मध्य प्रदेश

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हरी खाद द्वारा बुन्देलखण्ड की लाल मिट्टियों में संसाधन संरक्षण एवं उत्पादकता वृद्धि
Posted on 24 Nov, 2017 11:42 AM
बुन्देलखण्ड क्षेत्र मध्य भारत में स्थित है तथा इसका भौगोलिक क्षेत्रफल लगभग 70.4 लाख हेक्टेयर है। इस क्षेत्र में लाल मिट्टियाँ लगभग 50 प्रतिशत क्षेत्रफल में पायी जाती हैं। ये मिट्टियाँ कम से मध्यम गहराई की हैं तथा कम उर्वरा शक्ति होने के कारण इनकी उत्पादन क्षमता भी कम है। लाल मिट्टियाँ मुख्यतः ऊँचे स्थानों पर पाई जाने के कारण उनसे वर्षा ऋतु में वर्षा के जल का अधिकांश भाग बहकर व्यर्थ चला जाता
बदलाव की शुरुआत
Posted on 18 Nov, 2017 03:23 PM
तकनीक का विकास दुनियाभर को नवीकरणीय ऊर्जा की दिशा में आगे बढ़ा रहा है और इसने काला सोना यानी कोयले के भविष्य को चुनौती दे दी है। भारत में अन्तिम कोयला बिजली संयंत्र 2050 तक बन्द हो सकता है। चंद्र भूषण का विश्लेषण
नरसिंहपुर कैसे हुआ खुले में शौच की आदत से मुक्त
Posted on 10 Nov, 2017 04:36 PM

जिला-स्तर पर संसाधन टीम बनाई गई जिसमें सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों और जाने-माने लोगों को शामिल करके सम

ब्रह्मपुत्र नदी में सुरंग
Posted on 06 Nov, 2017 04:41 PM
ब्रह्मपुत्र पर बनने वाले बाँधों और सुरंगों से भारत के साथ-साथ
Brahmaputra river
वर्मीकम्पोस्ट - बुन्देलखण्ड की लाल मिट्टियों के लिये एक प्रभावी सुधारक (Vermicompost - An effective reformer for the Red soil of Bundelkhand
Posted on 28 Oct, 2017 10:45 AM
बुन्देलखण्ड क्षेत्र की लाल मिट्टियों में जल धारण क्षमता, गहराई एवं कार्बनिक पदार्थों की उपलब्धता कम होने के कारण वे मृदा कटाव के प्रति अधिक संवेदनशील होती है। भारत के शुष्क खेती वाले क्षेत्रों में अन्य मिट्टियों की तुलना में इन मिट्टियों की उत्पादकता सबसे कम है। जैविक खादों के प्रयोग से खेतों में नमी संरक्षण करके इन मिट्टियों की उत्पादकता एवं फसल सघनता को काफी हद तक बढ़ाया जा सकता है, जिसके
आदिवासियों की खाद्य सुरक्षा पर संकट
Posted on 15 Oct, 2017 04:55 PM
आदिवासियों को अपने संचित ज्ञान से यह मालूम था कि किस मौसम और
food crisis
नर्मदा का पानी क्षिप्रा के बाद अब कालीसिंध में भी
Posted on 14 Oct, 2017 04:55 PM


मध्य प्रदेश सरकार ने नर्मदा नदी का पानी क्षिप्रा में प्रवाहित करने के बाद अब कालीसिंध नदी में भी नर्मदा का पानी छोड़े जाने के फैसले को मंजूरी दे दी है। इस निर्णय के साथ ही अगले कुछ महीनों में 1400 करोड़ लागत की इस योजना पर काम भी शुरू हो जाएगा।

कालीसिंध नदी
अर्द्ध शुष्क क्षेत्र की लाल मिट्टियों में वर्षाजल संग्रहण एवं उपयोग तकनीक
Posted on 13 Oct, 2017 12:45 PM
मध्य भारत में, बुन्देलखण्ड क्षेत्र की जलवायु उष्ण अर्द्धशुष्क है तथा यहाँ पर मुख्यतया लाल व काली मिट्टियाँ पाई जाती हैं। इस क्षेत्र का धरातल ऊँचा-नीचा, कम वर्षा एवं उसका वितरण असामान्य, सिंचाई की कम सुविधायें तथा पेड़-पौधों की वृद्धि के लिये अनुपयुक्त मृदायें हैं। इस क्षेत्र में लगभग 70 प्रतिशत कृषि योग्य भूमि पर वर्षा आधारित खेती होती है तथा फसल उत्पादकता बहुत कम है। वर्षा के मौसम में भी इस
बुन्देलखण्ड की लाल मिट्टियों में संसाधन संरक्षण एवं टिकाऊ उत्पादन हेतु समोच्य मेड़बन्दी (Reconstitious mercantile for resource conservation and durable production in the Red Soil of Bundelkhand)
Posted on 12 Oct, 2017 10:52 AM
बुन्देलखण्ड क्षेत्र मध्य भारत में स्थित है तथा इसका भौगोलिक क्षेत्रफल लगभग 70.4 लाख हेक्टेयर है। इसके लगभग 50 प्रतिशत भू-भाग में लाल मिट्टियाँ पायी जाती हैं परन्तु इनकी उत्पादन क्षमता, इनकी कम जलधारण क्षमता एवं अन्य भूमि-सम्बन्धित समस्याओं के कारण बहुत कम है। कम भूजल उपलब्धता के कारण इस क्षेत्र में मुख्यतः बारानी खेती की जाती है। लाल मिट्टियाँ मुख्यतः ऊँचे स्थानों पर पायी जाती हैं जिसके कारण
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