प्रयागराज जिला

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कृषि विज्ञान केन्द्र : किसानों की प्रगति में सहायक
Posted on 28 Oct, 2016 12:19 PM
कृषि विज्ञान केन्द्र एक नवीनतम विज्ञान आधारित संस्था है जिसमें विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण दिये जाते हैं जोकि किसानों को स्वावलम्बी बनने में सहायता प्रदान करता है। ये किसानों को स्वावलम्बी बनाने के साथ उनको ज्ञान तथा तकनीकी ज्ञान भी प्रदान करता है। सन 1962-1972 तक शिक्षा मंत्रालय, योजना आयोग और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने कृषि के प्रसार के लिये कृषि विज्ञान केन्द्र की स्थापना का विचार किया
ग्रामीण विकास के प्रयास
Posted on 07 Jul, 2016 12:23 PM

हमारे देश का विकास गाँवों के विकास से सीधे-सीधे जुड़ा हुआ है। महात्मा गाँधी ने कहा था कि

पहाड़ से मैदान तक पानी पर संकट
Posted on 07 Jun, 2016 04:04 PM

संगम किनारे भी सिकुड़ने लगीं यमुना

प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण | Conservation of Natural Resources in Hindi
प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के बारे में जानकारी प्राप्त करें | Get information about conservation of natural resources in hindi. Posted on 03 May, 2016 11:10 AM

जल का उपयोग कृषि, उद्योगों, यातायात, ऊर्जा तथा घरेलू उपयोग के संसाधन के रूप में किया जाता है। जल का संरक्षण जीवन का संरक्षण है। जल एक चक्रीय संसाधन है जिसको वैज्ञानिक ढंग से साफ कर पुनः प्रयोग में लाया जा सकता है। पृथ्वी पर जल वर्षा और बर्फ से उपलब्ध होता है। यदि जल का युक्तिसंगत उपयोग किया जाए तो वह हमारे लिये कभी कम नहीं पड़ेगा। परन्तु संसार के कुछ भागों में जल की बहुत कमी है।

प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण
जल संभर विकास
Posted on 26 Apr, 2016 04:01 PM

भूमि विकास के अलावा पौधशालाओं की स्थापना, रोजगार दिलाने वाले काम जैसे पुश्तों, बाँधों और

मिट्टी की उपेक्षा कृषि-क्रान्ति में बाधक
Posted on 25 Apr, 2016 04:33 PM

हमारे देश में प्रति व्यक्ति भूमि का यह क्षेत्र विश्वभर में सबसे कम है। इस प्रकार भूमि की

सूख गया अदवा बन्धा, पानी के लिये हाहाकार
Posted on 12 Jan, 2016 11:47 AM

मेजा से मिर्जापुर तक भयंकर अकाल, पशु-पक्षी, इंसान सब बेहाल

आखिर काम आये वही पुराने तालाब
Posted on 12 Jan, 2016 10:34 AM

मेजा के एक गाँव में 90 से अधिक तालाब



इलाहाबाद। कमजोर बारिश से इस साल खरीफ व रबी, दोनों सीजन में किसानों के लिये थोड़ा सा भी जल आशा की किरण नजर आ रहा है। पानी की कीमत क्या हो सकती है? इलाके में पानी का अतिभोग करने वाले किसानों को अब इसका ज्ञान हो रहा है।

यही नहीं जब इस साल पानी के तमाम स्रोत जवाब दे गए तो किसानों की नजर गाँव के पुराने, जर्जर तालाबों पर पड़ी। सूखे के संकट के समय भी तालाबों में पर्याप्त पानी देख गाँव वाले अचम्भित हुए।

कई वर्षों से किसी का भी ध्यान इन तालाबों की तरफ नहीं जा रहा था। किसानों ने पहली बार महसूस किया कि वास्तव में ये तालाब तो बड़े काम के हैं। ऐसे में जब चारों तरफ जल के तमाम स्रोत सूख रहे हैं, इस गाँव के तालाब जल ही जीवन है का अतुलनीय उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं।
बूँद-बूँद को तरस रहा तीन नदियों से घिरा इलाका
Posted on 11 Jan, 2016 01:19 PM


जनपद इलाहाबाद में एक परियोजना है।
नाम है- वाण सागर नहर परियोजना ..
म.प्र. के शहडोल जिले में जो सोन नदी पर बाँध बना है वाण सागर। अब उसका पानी मिर्जापुर तथा इलाहाबाद के मेजा और कोरांव तहसीलों में आना है।
कैसे- नहर के माध्यम से
नहर बनाने में अब तक 24 साल का समय और 3148 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च हो चुके हैं।

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