बड़वानी जिला

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पुनर्वास के नाम पर 500 करोड़ का महाघोटाला
Posted on 25 Jul, 2011 04:18 PM

45 साल का केल्या पश्चिमी मध्यप्रदेश की नर्मदा घाटी के उन सैकड़ों आदिवासियों में शामिल है, जो विवादित सरदार सरोवर परियोजना के डूब क्षेत्र में आई जमीन के मुआवजे के लिए फर्जी रजिस्ट्री गिरोह के जाल में फंसे दिखाई देते हैं। केल्या बड़वानी जिले के घोंघसा गांव का रहने वाला है। फर्जी रजिस्ट्री गिरोह के बहकावे में आया अनपढ़ मजदूर अपनी पैतृक जमीन के मुआवजे की खातिर कथित तौर पर दलालों के तैयार दस्तावेजों

डूब क्षेत्रवासियों के साथ धोखधड़ी
हमारी बात नहीं मानेंगे तो पछताना पड़ेगा
Posted on 01 Apr, 2011 01:11 PM

मेधा पाटकर से आलोक प्रकाश पुतुल की बातचीत


नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री और सुप्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर का मानना है कि विकास की अवधारणा को ठीक से समझा नहीं जा रहा है, जिससे सामाजिक संघर्ष लगातार बढ़ता जा रहा है। मेधा पाटकर की राय में सशस्त्र माओवादी आंदोलन के मुद्दे तो सही हैं लेकिन उनका रास्ता सही नहीं है। हालांकि मेधा पाटकर यह मानती हैं कि देश में अहिंसक संघर्ष और संगठन भी अपना काम कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनके मुद्दों को नजरअंदाज कर रही है, जिससे इस तरह के आंदोलनों की जगह लगातार कम हो रही है। यहां पेश है, उनसे की गई एक बातचीत।

• देश भर में जब कभी भी विकास की कोई प्रक्रिया शुरू होती है तो चाहे-अनचाहे, जाने-अनजाने उसका विरोध शुरू हो जाता है।

नर्मदा क्रिकेट ग्राउण्ड बनती जा रही है
Posted on 24 Jul, 2010 03:21 PM
नर्मदा बचाओ आंदोलन ने विगत, दो दशकों में विकास को नये सिरे से परिभाषित करने का एक मार्ग प्रशस्त किया है। उसने इस बात को प्रतिपादित किया कि विकास केवल विकास शब्द के साथ ही नहीं देखा जाना चाहिये बल्कि विकास को विनाश के साथ भी जोड़कर देखना होगा। वतर्मान विकास को लेकर कुछेक सवालों को लेकर नर्मदा आंदोलन की तेज-तर्रार नेत्री सुश्री मेधा पाटकर से बातचीत की।
नर्मदा-ताप्ती को प्रदूषण से खतरा
Posted on 22 Sep, 2008 07:00 PM सचिन शर्मा/ मध्यप्रदेश की औद्योगिक पट्टी इंदौर क्षेत्र में बहने वाली नर्मदा और ताप्ती नदियों को औद्योगिक प्रदूषण से बेहद खतरा है। यह खतरा मुख्यतः क्षेत्र के पाँच जिलों इंदौर, खण्डवा, खरगौन, बुरहानपुर और बड़वानी में स्थित लगभग १२०० छोटी औद्योगिक इकाइयों से है जो कंजूसी में प्रदूषण नियंत्रण के मानकों की परवाह नहीं करतीं और क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड उन्हें यह काम करने से रोक भी नहीं पाता। इस प
बांध की ऊंचाई नर्मदा घाटी को डुबाने का फैसला
Posted on 14 Jul, 2014 02:41 PM मोदी सरकार से सरदार सरोवर नर्मदा बांध की ऊंचाई बढ़ाने को मंजूरी मिलते ही नर्मदा बांध की ऊंचाई बढ़ाने का काम शुरू हो गया। कंक्रीट से बने नर्मदा बांध की करीब 122 मीटर ऊंचाई तक का निर्माण का काम पूरा हो गया है। इस पर 16 मीटर ऊंचे दरवाजे लगाकर इसकी ऊंचाई 138 मीटर करना है।
आंदोलन ने जगाई अहिंसक संघर्ष के प्रति आस्था
Posted on 17 Nov, 2010 06:56 AM

