समस्या या फिर गिरता भू-जल स्तर, सभी चिंता के विषय हैं। ग्लोबल वार्मिंग से बढ़ती गर्मी ने प्रथम चरण के औसतन मतदान को भी प्रभावित किया है। भाजपा का 'पर्यावरण अनुकूल' बनाम कांग्रेस का 'पर्यावरण न्याय' है, पर दोनों केवल नारों जैसे ही लगते हैं। फिलहाल धरती के खतरे के प्रति लापरवाही ही दिखती है।
पर्यावरण संरक्षण में लोक भारती का योगदान रामसर साइट में डॉल्फिन संरक्षण अभियान
Posted on 13 Nov, 2023 02:55 PMडॉल्फिन का ऐतिहासिक एवं प्राचीन नाम गांगेय है। आज भी गंगा के प्रति समर्पित अनेक लोग अपने उपनाम में गांगेय शब्द का प्रयोग करते हैं। गांगेय की महत्ता सनातन धर्म में गंगा के साथ-साथ ही चलती है। आधुनिक भारत के इतिहास में इसका वर्णन लिखित रूप से सम्राट अशोक के कार्यकाल से मिलता है जिनके द्वारा बिहार के वर्तमान भागलपुर में विक्रमशिला के पास एक डॉल्फिन अभ्यारण्य का तैयार कराया जाना है। उनके समय में इस
10 जनवरी तक यमुना, हिंडन के बाढ़ क्षेत्रों का सीमांकन करें: एनजीटी
Posted on 10 Nov, 2023 01:41 PMएनजीटी ने अनियंत्रित अवैध निर्माण और अतिक्रमण के कारण हिंडन बाढ़ के मैदानों के तेजी से गायब होने का आरोप लगाने वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि बाढ़ के मैदानों के सीमांकन की कवायद चल रही है यमुना और हिंडन नदियों के बाढ़ क्षेत्रों के निर्धारण का अभ्यास लंबित है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बांध और नदी के बीच का क्षेत्र बाढ़ क्षेत्र है जिसे पहचाना और निर्धारित किया जाना चाहिए।
झांसी के लक्ष्मी ताल के अंदर कराये जा रहे कंक्रीट के निर्माण पर एनजीटी ने जताई आपत्ति
Posted on 18 Oct, 2023 02:28 PMझांसी: उत्तरप्रदेश के झांसी जिले में स्थित 400 साल पुराने ऐतिहासिक लक्ष्मी ताल के अंदर कराये जा रहे कंक्रीट के निर्माण पर एनजीटी ने आपत्ति जताई है। एनजीटी का यह फैसला गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) के कार्यकर्ता नरेंद्र कुशवाहा की जनहित याचिका की सुनवाई पर हुआ है ।
स्वच्छ बड़ा मंगल,आस्था संग पर्यावरण संरक्षण एवं स्वच्छता की पहल
Posted on 28 Jul, 2023 11:48 AMलखनऊ में ज्येष्ठ मास के प्रत्येक मंगल को गली-गली, चौराहे चौराहे पर हनुमानजी की स्मृति में बड़े-बड़े भंडारों का आयोजन होता है। यह भंडारे आस्था के प्रतीक हैं। भक्ति के प्रतीक हैं। श्रद्धा के प्रतीक हैं। निष्ठा के प्रतीक हैं। सेवा और समर्पण के प्रतीक हैं। अब आवश्यकता है बड़े मंगल के भंडारे व्यवस्था के प्रतीक बनें। स्वच्छता के प्रतीक बनें। पर्यावरण संरक्षण के प्रतीक बनें। सम्पूर्ण समाज को संस्कार औ
भारतीय कृषि में आधुनिक - उन्नत सिंचाई विधियां
Posted on 17 May, 2023 03:21 PMभारत के कृषि पर निर्भर होने के कारण सिंचाई इसकी रीढ़ की हड्डी है। कृषि के उपयोग में आने वाली सामग्रियों (इनपुट) में बीज, उर्वरक, पादप संरक्षण, मशीनरी और ऋण के अतिरिक्त सिंचाई की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। सिंचाई सूखी भूमि को वर्षा जल के पूरक के तौर पर जल की आपूर्ति की एक विधि है, इसका मुख्य लक्ष्य कृषि है। देश में सिंचाई कुओं, जलाशयों, आप्लावन और बारहमासी नहरों तथा बहु-उद्देशीय नदी घाटी परियोजना
टपक सिंचाई विधि
Posted on 17 May, 2023 01:13 PMसाधारणतया किसी फसल अथवा खेत में पानी दिए जाने के ढंग को सिंचाई की विधि कहा जाता है। सिंचाई की उत्कृष्ट अथवा वैज्ञानिक विधि का अभिप्राय ऐसी सिंचाई व्यवस्था से होता है जिसमें सिंचाई जल के साथ उत्पादन के अन्य आवश्यक उपादानों का प्रभावकारी उपयोग एवम् फसलोत्पादन में वृद्धि सुनिश्चित हो सकें। सिंचाई की सबसे उपयुक्त विधि वह होती है जिसमें जल का समान वितरण होने के साथ ही पानी का कम नुकसान हो तथा कम से
सिंचाई की प्रमुख विधियाँ
Posted on 16 May, 2023 03:29 PMआमतौर पर किसी फसल अथवा खेत में पानी दिये जाने के तरीके का सिंचाई की विधि कहा जाता है। सिंचाई की वैज्ञानिक विधि का मतलब ऐसी सिंचाई व्यवस्था से होता है जिसमें सिंचाई जल के साथ उत्पादन के अन्य आवश्यक लागतों का प्रभावकारी उपयोग एवं फलोत्पादन में वृद्धि हो सके। सिंचाई की सबसे उत्तम विधि वह होती है जिसमें जल का एक समान वितरण होने के साथ ही साथ पानी का कम नुकसान होता है और अधिक से अधिक क्षेत्र सींचा