गंगा संरक्षण के लिये केन्द्र सरकार द्वारा अब तक उठाए गए कदमों से असन्तुष्ट, वयोवृद्ध पर्यावरणविद प्रोफेसर जीडी अग्रवाल सह स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद 55 दिनों से अनशन पर हैं। उनके स्वास्थ्य में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है और उनका वजन 15 किलोग्राम कम हो गया है। हाल ही उन्हें 13 अगस्त को ऋषिकेश स्थित एम्स में भर्ती कराया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार उनकी हृदय गति में भी अनियमितता दर्ज की गई है जिससे उन्हें बोलने में तकलीफ हो रही है। हालांकि, बुधवार को अस्पताल द्वारा जारी रिपोर्ट में उनकी स्थिति सामान्य बताई गई है। स्वामी सानंद ने एक बार फिर अपनी माँगों के न पूरा होने तक अनशन को जारी रखने संकल्प को दुहराया है। सरकार जब तक गंगा एक्ट पर संसद में चर्चा करा कर उसे पास नहीं कराती, मेरा अनशन जारी रहेगा - स्वामी सानंद
मालूम हो कि गंगा एक्ट को लागू करने, गंगा परिषद के गठन, उत्तराखण्ड में गंगा और उसकी सहायक नदियों पर निर्माणाधीन और प्रस्तावित सभी जलविद्युत परियोजना को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने की माँग को लेकर स्वामी सानंद 22 जून से आमरण अनशन पर हैं। अपनी माँगों के समर्थन में वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अब तक तीन बार पत्र लिख चुके हैं। इसी महीने के पहले सप्ताह में उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर संसद के वर्तमान सत्र में गंगा एक्ट को पास कराने की माँग को फिर से उठाया है। उन्होंने पत्र में गंगा एक्ट का ड्राफ्ट तैयार करवाने के लिये पिछली यूपीए सरकार की तारीफ भी किया है। इसके अलावा प्रधानमंत्री द्वारा पिछले दो पत्रों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं व्यक्त करने पर उन्होंने नाराजगी भी जाहिर किया है।
इधर, केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने भी 5 जून को स्वामी सानंद से मुलाकात कर उनसे अनशन त्यागने का अनुरोध किया था लेकिन बात नहीं बन पाई थी। इस मुलाकात को उमा भारती ने व्यक्तिगत प्रयास बताया था। उन्होंने कहा था कि स्वामी सानंद की माँग पर सरकार गम्भीरता से विचार कर रही है और जल्द ही गंगा एक्ट को कैबिनेट से पास करा कर शीतकालीन सत्र में संसद में पेश किया जाएगा।
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