पिछले 25 साल से चल रहे नर्मदा बचाओ आंदोलन से मुझे काफी सीखने एवं समझने का मौका मिला है. सबसे बड़ी सीख मिली है - अहिंसक संघर्ष के प्रति आस्था. अहिंसक संघर्ष बहुत लंबा और गहरा होता है. यह किसी अकेले व्यक्ति का काम नहीं होता. इसके पीछे संगठन की ताकत होती है. इसके पीछे जनता का समर्थन एवं सहयोग होता है. नर्मदा घाटी के लोगों के समर्थन से यह सब संभव हुआ है. इसके अलावा देश एवं दुनिया भर में चल रहे बिरादराना अहिंसक आंदोलनों का भी हमें भरपूर सहयोग मिल रहा है.

नर्मदा बचाओ आंदोलन के 25 साल
Posted on 27 Oct, 2010 09:07 AM विश्व की प्राचीनतम संस्कृतियों में से एक नर्मदा घाटी आज भी समृद्ध प्रकृति के लिए मशहूर है। घाटी में नदी किनारे पीढ़ियों से बसे हुए आदिवासी तथा किसान, मजदूर, मछुआरे, कुम्हार और कारीगर समाज प्राकृतिक संसाधनों के साथ मेहनत पर जीते आए हैं। इन्हीं पर सरदार सरोवर के साथ 30 बड़े बांधों के जरिये हो रहे आक्रमण के खिलाफ शुरू हुआ जन संगठन नर्मदा बचाओ आंदोलन के रूप में पिछले 25 वर्षों से चल रहा है। विश्व बैंक को चुनौती देते हुए उसकी पोल इस आंदोलन ने खोली है। तीन राज्यों और केंद्र के साथ इसका संघर्ष आज भी जारी है। सरदार सरोवर के डूब क्षेत्र में दो लाख लोग बसे हैं। ये लोग वर्ष 1994 से डूबी जमीन के बदले जमीन के लिए लड़ रहे हैं। हजारों आदिवासी, बड़े-बड़े गांव और शहर, लाखों पेड़, मंदिर-मसजिद, दुकान-बाजार डूबे नहीं हैं, पर 122 मीटर की डूब में धकेले गए हैं।
भ्रष्टाचार का बांध
Posted on 25 Aug, 2010 12:36 PM ‘‘सबसे पहले यह समझना होगा कि भ्रष्टाचार का कारण न व्यक्ति है, न विकास है। अगर विकास के ढांचे में भ्रष्टाचार का बढ़ना अनिवार्य है तो वह फिर विकास ही नहीं है।‘‘ किशन पटनायक

सरदार सरोवर बांध के विस्थापितों को दिए गए विशेष पुनर्वास पैकेज के अन्तर्गत हुए फर्जी रजिस्ट्री कांड की जांच कर रहे न्यायमूर्ति (अवकाशप्राप्त) एस.एस.झा आयोग के सम्मुख गवाही के लिए आ रहे सैकड़ों दलितों और आदिवासियों के साथ हुई धोखाधड़ी के प्रमाण देखकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण ने स्वीकार किया है कि उसने तकरीबन 2902 व्यक्तियों को यह पैकेज स्वीकृत किया है। इसमें से 1486 व्यक्तियों को एक किश्त का ही भुगतान हुआ है अर्थात उन्होंने अभी तक जमीन नहीं खरीदी है। इसके बावजूद रजिस्ट्रियों की संख्या 3800 का आंकड़ा पार कर चुकी है। गौरतलब है कि इस विशेष
जमीन देखने गए प्रभावितों पर अतिक्रमणकारियों का हमला
Posted on 13 Jul, 2010 12:46 PM हमले में सरकारी कर्मचारी एवं आंदोलनकारी भी घायल जमीन देखने गए प्रभावितों और एनवीडीए कर्मचारियों पर आज ग्राम रिंगनोद में अतिक्रमणकारियों ने हमला कर दिया। हमले में 7 लोग घायल हो गए हैं। आज सुबह नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण अलिराजपुर की 16 सीटर गाड़ी में सरदार सरोवर डूब प्रभावित ग्राम ककराना के 10 प्रभावित उन्हें सरकार द्वारा प्रस्तावित जमीन देखने के निकले थे।