इण्डिया वाटर पोर्टल (हिन्दी)

इण्डिया वाटर पोर्टल (हिन्दी)
सानंद के स्वास्थ्य में आ रही है गिरावट
Posted on 15 Aug, 2018 07:36 PM

स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद (फोटो साभार - डेली मेल)

स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद
वैकेंसी - कम्युनिकेशन ऑफिसर (Vacancy - Communication Officer)
Posted on 28 Oct, 2017 04:12 PM


पद - कम्युनिकेशन ऑफिसर
स्थान - बंगलुरु़
संस्थान - अर्घ्यम
आवेदन की अन्तिम तिथि - 10 नवम्बर 2017

संगठन के बारे में


अर्घ्यम एक भारतीय जन कल्याण संगठन है। इसकी स्थापना सन 2001 में रोहिणी नीलेकणी ने निजी दान से की थी। संगठन की शुरुआत ‘सबको साफ पानी हमेशा’ के उद्देश्य के साथ हुई थी।

अर्घ्यम का मुख्य फोकस देश की सबसे बड़ी समस्या सभी को पीने के लिये साफ पानी मुहैया कराने व स्वच्छता पर है। अर्घ्यम ग्रांट व राष्ट्रीय, राज्यीय व स्थानीय सरकारों, सिविल सोसाइटीज और अकादमिक संस्थानों के साथ मिलकर 20 राज्यों में काम कर रहा है और अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर इसको पहचान मिल चुकी है। संगठन नए प्रयोगों व मूल्यों के लिये काफी लोकप्रिय है।

अर्घ्यम
सूचना का अधिकार कानून, 2005 के तहत लघु सिंचाई विभाग हमीरपुर के अन्तर्गत किये गए कार्यों के सम्बन्ध में जानकारी
Posted on 11 Jul, 2017 12:13 PM
(Regarding details of works done by Micro Irrigation Department, Hamirpur under Right to Information Act, 2005)
दिनांक- 27/06/2017

सेवा में
जन सूचना अधिकारी,
लघु सिंचाई विभाग,
हमीरपुर, उत्तर प्रदेश - 210301

विषय - सूचना का अधिकार कानून, 2005 के तहत लघु सिंचाई विभाग हमीरपुर के अन्तर्गत किये गए कार्यों के सम्बन्ध में जानकारी।
आरटीआई
पुस्तक परिचय - बुन्देलखण्ड के तालाबों एवं जल प्रबन्धन का इतिहास
Posted on 10 Jan, 2017 11:11 AM

बुन्देलखण्ड 30 लाख हेक्टेयर भूमि का क्षेत्र है, जिसमें लगभग 25 लाख हेक्टेयर में कृषि की जाती है परन्तु सिंचाई के अभाव के कारण कृषि अविकसित ही रहती है। चन्देलों एवं बुन्देल राजाओं ने अपनी प्रजा की जलापूर्ति हेतु गाँव-गाँव में तालाबों का निर्माण कराकर वर्षा के बहते धरातलीय जल का संग्रहण कर दिया था। उन प्राचीन तालाबों में निरन्तर मिट्टी, बालू एवं अन्य बेकार तत्व जमा होते रहे जिससे उनकी जल भण्डा
बुन्देलखण्ड के तालाबों एवं जल प्रबन्धन का इतिहास
अनुपम मिश्र - श्रद्धांजलि सभा
Posted on 31 Dec, 2016 11:50 AM


तारीख - 07 जनवरी 2017
समय - सुबह 11 से शाम 5 बजे तक
स्थान - गाँधी शान्ति प्रतिष्ठान, नई दिल्ली


अनुपम मिश्रअनुपम मिश्रपिछले 19 दिसम्बर 2016 को सुबह 5.40 बजे वृहत गाँधी परिवार के प्रिय श्री अनुपम मिश्र का देहान्त हो गया। अनुपम भाई केन्द्रीय गाँधी स्मारक निधि के उपाध्यक्ष थे और गाँधी शान्ति प्रतिष्ठान के नियामक मण्डल के सदस्य भी। वे ‘गाँधी मार्ग’ पत्रिका के सम्पादक थे और हम सब के सुख-दुख के साथी भी।

हम सब ने मिलकर उनकी याद में एक श्रद्धांजलि सभा रखी है। यह गाँधी शान्ति प्रतिष्ठान में होगी, 7 जनवरी 2017 को सुबह 11 बजे से लेकर दोपहर बाद 5:00 बजे तक। कार्यक्रम के दो हिस्से रहेंगे- पहले में हम अनुपम जी के जीवन और कर्म से एक बार फिर परिचित होने का प्रयास करेंगे और उस पर आधारित चित्र भी देखेंगे तथा 2 से 5 तक हम उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।

Anupam Mishra
बुन्देलखण्ड क्षेत्र में वर्षाजल संचयन हेतु खेत तालाब की योजना
Posted on 26 Nov, 2016 11:35 AM

