बागमती

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बागमती की 1953 की बाढ़
Posted on 16 Dec, 2011 10:41 AM

दिसम्बर 1953 में सरकार ने कोसी नदी पर तटबन्धों के निर्माण का अनुमोदन कर दिया था जिसकी वजह से र

फेज-2 का पुनर्वास
Posted on 16 Dec, 2011 10:25 AM तटबंध निर्माण का दूसरा दौर 1971 में शुरू हुआ जब बागमती पर सीतामढ़ी में ढेंग से रुन्नी सैदपुर तक तटबंध बनाये गए। तटबंध निर्माण के इस दौर में आते-आते आम लोगों में स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद कुर्बानी देने का जज्बा समाप्ति पर था। नेताओं की नई जमात सामने आ रही थी जो भावुक तथा जुझारू कम और व्यावहारिक ज्यादा थी। ब्रिटिश शासन काल के इंजीनियरों की पीढ़ी भी धीरे-धीरे आंखों से ओझल हो रही थी और अब इन लोगों ने
बागमती घाटी की बाढ़ समस्या
Posted on 16 Dec, 2011 08:59 AM

बागमती और बाढ़

काम पहले योजना का अनुमोदन बाद में: बागमती नदी से सिंचाई के नाम पर भद्दा मजाक
Posted on 14 Dec, 2011 11:00 AM

अगर यहाँ कुछ उपजता है तो वह किसानों के अपने पुरुषार्थ से। फर्क बस इतना ही आया है कि सिंचाई के

ताकि काम चलता रहे और योजना भी बनती रहे
Posted on 14 Dec, 2011 10:24 AM

फरवरी 1980 में प्राक्कलन का जो स्वरूप था उसके अनुसार सिंचाई योजना में बराज, नहरों तथा जल निकास

पानी की निकासी का रास्ता कहाँ गया?
Posted on 14 Dec, 2011 09:51 AM उमेश राय, ग्राम मोरों, प्रखंड हनुमान नगर, दरभंगा कहते हैं, ‘‘...दरभंगा जिले में नेपाल से निकलने वाली 19 नदियाँ गुजरती हैं और इस जिले की भौगोलिक बनावट ऐसी है कि इन नदियों के माध्यम से बरसात के मौसम में आने वाला सारा का सारा पानी 24 घंटे के अंदर खेत की सिंचाई करके निकल जाया करता था। किसी को बाढ़ से कोई नुकसान नहीं पहुँचता था। आजादी के पहले तक यह पूरा इलाका
नदी का धारा-परिवर्तन और योजना की स्वीकृति
Posted on 14 Dec, 2011 09:12 AM

1969 की बाढ़ के बाद से नदी तो अब पिपराही, जाफरपुर, चन्दौली, कन्सार, पचनौर और रक्सिया होते हुए

आर्थिक संकट, आश्वासन और राजनीति
Posted on 13 Dec, 2011 01:55 PM

बागमती घाटी में सिंचाई के नाम पर विभिन्न सरकारों द्वारा बरगलाये जाने का सिलसिला अभी तक खत्म नह

कील गड़ाई
Posted on 13 Dec, 2011 12:45 PM

आजादी के बाद इस प्रथा के स्वरूप को विकृत कर दिया गया और घाट की बंदोबस्ती नीलामी द्वारा की जाने

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