कृषि

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Meta Description
Agriculture, an important sector of our economy accounts for 14 per cent of the nation’s GDP and about 11 per cent of its exports. India has the second largest arable land base (159.7 million hectares) after US and largest gross irrigated area (88 milion hectares) in the world. Rice, wheat, cotton, oilseeds, jute, tea, sugarcane, milk and potatoes are the major agricultural commodities produced. More importantly, over 60 per cent of the country’s population, comprising several million small farming households, depends on agriculture as a principal income source and land continues to be the main asset for livelihood security. 
Meta Keywords
Flowers, trees
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Building the resilience of women farmers (Image: ICRISAT, Flcikr Commons)
पंजाब में टिकाऊ कृषि हेतु जलसंसाधनों का प्रबंधन
इन भूजल संसाधनों में आ रही गिरावट के मुख्य कारण हर साल नलकूपों की संख्या में वृद्धि, वर्षा की असमान प्रवृत्ति, प्रचलित फसल पद्धति, बढ़ती जनसंख्या औद्योगीकरण, शहरीकरण आदि हैं। अतः इस गंभीर समस्या पर काबू पाने के लिए कृषि में जल का विवेकपूर्ण तरीके से उपयोग करने का हमारा कर्तव्य बन जाता है। यह तभी संभव है जब कृषि के लिए भूजल एवं सतही जल संसाधनों का उचित रूप से दक्ष प्रबंधन किया जाए। Posted on 10 Jun, 2023 01:33 PM

प्रस्तावना

हमारे देश में उपलब्ध कुल जल संसाधनों की 85% से अधिक खपत कृषि के क्षेत्र में होती है और इसमें से हम भूजल द्वारा ही फसलों की 72% से अधिक सिंचाई की माँग को पूरा करते हैं जिससे देश में उपलब्ध भूजल संसाधनों पर बहुत अधिक दबाव पड़ रहा हैं। इन भूजल संसाधनों में आ रही गिरावट के मुख्य कारण हर साल नलकूपों की संख्या में वृद्धि, वर्षा की असमान प्रवृत्ति, प्रचलित

पंजाब में टिकाऊ कृषि हेतु जलसंसाधनों का प्रबंधन,Pc-ToI
गन्ने की यंत्रीकृत खेती हेतु उप-सतही ड्रिप फर्टिगेशन प्रणाली
गन्ने की खेती की पारंपरिक विधि में इस समस्या को दूर करने के लिए और गन्ने की खेती को एक लाभदायक फसल बनाने के लिए गन्ने की यंत्रीकृत खेती हेतु उप-सतही ड्रिप फर्टिगेशन प्रणाली पर एक उन्नत तकनीक तमिलनाडू कृषि विश्वविद्यालय द्वारा वर्ष 2008 के दौरान विकसित की गई। Posted on 09 Jun, 2023 04:31 PM

सफलता की गाथा

तमिलनाडु में गन्ना सबसे महत्त्वपूर्ण व्यावसायिक फसलों में से एक है जिसकी 85 टन/ हेक्टेयर की औसत उत्पादकता के साथ लगभग 3.0 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में खेती की जाती है। वर्तमान जल संकट की स्थिति को देखते हुए गन्ना की उत्पादकता प्रति इकाई सिंचाई जल प्रयोग को बढ़ाने हेतु सिंचाई के पानी का दक्ष उपयोग करना एक महत्वपूर्ण उपाय बन जाता है। गन्ना उत्पादक किसान

उप-सतही ड्रिप फर्टिगेशन प्रणाली Pc-कृषि जागरण
मछली पालन आधारित एकीकृत खेती पद्धति और खेत पर जल प्रबंधन: आदिवासी किसानों हेतु वरदान
जातीय अल्पसंख्यक (उप जनजाति) समुदाय, जिन्हें आमतौर पर आदिवासी के रूप में जाना जाता है जो भारतीय आबादी के सबसे अधिक गरीबी वाले क्षेत्रों में रहते हैं. और ये भारत की सांस्कृतिक विरासत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे देश के भौगोलिक क्षेत्र के लगभग पंद्रह प्रतिशत भाग में रहते हैं और पीढ़ी दर पीढ़ी आदिवासी लोगों ने कृषि और पशुधन, मछली पालन और शिकार के द्वारा एक विविध आजीविका रणनीति का अभ्यास करते हैं। मुख्यधारा की आबादी के विपरीत, वे मूल रूप से प्राकृतिक संसाधनों की आसानी से पहुँच के लिये कम आबादी वाले क्षेत्रों में निवास करते हैं। Posted on 08 Jun, 2023 04:19 PM

प्रस्तावना 

जातीय अल्पसंख्यक (उप जनजाति) समुदाय, जिन्हें आमतौर पर आदिवासी के रूप में जाना जाता है जो भारतीय आबादी के सबसे अधिक गरीबी वाले क्षेत्रों में रहते हैं.

