गोरखपुर एनवायरन्मेंटल एक्शन ग्रुप

गोरखपुर एनवायरन्मेंटल एक्शन ग्रुप
सूखे के प्रभाव को अमरूद की बागवानी ने कम किया
Posted on 02 Jul, 2015 10:06 AM
नदी किनारे की पडुई ज़मीन आमतौर पर खेती लायक नहीं होती। इसमें अमरूद की बागवानी लगाकर आजीविका के बेहतर स्रोत पाने की साथ ही पेड़-पौधों से पर्यावरण संरक्षण में भी सहायता मिलती है।

संदर्भ

गली प्लग (लूज बोल्डर चेकडैम) एवं मेड़बंदी से परती / बंजर ज़मीन में फसलें लहलहाई
Posted on 19 Apr, 2013 10:40 AM
खेतों का सुधार मसलन भूमि समतलीकरण, मेड़बंदी आदि सूखा से निपटने में एक बेहतर कदम साबित हो सकता है और यही मानते हुए तिंदौली के किसानों ने मृदा व नमी संरक्षण कार्य को प्राथमिकता दी।

संदर्भ

मृदा संरक्षण से खाद्य सुरक्षा
Posted on 18 Apr, 2013 12:33 PM
पानी तेज रफ्तार जहां मिट्टी की कटान करती है, वहीं दूसरी तरफ पानी रुक न पाने के कारण सिंचाई भी नहीं हो पाती। इस दोतरफा नुकसान से बचने के लिए लोगों ने मेड़बंदी की प्रक्रिया अपनाई और अपने खेतों की सुरक्षा की।

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सूखे जालौन में पानी संरक्षण की अनोखी तकनीक
Posted on 18 Apr, 2013 12:17 PM
सूखे परिक्षेत्र में बेकार बहने वाला पानी सूखा को और बढ़ाता ही है। यही सोचकर जालौन के डांग खजूरी गांव की महिलाओं ने आर्टीजन वेल से बेकार बहने वाले पानी को नियंत्रित किया, जिसने अन्य लोगों को प्रेरणा देने का काम किया।

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सूखे से निपटने हेतु बंधी बांधने का एकल प्रयास
Posted on 18 Apr, 2013 12:01 PM
सूखे से निपटने हेतु एक परिवार ने अपनी क्षमता प्रदर्शित करते हुए अपनी खेती के बीचों-बीच से बहने वाले नाले को बांधा। जिससे न सिर्फ खेत की उर्वरता बहने से रुकी वरन् इनकी खेती भी दो फसली हो गई।

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सामुदायिक सहयोग से रोका बरसात का पानी
Posted on 18 Apr, 2013 10:27 AM
नदी एवं जंगल जैसी प्राकृतिक संपदाओं से प्रचुर होने के बाद भी उबड़-खाबड़ भूमि होने के कारण लोग सिंचाई साधनों की अनुपलब्धता से खेती कर पाने में कठिनाई का अनुभव करते थे। ऐसे में बरसाती पानी रोकने का समुदाय स्तर पर किया गया प्रयास सफल व अनुकरणीय रहा।

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श्रृंखलाबद्ध तालाब पुनर्जीवन से सूखे का मुकाबला
Posted on 15 Apr, 2013 10:48 AM
सूखे से लड़ने में असफल पुरूष तो बाहर चला जाता है परंतु घर पर अकेली रह रही महिला को अनेक सामाजिक वंचनाओं एवं अपमानों का सामना करना पड़ता है। इसे संज्ञान में लेते हुए चरखारी में तालाबों को पुनर्जीवित किया गया।

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सूखे से निपटने को तत्पर गांव
Posted on 15 Apr, 2013 10:25 AM
लगातार सूखे की दंश झेल रहे बुंदेलखंड में ऐसे भी लोग हैं, जिन्होंने सूखे से निपटने हेतु अभिनव प्रयोग किये हैं जिसने न केवल उनकी अपनी आजीविका को ही समृद्ध किया है बल्कि क्षेत्र के लिए एक मिसाल कायम किया है।

संदर्भ

सामूहिक पशुशाला
Posted on 15 Apr, 2013 10:19 AM
सूखे के दौरान पशुओं को खुला छोड़ देना बुंदेलखंड की आम प्रथा रही है जो विपरीत परिस्थितियों में थोड़ी बहुत खेती कर रहे लोगों के लिए काफी नुकसानप्रद हो रही है। ऐसे में सामूहिक पशुशाला का संचालन क्षेत्र के लिए एक बेहतर विकल्प बना और पशुओं का पलायन भी रुका।

संदर्भ

सामूहिक अनाज बैंक बनाकर महिलाओं ने किया सूखे का मुकाबला
Posted on 14 Apr, 2013 10:53 AM
जनपद जालौन के 95 प्रतिशत लघु एवं सीमांत किसानों की आजीविका का आधार खेती है। सूखे की मार झेल रहे इन किसानों के सामने सबसे बड़ा संकट खाने का होता है जिससे निपटने हेतु पुरुष वर्ग पलायन कर जाता है और पीछे छोड़ जाता है सभी समस्याओं को झेलने हेतु महिलाओं को।

परिचय

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