नलगोंडा जिला

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नलगोंडा का नायक
Posted on 25 Aug, 2017 10:37 AM
करिंगू अजय सिर्फ चौदह साल के हैं लेकिन खेलने कूदने की इस उम्र में उनका शरीर एक जिन्दा लाश बनकर रह गया है। फ्लोरोसिस नामक जहरीली बीमारी ने उनके शरीर को एक गठरी बनाकर रख दिया है। उनके शरीर पर तकिया बाँधकर रखा जाता है ताकि हड्डियों का दर्द उन्हें कम तकलीफ दे। उन्हीं के पड़ोस की उन्नीस साल के वीरमाला राजिता की हड्डियाँ इस तरह से मुड़ गयी हैं कि वो मुश्किल से जमीन पर रेंगकर चल पाती हैं। राजिता कहती हैं, “मेरा कोई जीवन नहीं है। मैं हर समय घर पर रहती हूँ। कहीं जा नहीं सकती। बड़े लोग घर पर आते हैं जिनमें नेता और फिल्मी हस्तियाँ सभी शामिल हैं लेकिन मदद कोई नहीं करता। सब सहानुभूति दिखाकर चले जाते हैं।”

कांचुक्तला सुभाषराजिता और अजय की यह दर्दभरी कहानी न इकलौती है और न ही आखिरी। तेलंगाना के नलगोंडा जिले में सदियों से हड्डियों की यह चीख पुकार जारी है। इन्हीं दर्दभरी पुकारोंं में एक आवाज कंचुकटला सुभाष की भी है। अधेड़ हो चुके सुभाष के तन पर तो फ्लोरोसिस नामक घातक बीमारी का कोई असर नहीं है लेकिन उनके मन और जीवन पर फ्लोराइड का गहरा असर हुआ है।

एक मछुआरे ने बनाई जलकुम्भी निकालने की मशीन
Posted on 16 Jul, 2016 10:04 AM
जलकुम्भी एक ऐसा जलीय जंगल है जिसका फैलाव बहुत तेजी से होता है। अनुमानतः 10 दिन में जलकुम्भी की संख्या दोगुनी हो जाती है। चूँकि यह बहुत तेजी से बढ़ती और फैलती है इसलिये इन्हें हटाना आसान नहीं है।
नलगोंडा ने सीख लिया है फ्लोराइड के साथ जीना
Posted on 03 Jul, 2016 01:30 PM


फ्लोराइड से बुरी तरह प्रभावित नलगोंडा में सरकार सुरक्षित पेयजल मुहैया कराने में सफल रही है, लेकिन स्थानीय भूजल में फ्लोराइड का स्तर इतना अधिक है कि उससे पूरी निजात सम्भव नहीं। खेती के लिये भी यह चिन्ता का विषय बना हुआ है।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आँकड़ों के मुताबिक नव-निर्मित राज्य तेलंगाना की करीब 1200 बस्तियाँ फ्लोरोसिस की समस्या से ग्रस्त हैं। इसमें भी सबसे बुरी स्थिति नलगोंडा जिले की है।

जिले के 17 मण्डल फ्लोराइड की अधिकता के कारण फ्लोरोसिस से बुरी तरह जूझ रहे हैं। फ्लोरोसिस वह स्थिति है जो शरीर में फ्लोराइड की अधिकता से उत्पन्न होती है। यह फ्लोराइड पेयजल तथा अन्य माध्यमों से हमारे शरीर में जाता है। इसकी वजह से लोगों के शरीर में अस्थि विकृतियाँ तथा अन्य समस्याएँ उत्पन्न होने लगती हैं।

कैसे हो फ्लोराइड से मुक्ति
Posted on 14 Jun, 2016 12:24 PM


पानी की समस्या तेलंगाना में काफी विकराल हो चली है। राज्य के कुल 10 जिलों के लगभग 1,174 गाँवों के पानी में फ्लोराइड की अधिकता के कारण हालात गम्भीर हो चले हैं। आदिलाबाद करीमनगर, खम्मम और नलगोंडा जिले पिछले कई दशक से पेयजल की कमी और फ्लोरोसिस की समस्या से पीड़ित हैं। इन चारों जिलों में से भी सबसे ज्यादा प्रभावित नलगोंडा जिला है।

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