मछली पालन,Pc-jagarn
किसानों तक नहीं पहुंच रहा कृषि योजना का पूरा लाभ
कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था का मेरुदंड है. कृषि से जुड़ी सरकार की रिपोर्ट के अनुसार साल 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने में कृषि व वानिकी का सकल घरेलू उत्पाद में 20.2 प्रतिशत हिस्सा रहा है. देश-दुनिया में अनेक प्रकार के रोजगार के साधन हैं, लेकिन उन सभी संसाधनों को ठोस बुनियाद पर खड़ा करने वाला शक्ति का केंद्र किसान है. Posted on 07 Jun, 2023 04:05 PM

कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था का मेरुदंड है. कृषि से जुड़ी सरकार की रिपोर्ट के अनुसार साल 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने में कृषि व वानिकी का सकल घरेलू उत्पाद में 20.2 प्रतिशत हिस्सा रहा है. देश-दुनिया में अनेक प्रकार के रोजगार के साधन हैं, लेकिन उन सभी संसाधनों को ठोस बुनियाद पर खड़ा करने वाला शक्ति का केंद्र किसान है.

किसानों तक नहीं पहुंच रहा कृषि योजना का पूरा लाभ,Pc-चरखा फीचर
जलवायु परिवर्तन और अनुकूल कृषि(वार्षिक रिपोर्ट्स-2019-20) 
पशुधन के लिए आहार एवं चारा आवश्यकताओं तथा फसलों की पोषक तत्व आवश्यकता की पूर्ति हेतु 100% जैविक खेती करने के प्रयास किए जा रहे हैं। सभी परीक्षणात्मक भूखंडों की मेड़ पर आम नींबू ड्रॅगन फ्रूट और पपीते का रोपण किया गया है। Posted on 07 Jun, 2023 12:54 PM

भारतीय कृषि के अति संवेदनशील जिला स्तरीय मानचित्र:- 

जलवायु परिवर्तन के संबंध में भारतीय कृषि के अति संवेदनशील जिला स्तरीय मानचित्रों को 5वीं मूल्यांकन रिपोर्ट (आईपीसीसी 2014 ) के साथ अद्यतन किया गया। 'रिप्रजेंटेटिव कंसंट्रेशन पाथवेज' (आरसीपी) के आधार पर ये मानचित्र जलवायु पूर्वानुमान में सहायता करते हैं। जलवायु परिवर्तन खतरे को 2020-49 की समयावधि के लिए आरपीसी

जलवायु परिवर्तन और अनुकूल कृषि,Pc-Krishi-jagat
कद्दू की उन्नत खेती
यदि बीज उगने के लिए खेत है। में पर्याप्त नमी न हो तो पहली सिंचाई बोआई के बाद शीघ्र कर दें। दूसरी और तीसरी सिंचाई भी जल्दी यानि 4-6 दिन के अन्तर से करें। ऐसा करने से बीज शीघ्र तथा आसानी से उग आयेंगें। ग्रीष्म  ऋतु की फसल में 8-10 सिंचाइयों की आवश्यकता पड़ती है। Posted on 05 Jun, 2023 11:33 AM

भारत में कद्दू या काशीफल की खेती पुरातन काल से होती आ रही है। कददूवर्गीय सब्जियों में कद्दू एवं कुम्हड़ा का विशेष स्थान है। इसके कच्चे व पके हुए फलों से कई प्रकार की सब्जियां बनाई जाती है। उत्तर भारत में तो विवाह व त्यौहार आदि अवसरों पर इसकी सब्जी बनाने की प्रथा है। कद्दू कच्चा और पका फल सब्जी के लिए तथा पके फलों का मिठाई (पेठा) बनाने में प्रयोग होता है। कुम्हड़ा या कददू की एक किस्म मिष्ठान पेठ

कद्दू की उन्नत खेती,Pc-अपनी खेती
छोटानागपुर पठारी क्षेत्र में आधुनिक कृषि उपकरणों को अपनाने में अड़चन
आदिवासी किसानों के अधिकांश उपकरण स्थानीय कारीगरों द्वारा बास, लकड़ी और लोहे से बने होते हैं। लेकिन अब धीरे-धीरे उन्होंने मानकीकृत कारखाना निर्मित उपकरणों को अपनाना शुरू कर दिया है जो किफायती मी होते हैं। आदिवासियों के पारंपरिक कृषि उपकरण पुरुष और महिला दोनों उपयोग कर सकते हैं Posted on 05 Jun, 2023 11:25 AM

