दिल्ली

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गाँधी-मार्ग का अभिभावक
Posted on 08 Mar, 2017 02:19 PM
रचनात्मक संस्थाओं के सम्पर्क में अस्सी के दशक से हूँ। मेरे लिये अच्छी बात यह रही कि इस दौरान जो भी सम्पर्क बना या जो भी काम किया वह वैसा ही काम था जिसे हम गाँधीवादी दृष्टि से देखते हैं। हालांकि गाँधीवाद शब्द इस्तेमाल करना खुद मुझे अच्छा नहीं लग रहा क्योंकि यह कभी राष्ट्रपिता को भी पसन्द नहीं आया था।

खैर! यह तो रही बातों को थोड़ी गहराई से समझने की बात। अपनी बात को आगे बढ़ाऊँ तो मेरे जीवन में जो सबसे बड़ी शख्सियत आये जिनके साथ मिलकर काम करने का अवसर मिला- वे थे प्रेमभाई। प्रेमभाई के साथ ही पहली बार दिल्ली आया। और इस तरह कह सकते हैं कि दिल्ली में अनुपम भाई से मुझे प्रेमभाई ने ही मिलाया।

अनुपम भाई पहली ही भेंट में मन पर गहरी छाप छोड़ गए। साहित्य की बहुत ज्यादा समझ नहीं पर यह समझता था कि अनुपम भाई जो लिखते हैं वह वाकई हर लिहाज से अनुपम ही होता है। सोचता था इनके साथ मिलकर कभी काम करने का मौका मिले तो जैसे एक पिपासु छात्र को श्रेष्ठ शिक्षक मिल जाएगा।
अनुपम मिश्र
जल क्रांति अभियान से जुड़े सामान्य प्रश्न
Posted on 07 Mar, 2017 04:58 PM FAQs on Jal Kranti Abhiyan

प्रश्न 1. जल क्रांति अभियान क्या है?
उत्तर- जल क्रांति अभियान 2015-16 में शुरू किया गया। इस अभियान के अन्तर्गत समाज के विभिन्न संगठनों और समुदायों के बीच समग्र एवं सामूहिक भागीदारी के माध्यम से जल संवर्धन एवं प्रबंधन के मुद्दे को एक जन आंदोलन का रूप देना है।

प्रश्न 2. इस अभियान का शुभारम्भ कब हुआ?
water
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का विकास
Posted on 07 Mar, 2017 04:06 PM

यह बात सच है कि देश का दिल दिल्ली में धड़कता है। दिल्ली को सुन्दर बनाने के प्रयास पिछले क

परिवेश पर्यावरण और प्रदूषण नियंत्रण
Posted on 07 Mar, 2017 01:37 PM

अर्थशास्त्री उत्पादन तथा खपत के गौण प्रभावों को ‘बाह्य प्रभाव’ मानते हैं। इस मान्यता का भ

ताप बिजलीघरों से प्रदूषण : एक विश्लेषण
Posted on 07 Mar, 2017 12:54 PM

पर्यावरण प्रदूषण देश की ही नहीं आज विश्व की ज्वलंत समस्या है। नियोजित विकास की प्रक्रियाओ

खाद्य संकट का हल : जनसमुदाय का दायित्व
Posted on 06 Mar, 2017 04:43 PM

सरकार द्वारा परिवार नियोजन के क्षेत्र में वृहत कार्यक्रम क्रियान्वित है। उसी तरह का क्रिय

Food
वैकल्पिक ऊर्जा साधन और स्वयंसेवी संस्थाएँ
Posted on 06 Mar, 2017 01:14 PM
आज केवल भारत ही नहीं अपितु पूरा विश्व ऊर्जा के संकट से गुजर रहा है। भारत जैसे विकासशील देशों में तो यह स्थिति और भी भयावह है। इस ऊर्जा संकट ने 1973 के संकट के बाद विश्व का ध्यान विशेष रूप से आकृष्ट किया है। वैसे तेल, कोयला तथा लकड़ी आदि ऊर्जा के स्रोत सीमित हैं जिनमें तेल के भाव कब और कितने बढ़ जाएँ, कोई नहीं जानता। इसलिये वैकल्पिक ऊर्जा का पता लगाना बहुत आवश्यक है। यह पर्यावरण की दृष्
जल संसाधनों का वैज्ञानिक उपयोग (The scientific use of water resources)
Posted on 06 Mar, 2017 01:03 PM


सूखा, बाढ़ और फिर सूखा यह दुष्चक्र हमारी राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को बार-बार प्रभावित करते रहे हैं। इनके कारणों तथा बहुमूल्य जल संसाधनों के नुकसान का विश्लेषण करते हुए लेखक ने इस लेख में जल संरक्षण के अनेक उपाय सुझाए हैं। उनका कहना है कि जल संसाधनों के भरपूर दोहन के लिये हमें जल-नियोजन व प्रबन्ध का कार्य थाले अथवा उप-थाले को इकाई मानकर करना होगा।

निमंत्रण - जल क्रान्ति अभियान
Posted on 06 Mar, 2017 11:39 AM
जल संसाधन नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय, भारत सरकार
तिथि- 07 मार्च 2017
समय- सायं 3.00 से 5.00 बजे तक
स्थान- मावलंकर हाल, कांस्टीट्यूशन क्लब, रफी मार्ग, नई दिल्ली


जल क्रान्ति अभियानजल क्रान्ति अभियानजल संसाधन नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से जल क्रान्ति अभियान से जुड़े सभी गैर सरकारी संगठनों एवं जल के मुद्दे पर काम करने वाले समुदायों का सम्मेलन आयोजित किया गया है। इस सम्मेलन में देश में जल जागरूकता बढ़ाने, नदियों में बहाव की निगरानी करने और पानी को प्रदूषण से बचाने जैसी कई मुख्य मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।

विशेष सूचना


सभी गैर सरकारी संगठनों एंव समुदायों से निवेदन है कि कार्यक्रम में शामिल होने से पूर्व इसके लिये आवेदन करें। तथा इसमें सम्मिलित होने का प्रबन्ध वे स्वयं करें।
पानी व्यवस्था की प्रबन्धक भारतीय महिलाएँ
Posted on 06 Mar, 2017 10:54 AM

अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस 08 मार्च 2017 पर विशेष


पानी की व्यवस्था में लगीं महिलाएँमार्च का पहला सप्ताह 8 मार्च को मनाए जाने वाले अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस के चलते विश्व स्तर पर नारीमय होने लगता है। हमारे भारत में भी इस समय महिला सशक्तिकरण सप्ताह मनाया जा रहा है। वैसे हमारी भारतीय महिलाओं के लिये किसी ने बहुत पहले कहा था कि यदि प्रबन्धन सीखना हो तो किसी भारतीय पत्‍नी से सीखो।

यह बात सौ प्रतिशत सच भी है, क्योंकि भारत में स्त्रियाँ जन्मजात प्रबन्धक होती हैं। वैसे तो एक कुशल प्रबन्धन समाज के हित में व्यक्ति का विकास करता है, लेकिन किसी समाज की सबसे आधारभूत इकाई, परिवार, में प्रबन्धन उस घर की मुख्य महिला ही करती है, जो भारत में दादी, माँ या पत्नी हो सकती है। इनके अलावा परिवार में जो अन्य महिला सदस्य होती हैं, वे प्रमुख महिला प्रबन्धक की सहायिकाओं के रूप में घरेलू प्रबन्धन में अपने-अपने अनुकूल हाथ बटाँती हैं।
पानी की व्यवस्था में लगीं महिलाएँ
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