इंदौर जिला

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मालवा की गंगा-शिप्रा
Posted on 26 Jan, 2010 08:56 AM मालवा से प्रकट होकर मालवा में ही आत्मसमर्पित हो जाने वाली नदियों में शिप्रा का नाम अग्रणी है। मालवा के दणिक्ष में विन्ध्य की श्रेणियों के क्षेत्र से प्रकट होती है। शिप्रा और मालवा के मध्योत्तर में चम्बल में यह विलीन हो जाती है। यही नदीं वह तो प्राचीन पूर्व में कालीसिन्ध से उत्तर-पश्चिम में मन्दसौर और दक्षिण में नर्मदा तक व्यापक था। शिप्रा तो नर्मदा से पर्याप्त उत्तर में मालवा के पठार के दक्षिणी सि
पाँच प्रतिशत मॉडल
Posted on 31 Dec, 2009 06:10 PM

भारतवर्ष में सिर्फ 32 प्रतिशत कृषि जमीन सिंचित कोटि में है और बाकी 68 प्रतिशत जमीन शुष्क/बारानी अथवा वर्षा पर निर्भर खेती के अंतर्गत आती है। अत: अगर वर्षा पर निर्भर खेतों में जल संग्रहण का प्रयास किया जाए तो इस जमीन से काफी कृषि का उत्पादन बढ़ाया जा सकता है। इसी सोच के तहत मध्य प्रदेश के ऊबड़-खाबड़ और ढालू जमीन में खेती के लिए जल संग्रहण के लिए एक विधि का इस्तेमाल हो रहा है, जिसे पाँच प्रतिशत क

नर्मदा जयंति मनाया
Posted on 04 Feb, 2009 10:42 AM

मां नर्मदा जयंति पर हजारों छात्र-छात्राओं ने लिया पानी बचाने का संकल्प


महू(निप्र)- सामाजिक संस्था प्रतिज्ञा द्वारा मालवा को रेगिस्तान होने से बचाने के लिए जन जन में पानी के मूल्य को समझाने के लिए जल बचान आंदोलन का शुभारंभ हरिफाटक शासकीय माध्यमिक विद्यालय क्रमांक 1 में किया गया जहां अतिथि के रूप में श्री डॉ. सत्यानंद जी महाराज(दुनीवाले बाबा), श्री मनोज कुमार चौरसिया तहसीलदार एवं प्रभारी एस.डी.ओ. महू,
पानी बचाने का संकल्प
कान्ह और सरस्वती नदियों के लिए संघर्ष
साफ़-सफ़ाई में लगातार छह बार देशभर में अव्वल रहने वाले देश के सबसे स्वच्छ और मध्यप्रदेश के सबसे बड़े शहर इंदौर के बीचो-बीच से गुज़रने वाली कान्ह और सरस्वती नदियों की सफ़ाईकर उनके पुनर्जीवन की मांग की तख्तियाँ उठाए शहर के लोगों ने धरना दिया. मामला न्यायालय तक भी पहुँचा. लेकिन कुछ नहीं बदला. दोनों नदियाँ अब भी नाले की शक्ल में अपने दुर्भाग्य पर आँसू बहा रही हैं.   Posted on 20 Feb, 2023 10:32 AM

इंदौर शहर में बुद्धिजीवियों के संगठन अभ्यास मंडल के धरने में शामिल लोगों में इस बात को लेकर ख़ासा आक्रोश था कि एक तरफ़ नगर निगम शहर को सजाने-सँवारने पर करोड़ों रूपए की फिजूलखर्ची कर रहा है लेकिन एक समय में इंदौर की पहचान रही शहर के मध्य से गुज़रने वाली कान्ह और सरस्वती नदियों के नाम पर सिर्फ़ खानापूर्ति ही की जाती रही है.

