उत्तर प्रदेश

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टिकाऊ कृषि हेतु जल संचयन एवं सिंचाई प्रबंधन में संरक्षित कृषि का योगदान
देश के 3290 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल का लगभग 63 प्रतिशत भाग अभी भी वर्षा द्वारा सिंचित किया जाता है। जल संबंधित इन विषम परिस्थितियों में आय-वर्धक, टिकाऊ, एवं समृद्ध कृषि तभी सम्भव होगी जब हम संरक्षित कृषि तकनीक को बढ़ावा दें अर्थात वर्तमान भारतीय परिस्थिति में संरक्षित कृषि ही एक मात्र ऐसी नूतन तकनीक युक्त कृषि है, जो किसानों के व्यवसाय एवं आय में वृद्धि करने के साथ-साथ जल-संरक्षण एवं सिंचाई क्षमता, दोनों को बढ़ावा देकर हमारे देश के किसानों के टिकाऊ एवं समृद्ध कृषि के सपने को साकार बना सकती है। Posted on 31 Jul, 2024 08:59 AM

वर्तमान में भारत की भौगोलिक स्थिति, परिस्थिति, जलवायु परिवर्तन के साथ जनसंख्या वृद्धि, बढ़ता हुआ औद्योगिकीकरण, शहरों का विस्तार, सड़कों का विकास, संस्थानों की संख्या में वृद्धि एवं बाजारों के प्रसार आदि के कारण कृषि-योग्य भूमि में दिन-प्रतिदिन कमी होती जा रही है। जिसके कारण पोषण सुरक्षा हेतु प्रति व्यक्ति जितना अनाज, सब्जी, फल एवं दूध, प्राप्त होना चाहिए उसकी मात्र अर्धपूर्ति ही हो पा रही है। इ

भारत में खेत में काम करने वाली महिलाएँ (छवि: IWMI फ़्लिकर/हैमिश जॉन एप्पलबी; CC BY-NC-ND 2.0 DEED)
20 साल में उत्तर भारत ने बर्बाद कर दिया 450 घन किमी भूजल
भारत में भूजल स्तर लगातार तेजी से गिर रहा है, उत्तर भारत में यह आंकड़ा और भयानक हो जाता है। आईआईटी की रिपोर्ट में इस पर भयानक आंकड़े सामने आए हैं। चिंताजनक बात यह है कि भूजल की बर्बादी बड़े पैमाने पर हुई है। पिछले 20 साल में उत्तर भारत ने लगभग 450 घन किमी की मूल्यवान भूजल संपदा को नष्ट कर दिया है। पूरी रिपोर्ट में क्या कहा गया है, इसे जानने के लिए पढ़ें। Posted on 09 Jul, 2024 07:51 AM

आने वाले दिनों में जल संकट गहरा सकता है। क्योंकि धरती के नीचे पानी का तेजी से घट रहा है। यह जानकारी एक स्टडी में सामने आई है। स्टडी के मुताबिक उत्तर भारत में साल 2002 से लेकर 2021 तक लगभग 450 घन किलोमीटर भूजल (ग्राउंड वाटर) घट गया और निकट भविष्य में जलवायु परिवर्तन के कारण इसकी मात्रा में और भी गिरावट आएगी। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) गांधीनगर में सिविल इंजीनियरिंग और पृथ्वी विज्ञान के

भूजल, एक सीमित संसाधन (स्रोत: टीवी मनोज, विकिमीडिया कॉमन्स के माध्यम से)
भाजपा-कांग्रेस दोनों दलों के घोषणा पत्रों में बस इतना सा है पर्यावरण

पर्यावरण का मुद्दा पिछले दशकों में काफी चर्चा में रहा है। ग्लोबल वार्मिंग की बात हो या पीने के पानी की समस्या या फिर गिरता भू-जल स्तर, सभी चिंता के विषय हैं। ग्लोबल वार्मिंग से बढ़ती गर्मी ने प्रथम चरण के औसतन मतदान को भी प्रभावित किया है। भाजपा का 'पर्यावरण अनुकूल' बनाम कांग्रेस का 'पर्यावरण न्याय' है, पर दोनों केवल नारों जैसे ही लगते हैं। फिलहाल धरती के खतरे के प्रति लापरवाही ही दिखती है। The issue of environment has been much discussed in the last decades. Be it global warming or the problem of drinking water or falling ground water level, all are matters of concern. The increasing heat due to global warming has also affected the average voting in the first phase. There is BJP's 'Environment Friendly' versus Congress's 'Environment Justice', but both seem just like slogans. At present, there seems to be indifference towards the danger to the earth.
Posted on 01 May, 2024 09:40 AM

