हीरो-होंडा में मॉडल बना!
औद्योगिक क्षेत्रों में भूजल पर बढ़ती निर्भरता के कारण एक ओर यहां का भूजल का स्तर नीचे सरक रहा है,वहीं दूसरी ओर भूजल भी प्रदूषित हो रहा है। हरियाणा औद्योगिक क्षेत्र में कारखानों की बढ़ती संख्या से भूजल के काफी स्रोत सूख चुके हैं और कारखाने के मालिक नए- नए बोरवेल खोदते-खोदते थक चुके हैं।ऐसी स्थिति में यहां के एक ‘हीरो-होंडा’ कारखाने ने एक कदम आगे जाकर इसका समाधान तलाशा और जिससे यह अन्य कारखानों के लिए भी एक मॉडल बना। ‘हीरो होंडा’ को सीएसई द्वारा पर्यावरण का सबसे ज्यादा ख्याल रखने वाले कारखानों में भी अग्रणी होने का खिताब प्राप्त है।
सीएसई के मार्गदर्शन के आधार पर धारूहेड़ा और गुड़गाँव में स्थित हीरो होंडा के दो कारखानों में वर्षाजल संग्रहण व्यवस्था बनाई गई। इस कारखाने में ‘सुरक्षा और पर्यावरण’ विभाग के सहायक प्रबंधक राकेश गोयल ने बताया कि, “मैं हाल की बारिश में अपने पुनर्भरण कुंए से वर्षाजल की तेज धार की आवाज सुनकर काफी खुश हुआ।“
धारूहेडा प्लाट में 6 लाख रुपये की लागत से छह पुनर्भरण ढांचों का निर्माण हुआ है। और गुड़गाँव प्लाट में चार लाख की लागत पर चार ढांचे बनाए गए हैं। यह काम अगस्त 2002 में पूरा हुआ। धारूहेड़ा कारखाने में प्रशासन विभाग की छत के पानी को अलग पाइपों में एकत्रित करके 30 मीटर गहरे पुनर्भरण बोर की ओर मोड़ दिया गया।
गुड़गाँव के कारखाने में कैंटीन की इमारत, अन्य विभागों की इमारतों की छत के पानी को अलग पाइपों से एकत्रित करके पुनर्भरण कुओं की ओर मोड़ा गया। इस कारखाने के इंजीनियरिंग विभाग ने इसका काफी सावधानी से क्रियान्वयन किया है। पर्यावरण एवं सुरक्षा विभाग इन ढांचों की सुरक्षा और इसके रखरखाव के लिए इन पर निरंतर निगरानी रखती है।
हीरो होंडा की इस पहल से इस औद्योगिक क्षेत्र के अन्य कारखाने वालों की भी आंखें खुल रही हैं, जो अपने रोजमर्रा के काम के लिए काफी मात्रा में भूजल का उपयोग करते हैं।
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें : राकेश गोयलसहायक प्रबंधक सुरक्षा एवं पर्यावरण, हीरो मोटर्स लि., दिल्ली- जयपुर हाइवे, धारूहेड़ा, फोन : 01274-242131 फैक्स : 01274-242399
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