इंदौर के बुद्धिजीवियों का संगठन अभ्यास मंडल का कान्ह को लेकर धरना
इजराइली तरीके से बारिश का पानी तिजोरी में
Posted on 07 Aug, 2018 04:14 PM

आपने शायद ही कभी सुना होगा कि बारिश के पानी को तिजोरी में रखा जाता हो, लेकिन मालवा के किसान अपने खेतों पर इसे साकार कर रहे हैं। उन्होंने इसके लिये बाकायदा जमीन पर लाखों की लागत से पॉलिथीन बिछाकर बारिश से पहले ही इस पानी को इजराइली तरीके से अपनी तिजोरी में स्टोर करने की पूरी तैयारी कर रखी थी। इस बारिश का करोड़ों लीटर पानी अब इसमें संग्रहित हो चुका है, जो गर्मियों में भी फसल लहलहाएगा। मालवा के कई

पानी से लबालब भरा प्रहलाद का तालाब
खुले में शौचमुक्त देश बनाने का सन्देश लेकर निर्मल यात्रा पहुंची इन्दौर
Posted on 10 Oct, 2012 08:37 PM -वाश प्रोग्राम में स्कूली बच्चे सीख रहे हैं हैंडवाशिंग
- डांस व कनवरसेशन स्किल के माध्यम से करेबियन कोरियोग्राफर बच्चों को सिखा रहा है साफ-सफाई के तरीके

इन्दौर। वाश युनाइटेड व क्विकसैंड द्वारा देश को खुले में शौच मुक्त बनाने का सन्देश लेकर निकली निर्मल भारत यात्रा रविवार को इन्दौर पहुंची। यह यात्रा वर्धा से चली है, जो पांच राज्यों -महाराष्ट्र के वर्धा के अलावा, म.प्र. के इन्दौर, ग्वालियर, राजस्थान के कोटा, उ.प्र. के गोरखपुर से होकर बिहार के बेतिया तक जायेगी। इस दौरान इन सभी ऐतिहासिक शहरों में दो दिवसीय मेले का भी आयोजन किया जा रहा है।
स्कूलों में बच्चों को खुले में शौच से होने वाली जानलेवा बीमारियों के प्रति जागरूक करते कार्यकर्ता
प्राधिकरण का रुख स्पष्ट नहीं होने के कारण नबआं का धरना जारी
Posted on 21 Apr, 2010 12:09 PM
20 अप्रैल 2010 इन्दौर। नर्मदा बचाओ आंदोलन द्वारा इंदौर स्थित नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण में सरदार सरोवर बांध के निर्माण, पर्यावरणीय विनाश व पुनर्वास में बरती जा रही अनियमितताओं के विरोध में जारी धरने ने आज आठवें दिन में प्रवेश किया। महाराष्ट्र, गुजरात व मध्यप्रदेश के हजारों आदिवासी, किसान, मछुआरे, केवट, कहार व अन्य समुदाय इस धरने में भागीदारी कर रहे हैं। इस बीच नर्मदा बचाओ आंदोलन का प्रतिनिधि
न.ब.आ. का नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण कार्यालय पर धरना
Posted on 18 Apr, 2010 10:02 PM
इंदौर। सरदार सरोवर बाँध की ऊँचाई गैरकानूनी रूप से बढ़ाने के फैसले के खिलाफ नर्मदा घाटी में आक्रोश है। फैसले का विरोध करने हेतु नर्मदा घाटी के प्रभावितों ने आज महात्मा गाँधी की समाधि से संकल्प लेकर ‘‘नर्मदा जीवन यात्रा’’ के रूप एक पदयात्रा प्रारंभ की।
बूंद साहिबा और नया समाज
Posted on 03 Feb, 2010 01:12 PM

प्रकृति के विविध रूप हमारी परम्पराओं में पूजा स्थल के रूप में मान्य किए जाते रहे हैं। पर्वत, नदियां, समुद्र, वृक्ष हमारी मनौतियों को पूरा करने के साक्ष्य से लगाकर उर्जा प्रदान करने वाले स्रोतों से रूप में समाज को स्वीकार्य रहे हैं। थोड़ा और गहराई में जाएं तो हमारे संस्कार भी हर मोड़ पर प्रकृति से एकाकार होते नजर आते हैं। हाल ही के दशक में भारत की पहचान साफ्टवेयर क्रांति के नायक, अतरिक्ष में कुल

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