ब्रजरतन जोशी

ब्रजरतन जोशी
पृथ्वी दिवस और पृथ्वी सिद्धान्त
Posted on 16 Apr, 2017 10:14 AM

पृथ्वी दिवस, 22 अप्रैल 2017 पर विशेष


खतरे में पृथ्वी का अस्तित्वपृथ्वी दिवस प्रतिवर्ष 22 अप्रैल को मनाया जाता है। पहले पहल तो यह प्रश्न उठना स्वाभाविक ही है कि यह इसी तिथि को ही क्यों मनाया जाता है? इसके प्रस्तोता संयुक्त राज्य अमेरिका के सीनेटर जेराल्ड नेल्सन हैं। उनकी सोच यह थी कि पृथ्वी पर बढ़ते दबावों, तनावों और चिन्ताओं के लिये मानव मात्र को जागरूक करना नितान्त अनिवार्य है। क्योंकि विद्यालय, महाविद्यालय और विश्वविद्यालय ज्ञान के केन्द्र हैं और वहाँ समूची मानव जाति की युवा पीढ़ी को प्रशिक्षित किया जाता है।

अतः जेराल्ड नेल्सन ने इस चेतना की जागृति हेतु इस दिनांक यानी 22 अप्रैल को चुना। क्योंकि यह वह समय है जब यूरोप में न तो धार्मिक छुट्टियाँ होती हैं और न ही परीक्षाएँ। अतः परिसर में छात्रों की संख्या का आँकड़ा काफी अच्छा रहता है। इस समय मौसम भी अच्छा ही रहता है। अतः उन्होंने इस तिथि का चयन किया।
खतरे में पृथ्वी का अस्तित्व
लोक स्थापत्य के विविध आयाम
Posted on 14 Apr, 2017 12:05 PM

हमारे जानकार व जागरूक समाज ने यहाँ के जलवायु के अनुकूल ही इस
बीकानेर के प्रमुख ताल-तलैया (Ponds and lakes of Bikaner)
Posted on 28 Jan, 2017 04:51 PM

तालाब


1. संसोलाव 2. हर्षोलाव 3. मूँधड़ों का तालाब (फूलनाथ) 4. सूरसागर 5. नृसिंहसागर 6. ब्रह्मसागर 7. घड़सीसर तालाब 8. शिवबाड़ी का तालाब 9. देवीकुण्डसागर 10. कल्याणसागर 11. बागड़ियों का तालाब 12. रघुनाथसागर 13. हिंगलाज तालाब 14. मोदियों का तालाब 15. अर्जुनसागर

घड़सीसर झील
जायज है जलाशय
Posted on 25 Jan, 2017 11:39 AM

एक समय था जब बीकानेर में लगभग 100 से ज्यादा ताल-तलाइयाँ रही ह
सांस्कृतिक अस्मिता के सारथी
Posted on 25 Jan, 2017 11:26 AM

तालाबों ने समाजोत्थान एवं सुखद सांस्कृतिक परिवेश के साथ जन को एकता के सूत्र में पिरोए रखन

सरोवर के प्रहरी
Posted on 24 Jan, 2017 04:42 PM

पहले लोग वर्षामास के आगमन से पहले तालाब मन्दिर आदि में दर्शनो
सृष्टा के उपकरण
Posted on 23 Jan, 2017 04:58 PM

तालाब बनाने वाले कारीगरों के पास जो करनी होती, वह दो प्रकार क
आकार का व्याकरण
Posted on 23 Jan, 2017 02:04 PM

संसोलाव तालाब के बीचोंबीच यह छतरी तलाब के स्थापत्य को अप्रतिम
आगोर से आगार तक
Posted on 23 Jan, 2017 01:59 PM

तालाब का ढलान गऊ घाट, पणयार घाट की ओर रखा जाता था, ताकि पशु-पक्षी आसानी से पानी पी सकें व

इतिहास के झरोखों में बीकानेर के तालाब
Posted on 23 Jan, 2017 11:13 AM

जैसा कि प्रायः होता है कि हर संस्कृति के किसी विशिष्ट कालखण्ड
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