केसर सिंह

केसर सिंह
तालाब की ओर फिर से लौटता बुंदेलखंड
Posted on 10 Aug, 2014 04:30 PM

पानी-पर्यावरण के जानकार अनुपम मिश्र और देवास के दस-हजार तालाबों के रचयिता श्री उमाकांत उमराव हमारे मार्गदर्शक हैं। श्री उमाकांत उमराव जी कहते हैं कि तालाब ‘सिविल इंजीनियरिंग’ के सबसी पहली रचना हैं और ऐसी रचना हैं, जो आम से खास सबको समझ में आते हैं। महोबा के तत्कालीन जिलाधिकारी श्री अनुज कुमार झा का स्नेह हमें खूब मिला, उनकी अगुवाई से ही महोबा में तालाबों की रचना काम गति पकड़ सका। मुख्य विकास

मुक्ति पदयात्रा
Posted on 25 Mar, 2013 09:46 AM

यमुना की कुल लंबाई 1375 किलोमीटर है। दिल्ली के क्षेत्र में यमुना मात्र 48 किलोमीटर बहती है। पर यमुना की कुल गंदगी में लगभग 90 फीसद दिल्ली का योगदान है। दिल्ली के मल-मूत्र को साफ करने में करोड़ों रुपया बहाया जा चुका है पर यमुना अभी तक साफ नहीं हो पाई है।

 

 

यमुना रक्षक दल की मांगों और बदले में सरकार के जवाबों से कई सवाल खड़े होते हैं। पर एक बात साफ है कि दिल्ली के नालों के संदर्भ में सरकार का जवाब यमुना रक्षक दल की जीत नहीं है। इससे भी यमुना का ही नुकसान होगा, महानाले के लिए जो ज़मीन लगेगी, आशंका है कि वह भी यमुना के हिस्से में से ही निकाली जाएगी। महानाले के संदर्भ में सर्वोच्च न्यायलय को कई बार सरकार ने यह वादा किया है। यमुना रक्षक दल के सामने अपने उसी पुराने वादे को नई बोतल में भरकर पेश कर दिया और वाहवाही लूटी।

गंगा की तरह ही यमुना भी हिमालय की गोद से निकलती है। हिमाच्छादित पर्वत बंदरपुच्छ से 8 मील उत्तर-पश्चिम में कलिंद पर्वत है। इसी पर्वत की कोख से जन्मने के कारण यमुना कालिंदी भी कहलाती है। यमुना को प्यार की नदी भी कहा जाता है। भगवान कृष्ण और राधा की प्रेम लीलाओं का क्षेत्र ब्रज यमुना के किनारे ही स्थित है। मुमताज महल की याद में शाहजहां द्वारा बनवाया गया प्यार का प्रतीक ताजमहल भी यमुना के किनारे ही है। ब्रज क्षेत्र और आगरा दोनों ही यहां की संस्कृति गढ़ते हैं। यहां के सामाजिक संगठनों में भी यह प्रभाव दिखता है। यहां जन्मे आंदोलन भी गाते-बजाते, नाचते-कूदते हुए ही मांगों के लिए प्रदर्शन, पदयात्रा करते हैं। यमुना रक्षक दल, मान मंदिर, बरसाना के संतों और भक्तों का संगम ही है। बरसाना राधा जी की जन्मस्थली है। संत रमेश बाबा मान-मंदिर के मुखिया हैं। ब्रज क्षेत्र को वे कृष्ण की लीला स्थली मानते हैं। ब्रज के जंगल, पहाड़, नदियां और कुंड; सब को वे कृष्ण की विरासत मानते हैं।

यमुना में अबाध प्रवाह चाहिए
Posted on 23 Mar, 2013 03:21 PM

कृष्णप्रिया राधा जी का गांव है बरसाना। बरसाना में स्थित मानमंदिर के संस्थापक और यमुना रक्षक दल के प्रणेता रमेश बाबा की पहचान जुझारू संत की है। कृष्ण भक्ति के साथ ही, कृष्ण लीला के इलाकों के संरक्षण और यमुना मुक्ति अभियान को भी वे भगवद् भक्ति ही मानते हैं। प्रस्तुत है रमेश बाबा से सिराज केसर द्वारा लिया गया साक्षात्कार का संपादित अंश

