दिल्ली

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ध्वनि प्रदूषण (Noise Pollution)
Posted on 28 Jul, 2016 04:32 PM

प्रदूषण


वातावरण में उपस्थित ऐसे तत्व या कण जो उसकी शुद्धता को प्रभावित करते हैं प्रदूषक कहलाते हैं और उनकी उपस्थिति से जो वातावरण दूषित होता है उसी को प्रदूषण कहते हैं। प्रदूषण का असर जीव-जन्तुओं पर तो होता ही है साथ ही साथ वह तमाम निर्जीव वस्तुओं पर भी बुरा प्रभाव डालता है।

प्रदूषण का कारण

आबादी के लिये समुद्र बनता संकट
Posted on 28 Jul, 2016 04:10 PM
बढ़ते तापमान ने अब तीव्रता से असर दिखाना शुरू कर दिया है। जिस
जल, अर्थव्यवस्था और उद्योग
Posted on 28 Jul, 2016 01:44 PM
दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता, बंगलुरु या कोई भी दूसरा बड़ा शहर हो पानी की बोतलों का कारोबार जमकर फल-फूल रहा है। कुछ दशक पहले तक बोतलबंद पानी का इस्तेमाल एक छोटा और अमीर कहलाने वाला तबका ही करता था या विदेश से आने वाले सैलानी पानी की बोतलें माँगते थे लेकिन अब शहरों में ही नहीं देहातों में भी सफर के दौरान या दुकानों पर पानी की बोतलें बहुत आराम से मिल जाती हैं
कैसे रुके बाढ़
Posted on 28 Jul, 2016 12:11 PM
जल भोजन है और अग्नि भोजन का भक्षक है!
अग्नि जल में और जल अग्नि में विद्यमान है।


.तैत्तरीय उपनिषद की इन पंक्तियों का अर्थ समझने के लिये हमें 2008 में बिहार की कोसी में आई बाढ़ और जुलाई 2005 में मुम्बई में हुई मूसलधार बारिश के बाद मची तबाही को देखना होगा।

पानी शीतलता का प्रतीक होता है, लेकिन हाल के दिनों में हुई बाढ़ की तबाही की ये घटनाएँ हमारी स्मृतियों में अब भी चुभन पैदा कर देती है। इस चुभन को इस साल भी महसूस किया जा रहा है, जब देश के अधिकांश हिस्से अब भी मानसूनी बारिश की बाट जोह रहे हैं, असम के तेजपुर जिले के कुछ हिस्से बाढ़ जून की तपती दोपहरी में डूबने के लिये मजबूर हो गए।
अपनी दुर्बलता और नमामि गंगे को कोसते निराश स्वामी सानंद
Posted on 26 Jul, 2016 03:20 PM

 

स्वामी सानंद उत्तर संवाद


21वें कथन के साथ ‘स्वामी सानंद गंगा संकल्प संवाद शृंखला’ सम्पन्न हुई, तो अलग-अलग सवाल कई के मन में उठे; गाँधी शान्ति प्रतिष्ठान के आदरणीय रमेश भाई, यमुना जिये अभियान के श्री मनोज मिश्र, नदियों के हालात से निराश डॉ. ओंकार मित्तल व कई अन्य समेत स्वयं मेरे मन में भी। यह स्पष्ट है कि स्वामी जी ने पुरी के शंकराचार्य स्वामी श्री निश्चलानंद सरस्वती जी के आश्वासन पर अपना पूर्व अनशन सम्पन्न किया था।

स्वामी श्री निश्चलानंद जी ने स्वामी सानंद को आश्वस्त किया था कि यदि भाजपा सत्ता में आई, तो वह गंगा के पक्ष में निर्णय करेगी। अनशन सम्पन्न करते हुए स्वामी सानंद ने कहा था कि भाजपा के सत्ता में आने के बाद तीन महीने प्रतीक्षा करुँगा। यदि तीन महीने में प्रधानमंत्री ने अनुकूल घोषणा नहीं की, तो अपने निर्णय पर पुनः विचार करुँगा।

मौसम क्यों हुआ बेईमान
Posted on 26 Jul, 2016 12:52 PM
गर्मी और ग्रीनहाउस गैसों पर लगाम लगाने के नाम दुनिया भर की सर
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