हर माह 12 लाख रुपये खर्च, फिर भी प्रदूषण से कराह रही सई नदी

हर माह 12 लाख रुपये खर्च, फिर भी प्रदूषण से कराह रही सई नदी,PC-Wikipedia
हर माह 12 लाख रुपये खर्च, फिर भी प्रदूषण से कराह रही सई नदी,PC-Wikipedia

प्रशासन हर महीने 12 लाख रुपये खर्च कर रहा है, इसके बाद भी सई नदी प्रदूषण से कराह रही है। कारण सीवेज ट्रीटमेंट से जोड़े गए शहर के चार नालों का पानी फिल्टर करने के बाद सई में छोड़ा जाता है जबकि तीन नालों का गंदा पानी सीधे सई में गिराया जा रहा है। इससे सई में जितना साफ पानी एसटीपी से छोड़ा जाता है उससे अधिक गंदा पानी नदी में गिराया जा रहा है।

बेल्हा जिले में जीवनदायिनी के नाम से मशहूर सई नदी के पानी को प्रदूषण मुक्त करने की लंबी जद्दोजहद के बाद सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण करोड़ों रुपये के बजट से कराया गया था। हालांकि निर्माण पूरा होने के बाद भी उसका संचालन नहीं किया जा रहा था। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सख्त रवैये के कारण करीब तीन महीने पहले नदी किनारे बने सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की साफ-सफाई कर संचालन शुरू किया गया।

एक महीने की टेस्टिंग में सब कुछ ठीक मिलने पर प्लांट नगरपालिका को हैंडओवर कर दिया गया। वर्तमान में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के संचालन पर हर महीने 12 लाख रुपये खर्च किया जा रहा है। प्लांट से से शहर शहर के प्रमुख चार नाले जोड़े गए हैं। प्रतिदिन इन नालों का आठ से नौ मिलियन लीटर गंदा पानी प्लांट में फिल्टर करने के बाद सई में छोड़ा जाता है।

इस मुद्दे को लेकर, ईओ नगरपालिका रामअचल कुरील का कहना है कि-  

सई नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए चार नालों का पानी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से फिल्टर कर छोड़ा जा रहा है। शेष नालों का पानी भी फिल्टर करने की तैयारी चल रही है। शीघ्र ही इस पर निर्णय लिया जाएगा

पानी में ही बहाए जा रहे 12 लाख रुपये

सई नदी को प्रदूषण मुक्त करने के नाम पर सरकारी खजाने से खर्च किये जा रहे प्रति माह 12 लाख रुपये फिलहाल तो पानी में ही बहाए जा रहे हैं। कारण जब सई नदी का पानी पहले ही तरह ही प्रदूषित है तो सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट किस काम का है। इसका समाधान करने के लिए शहर के सभी नालों को सीवेज प्लांट से जोड़कर उनका गंदा पानी फिल्टर करने की जरूरत है।

पांच से छह मिलियन लीटर गंदा पानी नदी में गिर रहा

वर्तमान में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट प्रतिदिन आठ से नौ मिलियन लीटर गंदा पानी फिल्टर करने के बाद सई नदी में छोड़ता है। दूसरी ओर तीन नालों का करीब पांच से छह मिलियन लीटर गंदा पानी सीधे नदी में गिर रहा है। नतीजा सई नदी अब भी प्रदूषण से कराह रही  है।

स्रोत - हिंदुस्तान

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Post By: Shivendra
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