संत निगमानंद के बलिदान को न्याय का इंतजार
Posted on 27 Jun, 2011 12:33 PM

तथ्य व जानकारियाँ


सन् 1998 से ही गंगा में अवैध खनन व क्रशिंग गतिविधियों के विरुद्ध मातृसदन का संघर्ष जारी रहा है, जिसके परिणामस्वरूप हरिद्वार कुंभ क्षेत्र से अधिकांश स्टोन क्रेशर व खनन गतिविधियाँ प्रतिबंधित हुईं। सरकार, प्रशासन व खनन तंत्र को मातृसदन के सत्याग्रह के समक्ष निरुत्तर होना पड़ा, केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय व स्थानीय शोध आख्या ने भी खनन को अनुचित व विनाशकारी करार देते हुए इसे बंद करने की सिफारिशें की थीं।

संत निगमानंद
मानसून और मेघदूतों से टूटता रिश्ता
Posted on 09 Jun, 2011 10:45 AM

तीन पैसे में सौ लीटर पानी कंपनियों को प्राप्त हो रही हैं, और हमसे कंपनियां एक लीटर का 15 रुपए वसूल कर रहीं हैं। मुनाफे के इस कारोबार के खिलाफ कोई आवाज सुनाई नहीं देता

हरिद्वार की गंगा में खनन अब पूरी तरह बंद
Posted on 27 May, 2011 04:49 PM

नैनीताल उच्चन्यायालय ने भी माना कि स्टोन क्रशर से पर्यावरण को नुकसान हो रहा है

दरकते पहाड़ उफनती नदियां
Posted on 24 May, 2011 10:06 AM

पिछले एक-डेढ़ साल में लेह में बादल का फटना, राजस्थान, बिहार और कर्नाटक और बुंदेलखंड के कुछ हिस्सों में और अब दिल्ली और उत्तराखंड में आई बाढ़ ने कागजों पर चलते बाढ़ नियंत्रण आयोगों और योजनाओं को डुबो दिया है। आंकड़ों के आधार पर कहा जा सकता है कि बारिश की मात्र कम हुई है और वर्षा-काल भी कम हुआ है, लेकिन बाढ़ से तबाही के इलाकों में कई गुना बढ़ोतरी हुई है।

पानी की हर बूंद कीमती है
Posted on 04 Apr, 2011 11:57 AM

22 मार्च यानी विश्व जल दिवस। पानी बचाने के संकल्प का दिन। पानी के महत्व को जानने का दिन और पानी के संरक्षण के विषय में समय रहते सचेत होने का दिन। प्रकृति जीवनदायी संपदा जल हमें एक चक्र के रूप में प्रदान करती है, हम भी इस चक्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इस चक्र को गतिशील बनाए रखना हमारी ज़िम्मेदारी है, प्रकृति के ख़ज़ाने से हम जितना पानी लेते हैं, उसे वापस भी हमें ही लौटाना है। हम स्वयं पानी क

water drops
पेप्सी-कोक का आर्थिक साम्राज्य
Posted on 10 Mar, 2011 11:56 AM

इन्हें स्कूल की कैण्टीन से बाहर करें, खेलकूद के मैदान से और बस अड्डों से बाहर करें। छतरियों, कुर्सियों, दुकानों की दीवारों, टी शर्टों और हार्डिंग्स से इन्हें बाहर करें। वैश्विक गाँव में वैश्विक उपनिवेशवादियों के चंगुल में भारत को नहीं फँसने देना है। दुनिया के स्तर पर परिवर्तन बहुत तेजी से हुआ है। राष्ट्र कमजोर हुए हैं, बाजार मजबूत हुआ है। बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ वैश्विक ताकत हैं। दुनिया में नई ग

स्वच्छता सबका अधिकार है - इंदिरा खुराना
Posted on 21 Mar, 2010 01:00 PM

विश्व जल दिवस के अवसर पर विशेष रेडियो श्रृंखला “जल है तो कल है” इंडिया वाटर पोर्टल प्रस्तुत कर रहा है। यह कार्यक्रम वन वर्ल्ड साउथ इंडिया के सहयोग से प्रस्तुत किया जा रहा है। 19 मार्च को प्रसारित कार्यक्रम की मेहमान इंदिरा खुराना जी हैं, जो वाटरएड की पालिसी और पार्टनर डायरेक्टर हैं।
 

यह कार्यक्रम एआईआर एफएम रेनबो इंडिया (102.6 मेगाहर्टज) पर रोजाना 18-23 मार्च, 2010 तक समय 3:45- 4:00 शाम को आप सुन सकते हैं।

Indira Khurana
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