22 मार्च यानी विश्व जल दिवस। पानी बचाने के संकल्प का दिन। पानी के महत्व को जानने का दिन और पानी के संरक्षण के विषय में समय रहते सचेत होने का दिन। प्रकृति जीवनदायी संपदा जल हमें एक चक्र के रूप में प्रदान करती है, हम भी इस चक्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इस चक्र को गतिशील बनाए रखना हमारी ज़िम्मेदारी है, प्रकृति के ख़ज़ाने से हम जितना पानी लेते हैं, उसे वापस भी हमें ही लौटाना है। हम स्वयं पानी का निर्माण नहीं कर सकते। अतः प्राकृतिक संसाधनों को दूषित न होने दें और पानी को व्यर्थ न गँवाएँ।
कार्यक्रम में वाटर कम्युनिटी इंडिया और इंडिया वाटर पोर्टल हिंदी से जुड़े सिराज केसर जी का भी साक्षात्कार लिया गया है। जिसमें उनका कहना है कि पानी और पर्यावरण दो ऐसे मुद्दे हैं, जिसके बारे में हर आदमी को सोचना चाहिए। जल दिवस मनाने के पीछे यही मंशा है कि प्रकृति के इन संसाधनों का सही इस्तेमाल किया जा सके। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि यदि हम पानी या पर्यावरण के प्रति संवेदनशील नहीं है, तो हम जीवन के आने वाले भविष्य के प्रति भी संवेदनशील नहीं है।
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