प्रस्तावना


बुन्देलखण्ड क्षेत्र में औसत सामान्य वार्षिक वर्षा 875 मिमी. है। वर्षा ऋतु में लगभग 50 से 55 दिन में ही पूरी वर्षा हो जाती है तथा इसका वितरण भी अत्यन्त ही असमान होता है। विगत वर्षों के वर्षा के स्वरूप (Rainfall pattern) के आधार पर यह देखा गया है कि माह अगस्त के किसी एक सप्ताह के 01 अथवा 02 दिनों में ही कुल वर्षा की लगभग 40 प्रतिशत वर्षा हो जाती है।
भगीरथ प्रयास सम्मान
Posted on 20 Aug, 2016 12:04 PM

भगीरथ प्रयास सम्मान की स्थापना वर्ष 2014 में की गई थी। इसका
एक्सक्रीटा फ्लो डायग्राम बनाने की ट्रेनिंग
Posted on 20 Aug, 2016 11:36 AM


दिनांक- 07-08 सितम्बर 2016
स्थान- विज्ञान एवं पर्यावरण केन्द्र, नई दिल्ली
भाषा- अंग्रेजी


सेंटर अॉफ साइंस एंड एनवायरमेंट बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन से ग्रांट प्राप्त और दूसरे सेक्टरों के लोगों के लिये “एक्स्क्रीटा फ्लो डायग्राम (शिट फ्लो डायग्राम) की तैयारी” पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने जा रहा है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिये 20 सीटें हैं और प्रतिभागियों का चयन पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर किया जाएगा। कार्यक्रम की पूरी जानकारी निम्नलिखित वेबसाइट से प्राप्त की जा सकती है -

http://cseindia.org

 

उद्देश्य


शहरों में स्वच्छता के लिये योजना तैयार करने में शिट फ्लो डायग्राम एक महत्त्वपूर्ण साधन बनकर उभर रहा है। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य एएफडी प्रमोशन इनिशिएटिव द्वारा तैयार किये गए इस साधन से प्रतिभागियों को लैस करना है।

फोटोग्राफी पर 5 दिवसीय वर्कशॉप
Posted on 20 Aug, 2016 11:12 AM

स्थान - सम्भावना इंस्टीट्यूट, कांगड़ा
तारीख - 1-5 अक्टूबर 2016


समाजिक मुद्दों पर काम कर रहे फोटोग्राफरों, कार्यकर्ताअों और शोधकर्ताअों के लिये सम्भावना इंस्टीट्यूट 1-5 अक्टूबर 2016 तक 5 दिवसीय फोटोग्राफी कार्यशाला (वर्कशॉप) आयोजित करने जा रहा है। कार्यशाला का उद्देश्य सामाजिक मुद्दों की रिपोर्टिंग और दस्तावेजीकरण को नई विजुअल मीडिया द्वारा प्रभावी तरीके से पेश करने की तकनीक सिखाना है ताकि प्रभावित लोगों, आम आदमी, नीति निर्माताओं, राजनीतिज्ञों और नौकरशाहों तक इसे प्रभावशाली तरीके से पहुँचाया जा सके।

कार्यशाला का फोकस तकनीक/रणनीति और परिप्रेक्ष्य पर होगा। इसमें हिस्सा लेने वालों के लिये कई तरह के लेक्चर, सामूहिक संवाद, मैराथन सत्र होंगे जिसमें प्रतिभागियों और विशेषज्ञों के बीच सीधा संवाद होगा। फोटोग्राफरों पर वीडियो डॉक्यूमेंट्री और फोटोग्राफी अप्रोच कार्यशाला का हिस्सा होंगे।
केन्द्र किसी भी सूरत में बनाएगा केन-बेतवा लिंक
Posted on 07 Aug, 2016 12:14 PM

अरण्या ईको, इंडियन सोशल रिस्पांसबिलिटी नेटवर्क और डिवाइन इंटरनेशनल फाउंडेशन की संयुक्त रूप से आयोजित कार्यक्रम ‘डायलॉग आन रीवर इंटर-लिंकिंग’ में कई वक्ताअों ने नदी जोड़ परियोजना और खासकर केन-बेतवा लिंक पर अपने-अपने विचार व्यक्त किये। कुछ वक्ताओं ने यह भी कहा कि नदी जोड़ परियोजना की जगह दूसरी कम खर्चीली और दीर्घावधि परिणाम वाली परियोजनाओं पर काम किया जा सकता है। केन्द्र सरकार ने फिर एक बार केन-बेतवा लिंक परियोजना को किसी भी कीमत पर पूरा करने की प्रतिबद्धता दुहराई और आश्वासन दिया कि इससे वन्यजीवों और पर्यावरण को बहुत नुकसान नहीं होगा।

06 अगस्त 2016 शनिवार को अरण्या ईको, इंडियन सोशल रिस्पांसबिलिटी नेटवर्क और डिवाइन इंटरनेशनल फाउंडेशन की संयुक्त रूप से आयोजित कार्यक्रम ‘डायलॉग आन रीवर इंटर-लिंकिंग’ में कई वक्ताअों ने नदी जोड़ परियोजना और खासकर केन-बेतवा लिंक पर अपने-अपने विचार व्यक्त किये। कुछ वक्ताओं ने यह भी कहा कि नदी जोड़ परियोजना की जगह दूसरी कम खर्चीली और दीर्घावधि परिणाम वाली परियोजनाओं पर काम किया जा सकता है।
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