जनवरी 2001 में सेंट्रल ग्राउंड वाटर अथारिटी (सीजीडब्ल्यूए) द्वारा अधिसूचित क्षेत्रों में व्यक्ति / एजेंसी द्वारा बिक्री के लिए भूजल का पानी निकालने पर पाबंदी लगाई गई।
मार्च 2001 में सीजीडब्ल्यूए ने दिल्ली, हरियाणा, गाजियाबाद, गुड़गांव के आवासीय सोसायटी, शैक्षणिक संस्थानों, सेवा क्षेत्र तथा फार्म हाउस को 31 मई 2001 तक वर्षा जल संग्रहण व्यवस्था अपनाने का निर्देश दिया। इसकी अंतिम तिथि दो बार बढ़ाई जा चुकी है। पहली बार 31 दिसंबर 2000 और फिर 31 मार्च 2001।
जून 2001 में शहरी विकास और गरीबी उन्मूलन मंत्रालय ने 100 वर्ग मीटर और उससे बड़े क्षेत्र पर बनने वाली सभी इमारतों में जल संग्रहण करना अनिवार्य किया। उन सभी गैर आवासीय इमारतों के लिए व्यर्थ जल की पुन: उपयोग व्यवस्था को शामिल करने को कहा गया, जहां से रोजाना 10,000 लीटर पानी बह जाता है। सीजीडब्ल्यूए ने बिना पूर्व अनुमति के भूजल के उपयोग हेतु निर्माण पर पाबंदी लगा दी है।
मार्च 2001 में सीजीडब्ल्यूए ने दिल्ली, हरियाणा, गाजियाबाद, गुड़गांव के आवासीय सोसायटी, शैक्षणिक संस्थानों, सेवा क्षेत्र तथा फार्म हाउस को 31 मई 2001 तक वर्षा जल संग्रहण व्यवस्था अपनाने का निर्देश दिया। इसकी अंतिम तिथि दो बार बढ़ाई जा चुकी है। पहली बार 31 दिसंबर 2000 और फिर 31 मार्च 2001।
जून 2001 में शहरी विकास और गरीबी उन्मूलन मंत्रालय ने 100 वर्ग मीटर और उससे बड़े क्षेत्र पर बनने वाली सभी इमारतों में जल संग्रहण करना अनिवार्य किया। उन सभी गैर आवासीय इमारतों के लिए व्यर्थ जल की पुन: उपयोग व्यवस्था को शामिल करने को कहा गया, जहां से रोजाना 10,000 लीटर पानी बह जाता है। सीजीडब्ल्यूए ने बिना पूर्व अनुमति के भूजल के उपयोग हेतु निर्माण पर पाबंदी लगा दी है।
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