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नदियां
ऊपरी प्रवाह-क्षेत्र में गंगा का स्वरूप
Posted on 29 Feb, 2024 12:04 PMबांधयुक्त और सूखी है गंगा यहाँ। क्या यहां प्राकृतिक प्रवाह की एक नीति होनी चाहिए, जो यह तय करे कि नदी का स्वरूप पुनर्निर्मित होने के बजाए जलऊर्जा परियोजनाएं पुनर्निर्मित हों? गंगा अपने ऊपरी प्रवाह क्षेत्र में (उत्तराखंड राज्य में), अभियांत्रिकी के खेल का मैदान बन गई है। सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी (सीईए) तथा उत्तराखंड बिजली विभाग ने नदी की जलऊर्जा संभावना का अनुमान लगभग 9,000 मेगावाट लगाया है
नर्मदा परिक्रमाः जागतिक प्राकृतिक संकट का हल | Narmada Parikrama solution to global natural crisis
Posted on 25 Jan, 2024 03:32 PMविश्व में मां नर्मदा ही एक ऐसी नदी है, जिसकी परिक्रमा की जाती है। यह परिक्रमा कब से की जा रही है इसके स्पष्ट साक्ष्य तो नहीं, लेकिन सदियों से समाज अपने बुजुर्गों से इस परंपरा का अनुगमन कर रहा है, और विभिन्न अर्थों में यह परिक्रमा अध्यात्म, पीढ़ीगत मूल्य , सृष्टि के रहस्य और प्रकृति तथा जल के महत्व को अपने में समेटे हुए है।
बेहता नदी में जहरीले पानी से मरीं मछलियां, गोमती खतरे में
Posted on 13 Jan, 2024 01:27 PMबेहता नदी में केमिकल युक्त पानी मछलियों के लिए काल बन गया है। शनिवार को हजारों मृत मछलियां पानी में उत्तराती दिखीं। यही नहीं, कुछ तो पानी में बहकर नदी के किनारे पर भी आ गई हैं। केमिकल युक्त पानी ने नदी के जल को काला कर दिया है और उससे बदबू भी आ रही है। इससे ग्रामीण आक्रोशित हैं और उनका कहना है कि दूषित पानी संडीला की किसी फैक्ट्री से छोड़ा गया है। यह मनमानी आगे और मुश्किलें खड़ी कर सकती है, क्य
सौरा नदी रह गई मैली | Causes of pollution of river Saura
Posted on 04 Jan, 2024 01:03 PMप्रमंडलीय मुख्यालय के शहर को दो हिस्सों में बांटने वाली सौरा नदी का सिकुड़ता आकर और इसमें बढ़ता प्रदूषण आने वाले दिनों में तबाही का संकेत दे रहा है. शहर से गुजरने वाली यह अब अकेली नदी बची है, जिसे प्रदूषण से बचाने की जरूरत महसूस की जा रही है। मगर, विडंबना है कि प्रदूषण से मैला होते नदी के पानी पर नियंत्रण की पहल नहीं हो रही है।
हर माह 12 लाख रुपये खर्च, फिर भी प्रदूषण से कराह रही सई नदी
Posted on 21 Dec, 2023 11:29 AMप्रशासन हर महीने 12 लाख रुपये खर्च कर रहा है, इसके बाद भी सई नदी प्रदूषण से कराह रही है। कारण सीवेज ट्रीटमेंट से जोड़े गए शहर के चार नालों का पानी फिल्टर करने के बाद सई में छोड़ा जाता है जबकि तीन नालों का गंदा पानी सीधे सई में गिराया जा रहा है। इससे सई में जितना साफ पानी एसटीपी से छोड़ा जाता है उससे अधिक गंदा पानी नदी में गिराया जा रहा है।
आओ! नदियों को बचाएँ
Posted on 19 Dec, 2023 12:57 PMमानव सभ्यता का विकास नदियों के तट पर हुआ। नदियों को मानव ने जल स्रोत और जीवनोपयोगी साधन जुटाने का माध्यम बनाया। सिंधु घाटी की सभ्यता, नील नदी घाटी सभ्यता से लेकर अद्यतन मानव और जीव-जंतुओं का जीवन का आधार भी नदियाँ ही हैं। यह परिवहन और कृषि कार्य के लिए भी अत्यंत उपयोगी हैं। जिस प्रकार माँ अपनी संतान का पालन-पोषण करती है, उसी प्रकार नदियाँ भी मानव सहित अनेक प्राणियों के लिए जीवनदात्री हैं। नदी क
आओ ! नदियों को बचाएं
Posted on 25 Nov, 2023 01:58 PMमानव सभ्यता का विकास नदियों के तट पर हुआ। नदियों को मानव ने जल स्रोत और जीवनोपयोगी साधन जुटाने का माध्यम बनाया। सिंधु घाटी की सभ्यता, नील नदी घाटी सभ्यता से लेकर अद्यतन मानव और जीव जंतुओं का जीवन का आधार भी नदियाँ ही हैं। यह परिवहन और कृषि कार्य के लिए भी अत्यंत उपयोगी हैं।
हिंडन नदी को प्रदूषण मुक्त करने को बैठक
Posted on 24 Nov, 2023 03:50 PMगाजियाबाद, उत्तर प्रदेश पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए जीवनदायिनी मानी जाने वाली हिंडन नदी अत्यधिक जनसंख्या, शहरीकरण, और तीव्र औद्योगिक और कृषि गतिविधियों के साथ सामरिक प्रदूषण और पानी की कमी का सामना करते हुए अपने मूल स्वरूप को खो रही है।
नदियों को जोड़ने की खामख्याली
Posted on 16 Nov, 2023 04:59 PMप्रधानमंत्री तथा उनकी इस घोषणा पर मेजें थपथपाने वाले सांसद शायद सोचते हैं कि जब सड़कों का नेटवर्क बन सकता है, तो नदियों का क्यों नहीं? इस सोच में देश के बुनियादी संसाधनों मिट्टियों, नदियों, सागर संगमों, पहाड़ों और जंगलों के प्रति और जलवायु की तमाम विविधताओं के प्रति नासमझी ही झलकती है।
अदृश्य रह कर भी हमारी आस्था में उपस्थित सरस्वती नदी
Posted on 13 Nov, 2023 03:15 PMभारत में नदियों का इतिहास काफी और संस्कृति के इतिहास में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं। भारत में आज लगभग 200 बड़ी नदियां हैं। इनमें से सबसे मशहूर नदी है गंगा। बाकी आपने यमुना, गोदावरी, सिंधु, गोमती, नर्मदा, कावेरी नदी के भी नाम सुने ही होंगे। आपने इन्हें कभी न कभी बहते भी देखा होगा। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी नदी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसका नाम आपने अपनी पुस्तकों में कई बार पढ़ा होगा, लेकिन