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संदूषण, प्रदूषण और गुणवत्ता
प्राकृतिक रंगाईः परम्परा एवं वर्तमान
Posted on 20 Mar, 2019 12:02 PMरंग का विचार मन में आते ही अनुभूति होती है हर्ष एवं उल्लास की अभिव्यक्ति की। हो भी क्यों नहीं क्योंकि रंग एवं रंगाई सदियों से हमारे जीवन का अतंरंग हिस्सा होेने के साथ हमारी रचनात्मक सोच की अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम भी रहे हैं।
जल प्रदूषणः समस्या एवं समाधान
Posted on 19 Mar, 2019 03:54 PMबदलते पर्यावरण की अठखेलियाँ व बिगड़ते पानी का स्वरूप, दिन प्रतिदिन मानव के लिए उपलब्ध यह जीवनदायी धरोहर, एक चुनौती बनता जा रहा है। फलस्वरूप उपलब्ध जल, वातावरण, वनस्पति व विभिन्न जीव जन्तुओं पर प्रश्न चिह्न सा लगता जा रहा है। पर्यावरण व उपलब्ध जल स्रोतों पर भी विनाशकारी प्रभाव नजर आने लगे हैं। अब यह आवश्यक है कि जो भी कार्य पर्यावरण व जल संसाधनों के वांछित रख-रखाव में बाधा डालता हो उस पर तुरन्त
जंगल पंचायत
Posted on 16 Mar, 2019 02:00 PMमानव सभ्यता के प्रारम्भ से ही मनुष्य का जंगल से गहरा रिश्ता रहा है। हवा, पानी तथा भोजन जंगलों से जुटाए जाते रहे हैं।
राष्ट्रीय जल स्वास्थ्य मिशन
Posted on 18 Feb, 2019 05:26 PM इनरेम फाउंडेशन द्वारा नीति आयोग के समक्ष प्रस्तुत की गई मिशन की एक झलक
मुख्य बिंदु:
- पानी की खराब गुणवत्ता और उससे पैदा होने वाली बीमारियों से लड़ने के लिये एक राष्ट्रीय कार्यक्रम
फ्लोरोसिस स्थानिक राजस्थान में दुर्लभ जेनू-वेल्गम सिंड्रोम
Posted on 08 Jan, 2019 02:07 PMप्रकाशित शोध आंकड़ों के अनुसार राजस्थान के सभी जिलों का भू-जल फ्लोराइड से दूषित है। ऐसे फ्लोराइडयुक्त जल का दीर्घकालीन सेवन करना सेहत के लिये बेहद खतरनाक व हानिकारक होता है। इससे जनित फ्लोरोसिस बीमारी प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में बे
बेखौफ हाइड्रो-फ्लोरोसिस के कहर से त्रस्त ग्रामीण भारत, नियंत्रण बेहद जरूरी
Posted on 03 Jan, 2019 01:36 PMदीर्घकालीन फ्लोराइड युक्त पानी पीने से न केवल इंसानों में बल्कि घरेलू पालतू पशुओं में भी कई तरह की शारीरिक विकृतियाँ एक के बाद एक विकसित हो जाती है इन्हें हाइड्रो-फ्लोरोसिस (फ्लोरोसिस) कहतें हैं। ये विकृतियाँ मूल रूप से पानी में मौजूद फ्लोराइड रसायन के दुष्प्रभाव अथवा इसके विषैलेपन के कारण विकसित होती हैं। इसका असर सबसे पहले दाँतों व हड्डियों पर दिखाई पड़ता है। इसके विषैलेपन से दाँत बदरंग एवं कम
निर्मल गंगा के लिये गाद का उपचार है जरूरी
Posted on 30 Nov, 2018 09:38 PMविशेषज्ञों की राय है कि जब तक गंगा या किसी अन्य नदी से गाद निकालने का काम सही तरीके से नहीं किया जाता तब तक नदियों का जल निर्मल नहीं होगा। उनका मानना है कि सतही सफाई से किसी भी नदी के जल की गुणवत्ता में सुधार की सम्भावना नगण्य रह जाती है।