/topics/sanitation
स्वच्छता
पर्यावरण के दुश्मन सैनेटरी पैडस
Posted on 14 Sep, 2023 06:26 PMटेलीविज़न पर विज्ञापनों द्वारा इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित किया जाता है। विज्ञापन एजेंसियां इस प्रचार पर करोड़ों रुपया खर्च करती हैं, लेकिन इनके सही निस्तारण के साथ पर्यावरण और स्वास्थ्य पर पड़ने वाले इनके हानिकारक प्रभावों से बचाव की दिशा में अब तक किसी कम्पनी ने कोई कदम नहीं उठाया है। मोटे तौर पर एक महिला हर महीने 12-14 सैनेटरी पैड्स का उपयोग करती हैं और इस तरह अपने जीवन में लगभग 16,800 सैने
![पर्यावरण के दुश्मन सैनेटरी पैडस](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-09/sainatry%20pads.jpeg?itok=bbKthi9E)
स्कूलों में 'WASH' से कौंध जनजातीय लोगों के चेहरों पर खिली मुस्कान
Posted on 13 Sep, 2023 05:26 PMबच्चे किसी भी देश के सामाजिक- आर्थिक विकास के निर्माता होते हैं। और शिक्षा इन भावी निर्माताओं के विकास में ऑक्सीजन की भूमिका निभाती है। सतत विकास लक्ष्य 4 (एसडीजी 4 ) का उद्देश्य 'समावेशी और समान गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना और सभी के लिए आजीवन सीखने के अवसरों को बढ़ावा देना' है। प्रत्येक बच्चे को स्कूलों में सुरक्षित पेयजल, स्वच्छता और सफाई (वॉश) सुविधाओं तक पहुंच के साथ शिक्षा का अधिका
![कांधा डेंगासरगी गाँव के स्कूल में नल के जल से हाथ धोते विद्यार्थी,Pc--जल जीवन संवाद](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-09/students%20driniking%20water.png?itok=WpD6OpLv)
स्वच्छ बड़ा मंगल,आस्था संग पर्यावरण संरक्षण एवं स्वच्छता की पहल
Posted on 28 Jul, 2023 11:48 AMलखनऊ में ज्येष्ठ मास के प्रत्येक मंगल को गली-गली, चौराहे चौराहे पर हनुमानजी की स्मृति में बड़े-बड़े भंडारों का आयोजन होता है। यह भंडारे आस्था के प्रतीक हैं। भक्ति के प्रतीक हैं। श्रद्धा के प्रतीक हैं। निष्ठा के प्रतीक हैं। सेवा और समर्पण के प्रतीक हैं। अब आवश्यकता है बड़े मंगल के भंडारे व्यवस्था के प्रतीक बनें। स्वच्छता के प्रतीक बनें। पर्यावरण संरक्षण के प्रतीक बनें। सम्पूर्ण समाज को संस्कार औ
![भंडारों का आयोजन,PC-नीड़ पिक्स](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-07/bhandara-3.jpg?itok=uSQ5VU1r)
माँ नर्मदा स्वच्छता शिक्षण एवं स्वास्थ्य सेवा समिति
Posted on 20 Feb, 2023 11:32 AMऔँकारेश्वर ज्योतिर्लिंग बारह ज्योतिरलिंगों में से चौथे ज्योतिर्लिंग का रूप माना जाता है। तीर्थ स्थल होने के साथ-साथ यह बांध और टापू के रूप में पर्यटन का मुख्य स्थान है। इसलिए यहाँ साल भर ही भीड़ रहती है और त्योहारों जैसे अमावस्या आदि पर्वों के समय यहां भीड़ और अधिक बढ़ जाती है। दर्शन करने आए भक्तों की लापरवाही के कारण इस पवित्र स्थल पर प्रदूषण भी
![नर्मदा स्वच्छता अभियान](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-02/Narmda_Sewa_Samiti.jpg?itok=UrDeC8lv)
भारत में हर साल 7 लाख मौत का कारणः प्रदूषित पानी
Posted on 15 Dec, 2022 01:29 PMप्रदूषित पानी पीने से होने वाली बीमारियों की वजह से भारत में हर साल करीब 7 लाख से अधिक लोग अपनी जान गंवाते है और ये आंकड़ा ज़्यदातर ग्राaमीण इलाको से सामने आये है अभी हाल ही में 7 दिसंबर 2022 को एक ऐसी घटना सामने आई जिसने राजस्थान के जल विभाग की पोल खोल कर रख दी और इस घटना ने देशभर का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया ,घटना राजस्थान के करौली की है जहाँ प्रदूषित पानी पीने से 1
![प्रदूषित पानी ,फोटो- flickerIndiawaterportal](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%A4%20%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82%20%E0%A4%B9%E0%A4%B0%20%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%B2%207%20%E0%A4%B2%E0%A4%BE%E0%A4%96%20%E0%A4%AE%E0%A5%8C%E0%A4%A4%20%E0%A4%95%E0%A4%BE%20%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%A3%E0%A4%83%20%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%A6%E0%A5%82%E0%A4%B7%E0%A4%BF%E0%A4%A4%20%E0%A4%AA%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A5%80.png?itok=oClrdLSl)
पेयजल एवं जल को शुद्ध करने की विधियां
Posted on 12 Oct, 2021 12:47 PMस्वच्छ पेयजल हमेशा कीटाणुरहित, हानिकारक रासायनिक तत्वों से रहित, गंधहीन, रंगहीन एवं स्वादहीन होना चाहिये। परन्तु भारत में अत्यधिक जल प्रदूषण के कारण सभी नदियां प्रदूषित हो चुकी हैं। यहाँ तक की कई स्थानों पर भूजल भी पीने लायक नहीं रह गया है जिसे सामान्यतः शुद्धिकरण की आवश्यकता नहीं होती हैं। दूषित पेयजल पीने के कारण पीलिया, आंत्रशोथ, पोलियो, हैजा, टाइफाइड और फाइलेरिया जैसे भयंकर रोग हो