ऋषभ कृष्ण सक्सेना

ऋषभ कृष्ण सक्सेना
जल, अर्थव्यवस्था और उद्योग
Posted on 28 Jul, 2016 01:44 PM

दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता, बंगलुरु या कोई भी दूसरा बड़ा शहर हो पानी की बोतलों का कारोबार जमकर फल-फूल रहा है। कुछ दशक पहले तक बोतलबंद पानी का इस्तेमाल एक छोटा और अमीर कहलाने वाला तबका ही करता था या विदेश से आने वाले सैलानी पानी की बोतलें माँगते थे लेकिन अब शहरों में ही नहीं देहातों में भी सफर के दौरान या दुकानों पर पानी की बोतलें बहुत आराम से मिल जाती हैं
पारंपरिक धोबियों के बजाय माइक्रोलॉन्ड्री का जोर पकड़ रहा चलन
जानिए कैसे महानगरों के साथ मझोले और छोटे शहरों में भी पारंपरिक धोबियों के बजाय माइक्रोलॉन्ड्री का जोर पकड़ रहा संगठित लॉन्ड्री का बाजार | Know how the organized laundry market is gaining momentum in metros as well as in medium and small towns instead of traditional washermen.
Posted on 18 Jan, 2024 12:37 PM

विराग (नाम बदला हुआ) एक प्रसिद्ध सॉफ्टवेयर कंपनी में बेंगलुरु में काम करते थे, लेकिन इस साल उन्हें नोएडा जाना पड़ा। उनका दफ्तर बहुत दूर था, इसलिए उन्हें कपड़ों को धुलाने और धोने का समय नहीं मिलता था। उन्हें धोबी के द्वारा धुले कपड़ों की सफाई भी अच्छी नहीं लगती थी। लेकिन लॉन्ड्री स्टार्टअप कंपनियों के नजदीक के स्टोर ने उनकी यह समस्या हल कर दी। विराग का कहना है कि ये स्टार्टअप धोबियों से ज्यादा प

पारंपरिक लॉन्ड्री
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