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मैं किससे सूचनाएँ ले सकती/सकता हूँ (Whom can I get Informations from)
Posted on 06 Jun, 2016 12:47 PM

सूचना का अधिकार अधिनियम समूचे देश में सभी राज्यों और केन्द्र शासित क्षेत्रों (जम्मू-कश्मीर के अलावा, जो संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत प्राप्त विशेष दर्जे के कारण इस अधिनियम के दायरे मे

सूचना का अधिकार मेरी मदद किस तरह कर सकता है (How can RTI help me)
Posted on 06 Jun, 2016 12:24 PM

आप यह सुनिश्चित करने में सूचना का अधिकार अधिनियम का उपयोग करने की पहल कर सकते हैं कि सरकार आपको वे सेवाएँ प्रदान करे जिनके आप हकदार हैं और वे अधिकार तथा लाभ आपको दे जो भारत का

परिश्रम से बने पानीदार
Posted on 06 Jun, 2016 11:21 AM
एक समय सूखे के कारण देश के कुछ इलाकों की स्थिति काफी चिन्तनीय थी। सिंचाई और पीने का पानी लगभग खत्म था, बेरोजगारी बढ़ी थी, महिलाएँ दूरदराज क्षेत्रों से पानी लाती थीं और पलायन तेज था। मौसमी हालात यानी बारिश की स्थिति यहाँ आज भी वैसी ही है, लेकिन लगन और मेहनत से यहाँ के लोगों ने प्रतिकूल परिस्थितियों को अनुकूल बना लिया। इनमें से कई स्थानों में सालाना 250 मिमी से भी कम वर्षा होती है। लेकिन वर्षा
धरती कहे पुकार के (Say unto the earth)
Posted on 06 Jun, 2016 10:58 AM
हर छोटे-बड़े, अमीर-गरीब के चेहरे पर लाली खिला देने वाला लाल गुलाब हवा और पानी के स्वास्थ्य और स्वच्छता का प्रतीक भी है। कहते हैं कि प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू अपनी अचकन में यह खूबसूरत फूल सजाते ही नहीं थे, दिल्ली स्थित तीनमूर्ति भवन के लॉन में फूलों की क्यारियों को सहलाने, सराहने और उनमें पानी डालने को भी तत्पर रहते थे।
सूचना का अधिकार क्या है (Right to Information)
Posted on 06 Jun, 2016 09:54 AM
सूचना का अधिकार एक मौलिक अधिकार है जो विभिन्न अधिकारों तथा दायित्वों से अस्तित्व में आता है। वे हैः

हर व्यक्ति का सरकार – बल्कि कुछ मामलों में निजी संस्थाओं तक – से सूचनाएँ मांगने का निवेदन करने का अधिकार;

सरकार का निवेदित सूचनाओं को उपलब्ध कराने का कर्तव्य, बशर्ते उन सूचनाओं को सार्वजनिक न करने वाली सूचनाओं की श्रेणी में न रखा गया हो; और
मेरा देह दान हो, श्राद्ध नहीं - स्वामी सानंद
Posted on 05 Jun, 2016 03:22 PM


स्वामी सानंद गंगा संकल्प संवाद - 21वाँ कथन आपके समक्ष पठन, पाठन और प्रतिक्रिया के लिये प्रस्तुत है:

 

तैने तो मेरे मन की कह दी


.तरुण के भविष्य को लेकर मेरी चिन्ता बढ़ती गई। मैं क्या करुँ? इस प्रश्न के उत्तर की तलाश में मैं घर गया; पिताजी के पास। मेरी माँ तो तब नहीं थीं। मैंने पिताजी को अपनी चिन्ता से अवगत कराया। उसके बाद मैं दिल्ली लौट आया। लौटने पर सोचता रहा कि क्यों न मैं तरुण को गोद ले लूँ।

मैंने पिताजी को अपना विचार बताया, तो वह बहुत खुश हुए। भरे गले से बोले- “तैने तो मेरे मन की कह दी।’’ अब तरुण की माँ को तैयार करने की बात थी। यह जिम्मेदारी मैंने बाबा को दे दी। इस तरह आर्यसमाजी संस्कार विधि के साथ 1984 में मैंने तरुण को विधिवत गोद ले लिया।

‘जलाशयों के जीर्णोद्धार, मरम्मत और नवीकरण परियोजना’ के संबंध में सूचना के अधिकार के तहत आवेदन (Application under RTI for information on ‘Repair, Renovation and Restoration of water bodies’)
Posted on 05 Jun, 2016 11:19 AM
दिनांकः

सेवा में
जन सूचना अधिकारी
जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा पुनर्जीवन मंत्रालय
श्रम शक्ति भवन,
रफी मार्ग, नई दिल्ली- 110001

महोदय,
खाद्य शृंखला बचाने से बचेगा वन्य जीवन
Posted on 04 Jun, 2016 03:31 PM

विश्व पर्यावरण दिवस, 05 जून 2016 पर विशेष


वायुमण्डल, जलमण्डल और अश्ममण्डल- इन तीन के बिना किसी भी ग्रह पर जीवन सम्भव नहीं होता। ये तीनों मण्डल जहाँ मिलते हैं, उसे ही बायोस्फियर यानी जैवमण्डल कहते हैं। इस मिलन क्षेत्र में ही जीवन सम्भव माना गया है। इस सम्भव जीवन को आवृत कर रक्षा करने वाले आवरण का नाम ही तो पर्यावरण है।

जीवन रक्षा आवरण पर ही प्रहार होने लगे.... तो जीवन पुष्ट कैसे रह सकेगा? हर पर्यावरण दिवस की चेतावनी और और समाधान तलाशने योग्यमूल प्रश्न यही है, किन्तु पर्यावरण दिवस, 2016 की चिन्ता खास है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने ‘वन्य जीवन के अवैध व्यापार के खिलाफ जंग’ को पर्यावरण दिवस, 2016 का लक्ष्य बिन्दु बनाया है।
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