पर्यावरण का मुद्दा पिछले दशकों में काफी चर्चा में रहा है। ग्लोबल वार्मिंग की बात हो या पीने के पानी की समस्या या फिर गिरता भू-जल स्तर, सभी चिंता के विषय हैं। ग्लोबल वार्मिंग से बढ़ती गर्मी ने प्रथम चरण के औसतन मतदान को भी प्रभावित किया है। भाजपा का 'पर्यावरण अनुकूल' बनाम कांग्रेस का 'पर्यावरण न्याय' है, पर दोनों केवल नारों जैसे ही लगते हैं। फिलहाल धरती के खतरे के प्रति लापरवाही ही दिखती है।

घोषणा पत्रों में पर्यावरण नाममात्र
पर्यावरण संरक्षण में लोक भारती का योगदान रामसर साइट में डॉल्फिन संरक्षण अभियान
अपर गंगा रामसर साइट में प्रथम बार 2025 में डॉल्फिन की गणना प्रारंभ की गई जिसमें 11डॉल्फिन की गणना की गई। यह स्थिति बहुत ही अच्छी थी क्योंकि नदी पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य का सबसे विश्वसनीय प्रतीक डॉलफिन  होती है। इसके सांस लेने की आवाज के कारण से इसे सूंस के नाम से भी पुकारा जाता है। यह एक दृष्टिहीन स्तनधारी जीव होता है एवं मीठे पानी में ही रहता है। यह जहां होता है वहां का पानी बिना किसी संशय के पीने योग्य होता है। Posted on 13 Nov, 2023 02:55 PM

डॉल्फिन का ऐतिहासिक एवं प्राचीन नाम गांगेय है। आज भी गंगा के प्रति समर्पित अनेक लोग अपने उपनाम में गांगेय शब्द का प्रयोग करते हैं। गांगेय की महत्ता सनातन धर्म में गंगा के साथ-साथ ही चलती है। आधुनिक भारत के इतिहास में इसका वर्णन लिखित रूप से सम्राट अशोक के कार्यकाल से मिलता है जिनके द्वारा बिहार के वर्तमान भागलपुर में विक्रमशिला के पास एक डॉल्फिन अभ्यारण्य का तैयार कराया जाना है। उनके समय में इस

पर्यावरण संरक्षण में लोक भारती का योगदान रामसर साइट में डॉल्फिन संरक्षण अभियान,Pc-लोक सम्मान
10 जनवरी तक यमुना, हिंडन के बाढ़ क्षेत्रों का सीमांकन करें: एनजीटी
रिपोर्ट में कहा गया है कि बांध और नदी के बीच का क्षेत्र बाढ़ क्षेत्र है जिसे पहचाना और निर्धारित किया जाना चाहिए। Posted on 10 Nov, 2023 01:41 PM

एनजीटी ने अनियंत्रित अवैध निर्माण और अतिक्रमण के कारण हिंडन बाढ़ के मैदानों के तेजी से गायब होने का आरोप लगाने वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि बाढ़ के मैदानों के सीमांकन की कवायद चल रही है यमुना और हिंडन नदियों के बाढ़ क्षेत्रों के निर्धारण का अभ्यास लंबित है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बांध और नदी के बीच का क्षेत्र बाढ़ क्षेत्र है जिसे पहचाना और निर्धारित किया जाना चाहिए।

हिंडन
झांसी के लक्ष्मी ताल के अंदर कराये जा रहे कंक्रीट के निर्माण पर एनजीटी ने जताई आपत्ति
जलग्रहण क्षेत्र से तालाब में पानी के प्रवाह पर असर पड़ने की संभावना है और इसके क्षेत्र पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि नगर निगम, झांसी के आयुक्त को लक्ष्मी ताल के बफर जोन के आसपास एलिवेटेड बाउंड्री वॉल और एक मार्ग बनाने के साथ तालाब पर इसके प्रतिकूल प्रभाव या इससे संभावित लाभ के बारे में फिर से रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है Posted on 18 Oct, 2023 02:28 PM

झांसी: उत्तरप्रदेश के झांसी जिले में स्थित 400 साल पुराने ऐतिहासिक लक्ष्मी ताल के अंदर कराये जा रहे कंक्रीट के निर्माण पर  एनजीटी ने आपत्ति जताई है। एनजीटी का यह फैसला गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) के कार्यकर्ता नरेंद्र कुशवाहा की जनहित याचिका की सुनवाई पर हुआ है ।  

झांसी के लक्ष्मी ताल के अंदर कराये जा रहे कंक्रीट के निर्माण,Pc- नरेंद्र कुशवाहा
स्वच्छ बड़ा मंगल,आस्था संग पर्यावरण संरक्षण एवं स्वच्छता की पहल
लखनऊ का गौरव लक्ष्मणपुरी होने में लक्ष्मणपुरी का गौरव श्री राम भक्त हनुमान के होने में हैं और हनुमानजी का गौरव लक्ष्मणपुरी के ज्येष्ठ मास में आयोजित होने वाले बड़े मंगल के भंडारों में है। Posted on 28 Jul, 2023 11:48 AM

