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टाटा का 'स्वच्छ' पानी
Posted on 09 Dec, 2009 06:53 AM

ग्रामीण इलाक़ों को ध्यान में रखते हुए भारतीय कंपनी टाटा एक नया 'वाटर प्यूरिफायर' बाज़ार में लेकर आई है.

इस वाटर प्यूरिफायर का नाम 'स्वच्छ' रखा गया है. एक मीटर से भी कम ऊँचाई वाले इस फ़िल्टर की क़ीमत एक हज़ार रुपए से भी कम होगी.

टाटा एक नया 'वाटर प्यूरिफायर'
पोर्टल से स्टूडेंट्स सीखेंगे वॉटर मैनेजमेंट
Posted on 06 Dec, 2009 01:08 PM वॉटर मैनेजमेंट को स्कूल एजुकेशन में खास जगह देने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सीबीएसई व दूसरे एजुकेशन बोर्ड को जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सरकार चाहती है कि युवाओं को वॉटर सेक्टर की समस्याओं और सॉल्यूशन के बारे में स्कूल स्तर से ही बताया जाए ताकि उनके सहयोग से समाज को जागरूक किया जा सके। दरअसल नैशनल नॉलेज कमिशन ने एक नॉन प्रॉफिट ट्रस्ट के साथ मिलकर http//schools.indiawaterportal.org न
कैसे होती है कृत्रिम बारिश
Posted on 01 Dec, 2009 04:14 PM जुलाई के अंत में थोड़ी-सी बारिश के बाद मुम्बई नगर निगम ने अपनी उन छ: झीलों को भरने के लिए, जिनसे शहर भर को पीने का पानी मिलता है, ‘क्लाउड-सीडिंग’ का प्रयोग करने की सोची। दावा किया गया है कि मोदक सागर बांध पर मौसम की पहली क्लाउड-सीडिंग के चलते 7 अगस्त 09 को 16 मि.मी.
क्लाउड-सीडिंग
दिल्ली में भूजल होगा रिचार्ज
Posted on 01 Dec, 2009 07:14 AM

दिल्ली और एनसीआर में घटते भूजल स्तर से चिंतित केंद्र सरकार ने इस क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों में फिर से जान भरने के लिए एक नई कार्य योजना को मंजूरी दी है।शहरी विकास मंत्रालय के एनसीआर योजना बोर्ड ने दिल्ली और इसके आस पास के इलाकों में भूजल की स्थिति की समीक्षा और इसके स्तर में सुधार के लिए इस कार्य योजना को मंजूरी दी है।

दिल्ली, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा में तेजी से गिर रहा है भूजल स्तर
Posted on 27 Nov, 2009 10:10 AM नई दिल्ली. जल संसाधन राज्य मंत्री वींसेंट एच.पाला ने कहा है कि वैज्ञानिक पत्रिका 'नेचर' के अंक में प्रकाशित राष्ट्रीय विमान-विज्ञान एवं अंतरिक्ष प्रशासन (एनएएसए) और कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, संयुक्त राज्य अमेरिका के वैज्ञानिकों के निष्कर्ष दर्शाते हैं कि भारत में राजस्थान, पंजाब और हरियाणा (दिल्ली सहित) में भूजल स्तर तेजी से गिर रहा है।
ग़ैर सरकारी संगठनों के प्रबंधन में रोजगार के अवसर
Posted on 23 Nov, 2009 08:13 AM एनजीओज या ग़ैर सरकारी संगठन स्थानीय, राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित गैर लाभ कमाने वाले स्वैच्छिक समूह हैं। वे समाज की विभिन्न समस्याओं के हल तथा विकास के लिए विभिन्न तरह के कार्य करते हैं। ये संगठन सरकारी या निजी क्षेत्र की फर्मों से जुड़े हैं। वे महिला अधिकारिता, बालिका, लिंग भेद संबंधी मुद्दों, शिक्षा, प्रदूषण, झुग्गी-झोंपड़ियों के निवासियों, स्वास्थ्य, शहरी विकास, मानवाधिकारों तथा
वानिकी में रोजगार के अवसर
Posted on 23 Nov, 2009 08:00 AM वानिकी एक ऐसा रोचक अध्ययन क्षेत्र है जो उन सब सिद्धांतों तथा व्यवहारों से मिलकर बना है जिनमें वनों के सृजन, संरक्षण तथा वैज्ञानिक प्रबंधन और उनके संसाधनों का उपयोग शामिल है।भारत में वैज्ञानिक वानिकी की शुरुआत सबसे पहले 1864 में वन प्रबंधन के लिए वानिकी व्यावसायिकों को प्रशिक्षित करने के वास्ते हुई थी। देश में विश्वविद्यालय स्तर पर वानिकी शिक्षा वर्ष 1985 में उस समय आरंभ हुई जब राज्य कृषि विश्वविद्
वानिकी में रोजगार के अवसर
Posted on 22 Nov, 2009 08:36 AM वानिकी एक ऐसा रोचक अध्ययन क्षेत्र है जो उन सब सिद्धांतों तथा व्यवहारों से मिलकर बना है जिनमें वनों के सृजन, संरक्षण तथा वैज्ञानिक प्रबंधन और उनके संसाधनों का उपयोग शामिल है।भारत में वैज्ञानिक वानिकी की शुरुआत सबसे पहले 1864 में वन प्रबंधन के लिए वानिकी व्यावसायिकों को प्रशिक्षित करने के वास्ते हुई थी। देश में विश्वविद्यालय स्तर पर वानिकी शिक्षा वर्ष 1985 में उस समय आरंभ हुई जब राज्य कृषि विश्वविद्
ऊर्जा संरक्षण एवं नवीकरणीय ऊर्जा उपयोग के क्षेत्र में स्वरोजगार की संभावना
Posted on 22 Nov, 2009 08:29 AM
ऊर्जा किसी राष्ट्र की प्रगति, विकास और खुशहाली का प्रतीक होती है। भारत जीवाश्म ईंधन में आत्मनिर्भर नहीं है, इसके अलावा वैश्विक स्तर पर भी जीवाश्म ईंधन तेजी के साथ दुर्लभ होता जा रहा है। ऐसे में उनके सही उपयोग तथा संरक्षण की आवश्यकता है। दरअसल ऊर्जा दक्षता में सुधार एक राष्ट्रीय मिशन है। इसके अतिरिक्त नवीकरणीय ऊर्जा के स्थानीय तौर पर उपलब्ध् स्रोतों का भी अधिकतम उपयोग करना होगा। इसके अलावा भा
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