झारखंड की आदिवासी आबादी अपनी आजीविका के लिए मुख्य रूप से कृषि और मजदूरी पर निर्भर है। रामगढ़ जिले की आदिवासी आबादी लगभग 21 प्रतिशत है। छोटानागपुर पठारी क्षेत्र के अधिकांश आदिवासी किसानों के पास छोटी जोत की भूमि है। परंपरागत रूप से भूमि पर आदिवासियों का कब्जा था लेकिन धीरे- धीरे इसे सरकारों द्वारा कोयला खनन और खनिज अन्वेषण कंपनियों को हस्तारित कर दिया गया। आदिवासी कृषि प्रणाली में यांत्रिक शक्ति

छोटानागपुर पठारी क्षेत्र में आधुनिक कृषि उपकरणों को अपनाने में अड़चन,PC-उन्नत कृषि
विजय जड़धारी को मिला 'हिमालय प्रहरी सम्मान'
एक दुर्लभ मौका था जब सम्मान देने वाले और लेने वाले 'शख्स दोनों की ऊंचाई और गहराई की थाह हॉल में मौजूद लोगों के दिल में बहुत गहरे से बैठी थी। सम्मानों के इस दौर में यह सम्मान समारोह वाकई दुर्लभ था, जहां सम्मान देने वाला, लेने वाला और संस्तुति करने वाला एक से बढ़कर एक हो। सुंदर लाल बहुगुणा जी की स्मृति में विमला बहुगुणा-मेघा पाटेकर - विजय जड़धारी की त्रिमूर्ति ने इस पल को हमेशा के लिए यादगार बना दिया, क्योंकि एक कर्मठ, समर्पित, सच्चे जन नायक का सम्मान उसी कद के दूसरे जननायक द्वारा होना बड़ी बात है। Posted on 03 Jun, 2023 03:18 PM

टिहरी जनपद की रमणीय हरी-भरी रौतियाली हेंवलघाटी को एक बार फिर से 21 मई 2023 की तपती दोपहरी को अपने पर इतराने इठलाने का मौका मिला, जब हेवलघाटी के चिपको आंदोलन के पुरोधा जमनालाल बजाज पुरूस्कार विजेता सर्वोदयी धूम सिंह नेगी जी के बाद उनके ही कर्मठ शिष्य चिपको कार्यकर्त्ता और विश्व विख्यात बीज बचाओ आंदोलन के प्रणेता सर्वोदयी विजय जड़धारी को 'हिमालय प्रहरी सम्मान 2023' से नवाजा गया। सर्वोदयी पद्मविभू

विजय जड़धारी को मिला 'हिमालय प्रहरी सम्मान', Pc-Jagran
फसल विविधीकरण से किसान की बढ़ी आमदनी
इसी प्रकार से अगेती चना के साथ मूली और गाजर की 0.20 हेक्टेयर में खेती करने में रू0 7080 का खर्च आया और रू0 18.200 की आमदनी हुई। चना के साथ मिश्रित खेती के रूप में मूली और गाजर की खेती उनके द्वारा किया गया एक नवाचार विधि है। Posted on 02 Jun, 2023 12:53 PM

श्री रामचेला सिंह पिता स्व० बालरूप सिंह, ग्राम चैनपुरा, पोस्ट अधौरा, जिला- कैमूर (बिहार) के जागरूक एवं नवाचारी आदिवासी किसान हैं। उनके पास खेती योग्य 2.4 हेक्टेयर पठारी जमीन कर्मनाशा नदी के तट पर है। नवाचारी किसान के पास सीमित साधन के होते हुए भी सिंचाई की सुविधा उपलब्ध है। पहले वे परंपरागत ढंग से धान, मक्का, तिल, गेहूँ, चना, मटर, सरसों एवं आलू की खेती करते थे परंतु कृषि विज्ञान केन्द्र, कैमूर

फसल विविधीकरण से किसान की बढ़ी आमदनी,PC-भारतवर्ष
बिहार की गर्म जलवायु में भी सेब की सफल खेती
मुजफ्फरपुर, बिहार जैसे गर्म जलवायु वाले प्रदेश में भी कोई किसान सेब की सफलतापूर्वक खेती कर सकता है? सुनने में यह थोड़ा आश्चर्य हो सकता है, लेकिन इसे मुमकिन कर दिखाया है एक प्रगतिशील किसान राजकिशोर सिंह कुशवाहा ने. लीची के लिए मशहूर मुजफ्फरपुर की धरती पर सेब की खेती कर राजकिशोर सिंह कुशवाहा ने यहां के किसानों को एक नयी दिशा दी है। ज़िले के मुशहरी प्रखंड स्थित नरौली गांव के इस किसान के खेत में वर्तमान में सेब के 250 पेड़ फलों से लहलहा रहे हैं।
Posted on 29 May, 2023 01:40 PM

जब भी हम सेब की बात करते हैं तो हमारे सामने जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश का नाम सामने आता है.

बिहार की गर्म जलवायु में भी सेब की सफल खेती,PC-चरखा फीचर
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