/topics/public-infrastructure-and-services
सार्वजनिक अवसंरचना और सेवाएं
बावड़ियाँ: प्राचीन भारत के भूले-बिसरे एवं विश्वसनीय जल स्रोत (भाग 1)
Posted on 15 Jun, 2024 08:56 AMभारत में इन सीढ़ीनुमा कुओं को आमतौर पर बावड़ी या बावली के रूप में जाना जाता है, जैसा कि नाम से पता चलता है कि इसमें एक ऐसा कुआ होता है जिसमें उतरते हुए पैड़ी या सीढ़ी होती है। भारत में, विशेषकर पश्चिमी भारत में बावली बहुतायत में पाई जाती हैं और सिंधु घाटी सभ्यता काल से ही इसका पता लगाया जा सकता है। इन बावड़ियों का निर्माण केवल एक संरचना रूप में ही नहीं किया गया था। अपितु उनका मुख्य उद्देश्य व्य
अमृत सरोवर मिशन - तालाब एवं जल संरक्षण का महाअभियान
Posted on 22 Nov, 2023 01:44 PMजल ही जीवन है, जल के बिना मानव का जीवन सुरक्षित नहीं रह सकता है। जल हमारे लिए ही नहीं अपितु पशु-पक्षी, जीव-जंतु, मनुष्य इत्यादि सबके लिए अनिवार्य है। जल का हमारे जीवन में बहुत अधिक महत्त्व है। एक कहावत है "जल है तो कल है।" पृथ्वी का लगभग तीन-चौथाई भाग जल से घिरा हुआ है, किंतु इसमें से 97 प्रतिशत जल खारा है जो पीने योग्य नहीं है। पीने योग्य पानी मात्र 3 प्रतिशत है इसमें भी 2 प्रतिशत जल हिम एवं ह
भूकंप इंजीनियरिंग से बनाएं अपना सुनहरा कल(Earthquake Engineering Jobs in Hindi)
Posted on 01 Nov, 2023 02:14 PMभूकंप विज्ञान एक नया वैज्ञानिक विषय है जो धरती के कंपनों का अध्ययन करती है। लोगों का भूकंपों से जुड़ा ज्ञान प्राचीन काल से ही है, परंतु अध्ययन विषय पर भूकंप विज्ञान का इतिहास 100 वर्ष पुराना है भूकंप तरंगों का मापन करने के लिए सिस्मोमीटर का आविष्कार इसका प्रारंभिक चरण माना जाता है। 20वीं सदी में भूकंप विज्ञान में काफी प्रगति हुई और इसमें धरती के गहराई में होने वाले प्रक्रियाओं का समावेश हुआ। भ
पर्यावरण विज्ञान में बेहतर संभावनाएं
Posted on 14 Sep, 2023 01:16 PMएक समय था जब पर्यावरण विज्ञान को विद्यार्थी वरीयता क्रम की सूची में सबसे अंत में रखते थे। लेकिन जलवायु परिवर्तन और उससे होने वाले खतरों से पर्यावरण सुरक्षित रखने को लेकर बड़ी जागरूकता एवं इस क्षेत्र में रोजगार के अवसरों में हुई वृद्धि ने इस विषय को विद्यार्थियों की पहली पसंद बना दिया है। आज पर्यावरण को बचाए रखने के लिए अनुसंधान एवं नए-नए प्रयोग किए जा रहे हैं। पर्यावरण के प्रति छात्रों की बढ़ र
स्वच्छ बड़ा मंगल,आस्था संग पर्यावरण संरक्षण एवं स्वच्छता की पहल
Posted on 28 Jul, 2023 11:48 AMलखनऊ में ज्येष्ठ मास के प्रत्येक मंगल को गली-गली, चौराहे चौराहे पर हनुमानजी की स्मृति में बड़े-बड़े भंडारों का आयोजन होता है। यह भंडारे आस्था के प्रतीक हैं। भक्ति के प्रतीक हैं। श्रद्धा के प्रतीक हैं। निष्ठा के प्रतीक हैं। सेवा और समर्पण के प्रतीक हैं। अब आवश्यकता है बड़े मंगल के भंडारे व्यवस्था के प्रतीक बनें। स्वच्छता के प्रतीक बनें। पर्यावरण संरक्षण के प्रतीक बनें। सम्पूर्ण समाज को संस्कार औ
केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
Posted on 03 Dec, 2008 10:21 AMकेन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का गठन एक सांविधिक संगठन के रूप में जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1974 के अन्तर्गत सितम्बर, 1974 में किया गया था । इसके पश्चात केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के अन्तर्गत शक्तियाँ व कार्य सौंपे गये ।