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स्वच्छता
ये प्रदूषण हमें कहीं का नहीं छोड़ेगा
Posted on 29 Nov, 2018 04:15 PM
हर साल 2 दिसम्बर हम ‘नेशनल पॉल्यूशन कंट्रोल डे’ के रूप में मनाते हैं। क्या आप जानते हैं कि पिछले समय से रोज ही अखबारों में सुर्खियाँ बन रहा प्रदूषण किसी भी प्राकृतिक आपदा से कई गुना ज्यादा खतरनाक है? सरकार और समाज अपना काम कर रहे हैं। सवाल यह है कि प्रदूषण के खिलाफ जंग में आप क्या कर रहे हैं? इस सारे मसले को टटोलता सीएसई के प्रदूषण विशेषज्ञ पलाश मुखर्जी का आलेख
![प्रदूषण](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/earth%20in%20danger_13.jpg?itok=KtXRXYTQ)
शौचालयों का अपशिष्ट नदियों और खेतों में होता है जमा
Posted on 26 Oct, 2018 06:12 PMमल अपशिष्ट उत्पादन (kl/per day) (फोटो साभार - द हिन्दू)सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायरनमेंट (centre for science and environment) द्वारा किये गए एक अध्ययन के अनुसार बिना सीवर सिस्टम के यदि और भी शौचालय बनाए गए तो ये राज्य को भारी संकट में डाल देंगे।
![मल अपशिष्ट उत्पादन (kl/per day)](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/sanitation_0_24.jpg?itok=npgE6fxM)
कितने स्वच्छ हैं हमारे शहर, बता सकती है 3डी स्कैनिंग तकनीक
Posted on 24 Oct, 2018 05:53 PMनई दिल्ली, शहरों में सड़कों के किनारे अनधिकृत रूप से फेंके जाने वाले कचरे की मात्रा का पता लगाने के लिये शोधकर्ताओं ने 3डी सेंसर तकनीक आधारित एक नई पद्धति विकसित की है। इसकी मदद से शहरी कचरे के प्रबन्धन का सही आकलन किया जा सकेगा।
![3डी स्कैनिंग तकनीक](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/3d%20scanning%20technology_3.jpg?itok=MHrUxC_U)
इंसानी जिन्दगियाँ महज आँकड़ा नहीं
Posted on 07 Oct, 2018 01:11 PMहम में से बहुत से लोगों के लिये इंसानी जिन्दगियों का सीवर में समाते जाना कोई मुद्दा ही नहीं है। यही वजह है कि सुई से लेकर सेटेलाइट तक बनाने वाला देश इस अमानवीय काम में तकनीक का इस्तेमाल न के बराबर करता है। बात सिर्फ उनकी नहीं है जो उनमें उतरने के बाद घर लौटकर नहीं आते, जिन्हें मुआवजा थमाकर व घटना पर बयान देकर फाइल बन्द कर दी जाती है, उनकी भी है जो जिन्दा होते हुए भी बार-बार नर्क में उतरने क
![सीवर साफ करता सफाईकर्मी](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/Sewage%20Cleaning_3.jpg?itok=-FrI8LhO)
सत्याग्रह से स्वच्छाग्रह तक
Posted on 02 Oct, 2018 01:39 PMस्वच्छ भारत (फोटो साभार - इण्डियन एक्सप्रेस)देश प्रतीकात्मक रूप से स्वच्छता के धागे में पिरोया हुआ है, जहाँ हर कोई राष्ट्र के निर्माण में अपनी सेवाएँ दे रहा है। यह महात्मा के लिये सबसे अधिक सन्तोषप्रद होगा।
![स्वच्छ भारत](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/swachh%20bharat_8.jpg?itok=fRTGPmTd)
कहाँ पहुँचा ग्रामीण विकास का पहिया
Posted on 19 Aug, 2018 03:20 PMमनरेगा (फोटो साभार - द वायर)गाँवों को सशक्त बनाकर नए भारत का निर्माण करना वर्तमान सरकार का मुख्य उद्देश्य है, जिसे तभी हासिल किया जा सकता है, जब गाँव में सुशासन एवं विकास के लिये प्रयास एकीकृत एवं सतत हों। ग्रामीण विकास में एक महत्त्वपूर्ण पहलू ‘एक्शन’ है। ग्रामीण विकास का मापन आय के स्तर में बढ़ोत्त
![मनरेगा](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/mgnrega_3.jpeg?itok=GYXbRhwP)
अस्वच्छ सर्वेक्षण
Posted on 17 Aug, 2018 06:30 PMहाल ही में आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने स्वच्छ सर्वेक्षण-2018 जारी किया। इस रिपोर्ट में 4,203 शहरों को सफाई और नगरीय ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन (एसडब्ल्यूएम) के आधार पर रैंकिंग दी गई है। मुझे रैंकिंग और साथ अपशिष्ट प्रबन्धन के आधार पर शहरों और नागरिकों को दिये जाने वाले सन्देश पर सख्त आपत्ति है। मेरे पास इसकी वाजिब वजह हैं।![स्वच्छ सर्वेक्षण 2018](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/swachh%20sarvekshan_4.jpg?itok=ZeZ09W73)
मिलिए मुम्बई की पैडवुमन से
Posted on 12 Aug, 2018 06:28 PMडिएन डे मीनेजेस (फोटो साभार - इण्डियन वुमन ब्लॉग)अगर दुनिया के चुनिन्दा लोगों को दिये जाने वाला पुरस्कार किसी के हिस्से आये तो यकीनन वह व्यक्ति कोई उल्लेखनीय काम कर रहा है। मुम्बई की डिएन डे मीनेजेस को हाल ही में क्वीन्स यंग लीडर्स अवॉर्ड से नवाजा गया है। उनकी कहानी साझा कर रही हैं रिया शर्मा।
![डिएन डे मीनेजेस](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/Deane%20De%20Menezes%201_3.jpg?itok=EasPQ3xX)
पॉलिथीन का प्रयोग स्वास्थ्य के लिये खतरनाक
Posted on 10 Aug, 2018 02:36 PMकचरे से पट रही हैं नदियाँ (फोटो साभार - मुक्ता ईजी ड्रॉईंग)पॉलिथीन और प्लास्टिक गाँव से लेकर शहर तक लोगों की सेहत बिगाड़ रहे हैं। शहर का ड्रेनेज सिस्टम अक्सर पॉलिथीन से भरा मिलता है। इसके चलते नालियाँ और नाले जाम हो जाते हैं। इसका प्रयोग तेजी से बढ़ा है। प्लास्टिक के गिलासों में चाय या फिर गर्म दूध क
![कचरे से पट रही हैं नदियाँ](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/plastic%20bags_3.jpg?itok=xr4QwbEY)