गाजियाबाद जिला

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इतिहास बनने की कगार पर खड़े हैं गाँवों के पोखर
Posted on 30 Apr, 2016 10:57 AM
आज इंसानों की बात तो दूर दुधारू पशुओं को नहाने के लिये भी लोग
हिंडन नदी कर रही तबीयत खराब
Posted on 07 Apr, 2016 01:25 PM
नदी के किनारे वृक्षारोपण कर प्रदूषण को नियंत्रित करने की कोशि
जल, जंगल और जमीन का जुनून: संजय कश्यप
Posted on 28 Mar, 2016 01:51 PM


वैसे तो वे एक वकील हैं, एक राजनीतिक दल के समर्पित कार्यकर्ता भी हैं, लेकिन उनके दिल और दिमाग में हर समय जो मचलता रहता है, वह है अपनी धरती को आधुनिकता से उपजे प्रदूषण से मुक्त करना। वे हिण्डन नदी बचाने के आन्दोलन में भी उतने ही सक्रिय रहते हैं जितना कि गौरेया संरक्षण में और उतना ही पाॅलीथीन प्रयोग पर पाबन्दी को लेकर। दिल्ली से सटे गाजियाबाद जिले में उनकी पहल पर कई ऐसे काम हो गये जो यहाँ के लाखों बाशिंदों को स्वच्छ हवा-पानी मुहैया करवाने में अनुकरणीय पहल हैं। संजय कश्यप ने एमबीए कर एक कम्पनी में प्रबंधन की नौकरी की और वह भी कश्मीर घाटी में वहाँ वे बाँध व जल प्रबंधन को नजदीक से देखते तो रहे, लेकिन कभी पर्यावरण संरक्षण जैसी कोई भावना दिल में नहीं उपजी।

नदियों का दर्द
Posted on 11 Mar, 2016 01:26 PM


नदी का शुद्धीकरण अपने आप में एक जटिल प्रक्रिया है। भारतीय परम्परा में तो नदियों को माता तुल्य आदर देकर स्वच्छ रखने के प्रयास हुए। ये प्रयास एक लम्बे समय तक सफल भी हुए। जब तक हमारी सभ्यता औद्योगिक रासायनिक तरल व ठोस कचरे और शहरी मलजल को वर्तमान तरीके से निपटाने वाली व्यवस्था से मुक्त थी, हमारी नदियाँ शुद्ध थीं।

पानी वाले मास्टरजी
Posted on 05 Sep, 2015 11:01 AM

विश्व साक्षरता दिवस 08 सितम्बर 2015 पर विशेष

Trilok Singh
साँस लेने को तरस रही है हिण्डन नदी
Posted on 01 Aug, 2015 11:31 AM उद्योगों द्वारा जो प्रदूषित पानी वाला कचरा इन नदियों में डाला जाता
जगह-जगह पौधरोपण, ली पर्यावरण संरक्षण की शपथ
Posted on 08 Jun, 2015 12:17 PM Paryavaran Diwas गाज़ियाबाद (एसएनबी)। गाज़ियाबाद विकास प्राधिकरण के सभी अधिकारियों व कर्मचारियों ने विश्व पर्यावरण दिवस पर पर्यावरण संरक्षण के लिये वन, झील, नदी व वन्य जीवो
हिण्डन की सन्तानों ने जगाई सरकार
Posted on 09 May, 2015 11:20 AM जिस दिन हिण्डन में मल व अन्य तरल कचरा आना रुक जाएगा, हिण्डन का प्रवाह नाम मात्र को ही रह जाएगा। हिण्डन को यदि फिर से हरनन्दी बनाना है, तो हिण्डन किनारे के इलाकों में जलशोषण घटाना होगा; जल संचयन बढ़ाना होगा। हरियाली इसमें सहायक होगी ही। कचरे पर रोक के साथ-साथ यह करना ही होगा। अच्छे कदम में हाथ बँटाना और गलत काम को टोकना व रोकना ही उपाय है। हिण्डन के नाम पर यात्राएँ हुईं। हिण्डन के नाम पर संस्थाएँ बनी। हिण्डन के नाम पर आज अपार्टमेंट हैं; प्रतिष्ठान हैं; पत्रिका है; पार्क हैं; नारे हैं; अनशन है; कार्यकर्ता हैं; मुकदमें हैं; आदेश हैं; बजट है; किन्तु दुर्योग है तो बस यही कि हिण्डन का वह स्वरूप नहीं है, जिसके लिये हिण्डन जानी जाती है।

हिण्डन का पौराणिक नाम, हरनन्दी है। करीब 260 किलोमीटर लम्बी यह पौराणिक धारा सहारनपुर से निकलकर, गौतमबुद्ध नगर के तिलवाड़ा गाँव में आकर यमुना में मिल जाती है। इस रास्ते में उसे कचरा और मल के अलावा कहीं जल भी मिलता है; यह कहना मुश्किल है। हिण्डन की दुर्दशा, हिण्डन ही नहीं, अब इसके किनारे के रहने वाले भी जानने लगे हैं। बीमारियों के दंश ने उन्हें असली कारण का पता बता दिया है। इस तलाश ने अब तक कई को बेचैन किया है।
Hindon river
निगम के नलकूप उगल रहे ‘जहर’
Posted on 18 Apr, 2015 04:02 PM कई कॉलोनियों में सप्लाई किया जा रहा पानी पीने योग्य नहीं
भू-जल में लगातार प्रदूषण, पर्यावरणविद् चिन्तित
Posted on 18 Feb, 2015 12:31 PM गाजियाबाद। गाजियाबाद में भू-जल लगातार प्रदूषित हो रहा है। लेकिन इस पर अंकुश के लिए सरकारी तंत्र का बिल्कुल ध्यान नहीं है जिसका नतीजा यह है कि कई क्षेत्रों में मानकों से आठ सौ गुना ज्यादा क्रोमियम भू-जल में मिल गया है।
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