/topics/lakes-ponds-and-wetlands
झीलें, तालाब और आर्द्रभूमि
दिल्ली की ऐतिहासिक बावड़ियों का बढ़ा जलस्तर
Posted on 10 Oct, 2014 10:01 AMदिल्ली जैसे कंक्रीट वाले शहर के जलाशयों में पानी का स्तर बढ़ने लग जाए तो इसे किसी सपने का हकीकत में बदल जाने से कम नहीं मान सकते हैं। हुुआ यह है कि कुतुब मीनार के आसपास के मौजूद ऐतिहासिक महत्व के चार बड़े जलाशयों गंधक की बावड़ी, राजों की बावड़ी, कुतुब बावड़ी और शम्सी तालाब में दशकों बाद पानी का स्तर बढ़ गया है। यह ऐसे वक्त हुआ है जब दिल्ली के दक्षिणी ह
फिलीपीन में हैयान की विनाशलीला
Posted on 07 Oct, 2014 10:09 AMफिलीपीन में आए हैयान नामक समुद्री तूफान ने जैसी तबाही मचाई है, वैसी तबाही फिलीपीन के इतिहास में न देखी गई न सुनी गई। हिन्द महासागर में सुनामी की तबाही के बाद यह सबसे बड़ी तबाही है, जिसकी 20-20 फीट ऊंची लहरों ने 315 किमी की रफ्तार से दौड़कर 12 हजार से ऊपर लोगों के प्राण ले लिए। 44 लाख लोग बेघर हो गए 4 लाख लोगों को सुरक्षित डेढ़ हजार सहायता शिविरों में पहुं
पृथ्वी पर हैं 11 करोड़ से अधिक झीलें
Posted on 06 Oct, 2014 03:44 PMन्यूयॉर्क वैज्ञानिकों ने अंतत: धरती पर मौजूद झीलों की कुल संख्या निर्धारित कर ली है। उनके अनुसार, धरती पर कुल 11.7 करोड़ झीलें हैं। स्वीडन के उमेया विश्वविद्यालय में एक पर्यावरण वैज्ञानिक डेविड सीकेल ने कहा कि दुनिया की अधिकतर झीलें वहां हैं, जहां इंसान रहते ही नहीं हैं।
हिन्दू राव बावड़ी को जिंदा करेगा एएसआइ
Posted on 02 Oct, 2014 01:02 PMदिल्ली में बाड़ा हिन्दू राव इलाके में स्थित एक मुगलकालीन बावड़ी को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने फिर से जिंदा करने का मन बना लिया है। यह बावड़ी फिरोजशाह तुगलक के शासनकाल में 1354 में बनवाई गई थी। हालांकि अब इस बावड़ी का उपयोग यहां की स्थानीय आबादी और स्थानीय सरकारी अस्पताल कूड़ाघर के तौर पर ला रही है। अचरज है कि इस बावड़ी में स्थानीय सरकारी अस्पताल बाड़ा
तो नदियों को जोड़ो तालाबों से
Posted on 30 Sep, 2014 10:27 AMदो खबरें- देश की पहली नदी जोड़ योजना बुंदेलखंड में ही होगी, यहां केन और बेतवा को जोड़ा जाएगा। इस पर 10 हजार करोड़ का खर्चा अनुमानित है। दूसरी खबर-बुंदेलखंड के टीकमगढ़ जिले में बराना के चंदेलकालीन तालाब को जामनी नदी से नहर द्वारा जोड़ा जाएगा। इस पर 15 करोड़ रुपए खर्च होंगे और 18 गांव के किसान इससे लाभान्वित होंगे।यह किसी से छिपा नहीं हैं कि देश की सभी बड़ी परियोजनाएं कभी भी समय पर पूरी होती नहीं हैं, उनकी लागत बढ़ती जाती है और जब तक वे पूरी होती है, उनका लाभ, व्यय की तुलना में गौण हो जाता है। यह भी तथ्य है कि तालाबों को बचाना, उनको पुनर्जीवित करना अब अनिवार्य हो गया है और यह कार्य बेहद कम लागत का है और इसके लाभ अफरात हैं।
दम तोड़ रहे हैं हमारे तालाब
Posted on 18 Sep, 2014 10:38 AM अचानक 2003 में उत्तर प्रदेश के झांसी जिले के मऊरानीपुर कस्बे की नगरपालिका यहां पूर्व दिशा में स्थित दो तालाब को लेकर फिक्रमंद दिखने लगीं। इस कस्बे के दो तालाब- वाजपेयी और मुनि तालाब के बारे मेें नगरपालिका ने प्रदेश सरकार को एक चिट्ठी लिखी और कहा -‘केंद्र और राज्य सरकारें तालाबों के संरक्षण को इच्छुक हैं और फिलहाज इन तालाबों पर किसी का अवैध कब्जा भी नहीं है इसलिए इन पर काम शुरू किया जाए।’बात आई-गई हो गई और एक दशक का लंबा वक्त बीत गया। पिछले साल की गर्मियों में प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और नगर विकास मंत्री आजम खान ने एक बार फिर बुंदेलखंड के तालाबों के संरक्षण को लेकर दिलचस्पी जाहिर की। कुल 16 तालाबों के संरक्षण के नाम पर 66 करोड़ रुपए जारी किए गए। संरक्षण बनाने के लिए नगरपालिका ने जब अपने रिकॉर्ड खंगाले तो उसमें मुनि तालाब का जिक्र तक नहीं था और वाजपेयी तालाब भी अपनी भौगोलिक सरहद में आधा ही बचा हुआ था।
पहल्यां होया करते फोड़े-फुणसी खत्म, जै आज नहावैं त होज्यां करड़े बीमार
Posted on 29 Aug, 2014 11:32 AMकुलदे से कुछ ही दूरी पर है, परसराम तालाब
और गंगासर बन गया अब गंदासर
Posted on 29 Aug, 2014 11:17 AMबेरी के सामाजिक कार्यकर्ता पीतांबर मुलाकात के तु
अपने पर रोता दादरी का श्यामसर तालाब
Posted on 21 Aug, 2014 11:02 AMसेठों-साहूकारों के कस्बे चरखी दादरी में अपने