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July 10, 2022 People in India fleeing disasters like drought more likely to have experienced trafficking or modern slavery than those fleeing floods or cyclones
The country's climate change assessment suggests things are only going to get worse (Image: Saurav Karmakar, India Water Portal Flickr)
May 18, 2021 Income loss top concern for rural communities, says study
Must have protocols for timely action and outreach in times of need (Image: DMD, Government of Bihar)
May 17, 2021 Practitioner's experiences in tackling the second wave in Indian villages
There is a need to strengthen the capacities of ASHA workers, and other healthcare and grassroots workers. (Image: DMD, Government of Bihar)
May 10, 2021 Absence of skill assessment and skill certification a major barrier
The study points out prejudices and discrimination against inter-state migrant workers and how most local people consider migrant labourers as outsiders. (Image: Paradiz, Pixabay)
May 6, 2021 81% of the workers reported that work has stopped due to locally declared lockdowns: SWAN study
Jeevan Rath 2.0 helped people get back home in June 2020. Migrants from Chhattisgarh were stuck in Pune when CYDA came in contact with them and arranged their transportation and food through support of Jeevan Rath and SwissAid. (Image: Maha C19 PECONet Collaborative/IWP Flickr)
May 6, 2021 A coalition of nonprofits highlights the unique challenges that confront rural India and provides suggestions on how to respond to the second wave of COVID-19.
As healthcare systems in urban cities across India grapple with the second wave of COVID-19, smaller towns and villages too are facing devastating consequences. (Image: ©Gates Archive/Saumya Khandelwa)
रास नहीं आया पुनर्वास
Posted on 09 Jul, 2017 04:19 PM
नर्मदा नदी पर बन रहे सरदार सरोवर बाँध के पूर्ण होने पर सरकार भले ही जश्न मना रही हो लेकिन इससे उन लोगों के माथे पर फिर से चिन्ता की लकीरें दिखाई दे रही हैं, जो इसकी जद में आ रहे हैं। बाँध को पूर्ण क्षमता (138.68 मीटर) में भरने से बहुत से गाँव और घर जलमग्न हो जाएँगे।
निशाने पर जनजातियाँ
Posted on 18 Apr, 2017 11:10 AM

उद्योगीकरण की आँधी में अब तक लगभग एक करोड़ आदिवासी अपनी जड़ों से कट चुके हैं। सलवा जुडूम

अस्तित्व के लिये लड़ रहे हैं आदिवासी
Posted on 18 Apr, 2017 11:07 AM
जंगलों में अभयारण्य विकसित करने के नाम पर कहीं मुआवजा देकर और
नर्मदा बचाओ आन्दोलन के पक्ष में एक फैसला
Posted on 16 Mar, 2017 12:11 PM
समाज के हाशिए पर खड़े लोगों के जीवन को संकट में डालकर किसी भ
narmada bachao movement
भूख मिटाने के लिये बच्चों की मजदूरी पर निर्भर हैं किसान
Posted on 12 Sep, 2015 12:22 PM सुपौल और मधुबनी जिले के 18 गाँवों की कहानी है जो पश्चिमी कोसी तटबन्
Child labour
बिलाते वनवासी
Posted on 02 Jul, 2015 01:03 PM अंडमान के आदिम कबीलों में से कई नष्ट हो गए, जो बचे हैं वे भी खत्म होने की कगार पर हैं। इसमें सरकारी नीतियों की भी बड़ी भूमिका रही है। उनकी जीन-शैली का अध्ययन किए बिना उन्हें मुख्यधारा में लाने के जो भी प्रयास हुए उनका प्रतिकूल असर ही दिखाई दिया। उनके खान-पान में बदलाव से अनेक बीमारियों ने उन्हें घेरना शुरू कर दिया, उनकी आबादी निरन्तर घटने लगी। अंडमान की अपनी विभिन्न यात्राओं के हवाले से वहाँ के
मणिबेली
Posted on 30 Dec, 2014 03:45 PM विस्थापित आदिवासियों, वनवासियों की ओर से लड़ी जाने वाली यह पहली लड़
विस्थापन, अभाव और विकास की प्रक्रिया
Posted on 09 Aug, 2014 09:00 AM कुछ भी हो, यह याद रखा जा सकता है कि कुछ लोग विस्थापन के मुद्दे पर य
उत्तराखंडी मानस और सांस्कृतिक लोकतंत्र की चुनौतियां
Posted on 30 May, 2014 11:54 AM हम पहाड़ के लिए कुछ कर नहीं पाए, हमको उसके लिए कुछ करना चाहिए। मे
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