न्यूयॉर्क वैज्ञानिकों ने अंतत: धरती पर मौजूद झीलों की कुल संख्या निर्धारित कर ली है। उनके अनुसार, धरती पर कुल 11.7 करोड़ झीलें हैं। स्वीडन के उमेया विश्वविद्यालय में एक पर्यावरण वैज्ञानिक डेविड सीकेल ने कहा कि दुनिया की अधिकतर झीलें वहां हैं, जहां इंसान रहते ही नहीं हैं।
सीकेल ने कहा, ‘इसके बारे में कोई सोचता होगा कि यह तो बहुत पहले किया जा चुका होगा और किसी किताब में लिखा हुआ होगा।’ ‘लाइव साइंस’ की खबर के अनुसार, पहले के आकलन झील दर झील गिने जाने के बजाय सांख्यिकीय अनुमान पर आधारित थे। ये किसी भूभाग पर झीलों की संख्या या किसी झील के औसत आकार पर आधारित थे। वर्ष 2006 के एक विस्तृत अध्ययन के अनुसार झीलों की कुल संख्या 30.4 करोड़ थी।
जहां इनसान नहीं रहते वहां हैं दुनिया की अधिकतर झीलें। 2006 में हुए अध्ययन में झीलों की संख्या 30.4 करोड़ जियोफिजीकल रिसर्च लेटर्स नामक जर्नल में प्रकाशित नए अध्ययन के अनुसार, उपग्रह से मिले आंकडों एवं सुपर कंप्यूटरों की मदद से किए गए इस अध्ययन में दुनिया में कुल 11.7 करोड झीलें पाई गई हैं। इस अध्ययन में पाया गया है कि धरती पर इन जलस्रोतों का फैलाव (धरती की सतह का 3.7 प्रतिशत) पिछले अध्ययनों से ज्यादा है।
प्राकृतिक संसाधन विभाग, विंस्कंसिन के शोध वैज्ञानिक कोरी मैकडॉनल्ड ने कहा कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि माध्यम से बड़े आकार की कई झीलें पुराने आधारभूत आंकड़ों से छूट गई थीं। ये स्वयं इस शोध में शामिल नहीं थे। अध्ययन में पाया गया कि नौ करोड़ झीलें न्यूनतम आकार वर्ग में आती हैं। यह आकार 0.5 एकड से 2.5 एकड के बीच है। अधिकतर झीलें उत्तरी गोलार्ध में 45 डिग्री उत्तरी अक्षांश से 75 डिग्री उत्तरी अक्षांश के बीच हैं।
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