लखनऊ में ज्येष्ठ मास के प्रत्येक मंगल को गली-गली, चौराहे चौराहे पर हनुमानजी की स्मृति में बड़े-बड़े भंडारों का आयोजन होता है। यह भंडारे आस्था के प्रतीक हैं। भक्ति के प्रतीक हैं। श्रद्धा के प्रतीक हैं। निष्ठा के प्रतीक हैं। सेवा और समर्पण के प्रतीक हैं। अब आवश्यकता है बड़े मंगल के भंडारे व्यवस्था के प्रतीक बनें। स्वच्छता के प्रतीक बनें। पर्यावरण संरक्षण के प्रतीक बनें। सम्पूर्ण समाज को संस्कार औ

भंडारों का आयोजन,PC-नीड़ पिक्स
भारतीय कृषि में आधुनिक - उन्नत सिंचाई विधियां
भारत के कृषि पर निर्भर होने के कारण सिंचाई इसकी रीढ़ की हड्डी है। कृषि के उपयोग में आने वाली सामग्रियों (इनपुट) में बीज, उर्वरक, पादप संरक्षण, मशीनरी और ऋण के अतिरिक्त सिंचाई की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। सिंचाई सूखी भूमि को वर्षा जल के पूरक के तौर पर जल की आपूर्ति की एक विधि है, इसका मुख्य लक्ष्य कृआप्लावन और बारहमासी
नहरों तथा बहु-उद्देशीय नदी घाटी परियोजनाओं के द्वारा की जाती है।
Posted on 17 May, 2023 03:21 PM

भारत के कृषि पर निर्भर होने के कारण सिंचाई इसकी रीढ़ की हड्डी है। कृषि के उपयोग में आने वाली सामग्रियों (इनपुट) में बीज,  उर्वरक, पादप संरक्षण, मशीनरी और ऋण के अतिरिक्त सिंचाई की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। सिंचाई सूखी भूमि को वर्षा जल के पूरक के तौर पर जल की आपूर्ति की एक विधि है, इसका मुख्य लक्ष्य कृषि है। देश में सिंचाई कुओं, जलाशयों, आप्लावन और बारहमासी नहरों तथा बहु-उद्देशीय नदी घाटी परियोजना

भारतीय कृषि में आधुनिक उन्नत सिंचाई विधियां, PC- Mid
टपक सिंचाई विधि
सिंचाई की उत्कृष्ट अथवा वैज्ञानिक विधि का अभिप्राय ऐसी सिंचाई व्यवस्था से होता है जिसमें सिंचाई जल के साथ उत्पादन के अन्य आवश्यक उपादानों का प्रभावकारी उपयोग एवम् फसलोत्पादन में वृद्धि सुनिश्चित हो सकें। सिंचाई की सबसे उपयुक्त विधि वह होती है जिसमें जल का समान वितरण होने के साथ ही पानी का कम नुकसान हो तथा कम से कम पानी से अधिक क्षेत्र सींचा जा सके ।
Posted on 17 May, 2023 01:13 PM

साधारणतया किसी फसल अथवा खेत में पानी दिए जाने के ढंग को सिंचाई की विधि कहा जाता है। सिंचाई की उत्कृष्ट अथवा वैज्ञानिक विधि का अभिप्राय ऐसी सिंचाई व्यवस्था से होता है जिसमें सिंचाई जल के साथ उत्पादन के अन्य आवश्यक उपादानों का प्रभावकारी उपयोग एवम् फसलोत्पादन में वृद्धि सुनिश्चित हो सकें। सिंचाई की सबसे उपयुक्त विधि वह होती है जिसमें जल का समान वितरण होने के साथ ही पानी का कम नुकसान हो तथा कम से

टपक सिंचाई विधि, Pc- Bhartvarsh
सिंचाई की प्रमुख विधियाँ
सिंचाई जल के साथ उत्पादन के अन्य आवश्यक लागतों का प्रभावकारी उपयोग एवं फलोत्पादन में वृद्धि हो सके। सिंचाई की सबसे उत्तम विधि वह होती है  जिसमें जल का एक समान वितरण होने के साथ ही साथ पानी का कम नुकसान होता है और अधिक से अधिक क्षेत्र सींचा जा सकता है।
Posted on 16 May, 2023 03:29 PM

आमतौर पर किसी फसल अथवा खेत में पानी दिये जाने के तरीके का सिंचाई की विधि कहा जाता है। सिंचाई की वैज्ञानिक विधि का मतलब ऐसी सिंचाई व्यवस्था से होता है जिसमें सिंचाई जल के साथ उत्पादन के अन्य आवश्यक लागतों का प्रभावकारी उपयोग एवं फलोत्पादन में वृद्धि हो सके। सिंचाई की सबसे उत्तम विधि वह होती है  जिसमें जल का एक समान वितरण होने के साथ ही साथ पानी का कम नुकसान होता है और अधिक से अधिक क्षेत्र सींचा

सिंचाई की प्रमुख विधियाँ, PC-IWPFlicker
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