स्वैच्छिक नागरिक या सिविल सोसायटी सेक्टर

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Featured Articles
August 11, 2024 Even in the face of daunting challenges like climate change, collective action and community engagement can lead to meaningful change
SeasonWatch tree walk at Rupa Rahul Bajaj Centre for Environment and Art (Image: SeasonWatch)
October 8, 2023 While the current push for legal personhood for rivers is facing obstacles and is stalled, it holds potential as a viable long-term strategy for the preservation of India's rivers
River quality deteriorates as demand for hydropower to support economic growth continues to expand. (Image: Yogendra Singh Negi, Wikimedia Commons; CC BY-SA 4.0 DEED)
October 6, 2022 In an effort to inform the general public, especially citizen activists, policymakers, researchers, and students, about the current status of the Vrishabhavathi river, Paani.Earth has created the necessary maps, data, analysis, and information to drive conservation awareness and action around the river.
Vrishabhavathi river (Image Source: Paani.Earth)
October 1, 2021 Community videos as a tool to influence behaviour change and adoption in rural communities
Community videos are produced by farmers themselves and feature local participants and agents from the rural communities themselves (Image: Digital Green)
September 17, 2021 Benefits of well-managed commons on livelihoods
Collective efforts revived the canal structure of Bichhiya dam bringing water to the village (Image: Foundation for Ecological Security)
September 4, 2021 Committed to use the power of all forms of communication to bring about behavioral change and transformation at scale
Villagers participating in shramdaan for making watershed structures (Image: Paani Foundation)
विश्व मौसम संगठन
Posted on 29 Jan, 2011 12:13 PM

विश्व मौसम संगठन (डब्लूएमओ) ने मानव सुरक्षा और कल्याण के लिए बहुत योगदान किया है। पिछले साठ सालों में डब्लूएमओ के सफर और डब्लूएमओ में भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) की भूमिका का जिक्र करते हुए आईएमडी के महानिदेशक डा.

बांधों के विरोध में उत्तर-पूर्व के संगठन
Posted on 15 Jul, 2010 10:58 AM
भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों में पर्यावरण और मानवाधिकार के प्रति समर्पित सामाजिक कार्यकर्ताओं, किसानों और आम नागरिकों ने इस इलाक़े में बड़े बांधों के निर्माण के ख़िलाफ़ अपना आंदोलन तेज़ करने की योजना बनाई है।
नर्मदा जयंति मनाया
Posted on 04 Feb, 2009 10:42 AM

मां नर्मदा जयंति पर हजारों छात्र-छात्राओं ने लिया पानी बचाने का संकल्प


महू(निप्र)- सामाजिक संस्था प्रतिज्ञा द्वारा मालवा को रेगिस्तान होने से बचाने के लिए जन जन में पानी के मूल्य को समझाने के लिए जल बचान आंदोलन का शुभारंभ हरिफाटक शासकीय माध्यमिक विद्यालय क्रमांक 1 में किया गया जहां अतिथि के रूप में श्री डॉ. सत्यानंद जी महाराज(दुनीवाले बाबा), श्री मनोज कुमार चौरसिया तहसीलदार एवं प्रभारी एस.डी.ओ. महू,
पानी बचाने का संकल्प
नर्मदा समग्र
Posted on 19 Jan, 2009 07:21 AM

नर्मदा समग्र एक प्रयत्न है। नर्मदा नदी, एक जल स्त्रोत, एक आस्था को स्वस्थ, सुंदर और पवित्र बनाये रखने का यह एक प्रयास है। विश्व की अधिकांश संस्कृतियों का जन्म व विकास नदियों के किनारे हुआ है। भारत के ऋषियों ने पर्यावरण संतुलन के सूत्रों को ध्यान में रखकर समाज की नदियों, पहाडों, जंगलों व पशु-पक्षियों सहित पूरे संसार की ओर देखने की विशेष सह अस्तित्व की अवधारणा का विकास किया। उन्होंने पाषाण में भी

जलधारा अभियान
Posted on 11 Nov, 2008 08:05 AM जयपुर शहर के उत्तर पश्चिम से निकल कर पश्चिम-दक्षिण होती हुई, ठूण्ड नदी से मिलने वाली, द्रव्यवती नदी, उर्फ अमानी शाह का नाला, जयपुर शहर की जीवन रेखा रही है। सर्वे आफ इंडिया द्वारा प्रकाशित सन् 1865- 66 के नक्शों में भी इस नदी को साफ तौर पर दर्शाया गया है। उसके बाद भी सर्वे आफ इंडिया द्वारा प्रकाशित नक्शों में नदी साफ तौर पर चिन्हित है। यदि नदी कहीं नहीं है, तो राजस्थान सरकार के राजस्व विभाग के रिका
जल संसाधन मंत्रालय
Posted on 23 Sep, 2008 06:57 PM

सिंचाई और विद्युत’ विषय का इतिहास बहुत पहले 1855 से शुरू होता है जब इस विषय का दायित्व उन दिनों नवनिर्मित लोक निर्माण विभाग को सौंपा गया था लेकिन 1858 में गंभीर अकाल पड़ने पर सिंचाई और तत्सम्बन्धी नीति में तेजी आई थी। तब एक बड़े पैमाने पर नहर निर्माण का काम हाथ में लेने का निर्णय लिया गया तथा त्वरित विशाल निर्माण कार्य पर निगाह रखने के लिए नहर महानिरीक्षक की नियुक्ति की गई। देश के भीतर सिंचाई स

अकाल के काल विलासराव सालुंके की जबानी उनकी कहानी
Posted on 01 Jan, 1970 05:30 AM

एक कथा ऐसी भी...


एक-दो नहीं

तरुण भारत संघ
Posted on 14 Jan, 2011 02:44 PM ‘तरुण भारत संघ’ ने पिछले 25 वर्षों में देशभर में दस हजार से ज्यादा जोहड़-तालाब बनवाये हैं। इस संगठन के कार्यकर्ताओं ने समुदायों को सचेत करके जल की समझ बढ़ाकर और उन्हें जल सहेजने वाले कार्यों में जोड़कर तथा जल संरक्षण व जल के अनुशासित उपयोग के संस्कार बनाकर और कम पानी में पैदा होने वाले अन्न उत्पादन को बढ़ावा देकर सात नदियों को पुनर्जीवित किया है।
अहिंसक सत्याग्रहियों पर हमला
Posted on 23 Feb, 2010 11:24 PM

भावनगर 20 फरवरी 2010। गुजरात के भावनगर जिले के महुआ तहसील में हरे-भरे उपजाऊ कृषि जमीन पर प्रस्तावित निरमा सिमेंट फैक्टरी के खिलाफ गांधीवादी स्थानीय विधायक कनू भाई कलसारिया के अगुवाई में मौन जुलूस मार्च कर रही जनता पर निरमा कंपनी के दलालों और पुलिस द्वारा कातिलाना हमला किया गया जिसमें वे और उनकी पत्नी दोनों घायल हैं। हमले में सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। और दर्जनों लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिय

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