जलवायु परिवर्तन

Term Path Alias

/topics/climate-change

Featured Articles
July 10, 2024 Millions of trees are fast disappearing from India's farmlands. What are its implications for agriculture and the environment?
Disappearing trees over Indian farmlands (Image Source: WOTR)
June 7, 2024 Scientists question effectiveness of nature-based CO2 removal using the ocean
Ocean ecosystem (Image: PxHere, CC0 Public Domain)
June 6, 2024 एक अध्ययन से पता चलता है कि समुद्री लू या हीटवेव (असामान्य रूप से उच्च समुद्री तापमान की अवधि) जो पहले हर साल लगभग 20 दिनों तक होती थी (1970-2000 के बीच), वह बढ़कर 220 से 250 दिन प्रति वर्ष हो सकती है। जानिए क्या होंगे इसके परिणाम?
गर्म होते महासागर
May 31, 2024 From scorching to sustainable: Building resilience against heatwaves
A multifaceted approach to urban heatwaves (Image: Sri Kolari)
April 30, 2024 As temperatures soar, what should India do to adapt to changing conditions to mitigate the adverse impacts of climate change?
Heat waves sweep across India (Image: Maxpixel, CC0 Public Domain)
April 25, 2024 Understanding the impact of heat on our world
Rising temperatures, rising risks (Image: Kim Kestler, publicdomainpictures.net)
मौसम क्यों हुआ बेईमान
Posted on 26 Jul, 2016 12:52 PM
गर्मी और ग्रीनहाउस गैसों पर लगाम लगाने के नाम दुनिया भर की सर
धरती के तापमान का बैरोमीटर है नदियाँ
Posted on 26 Jul, 2016 11:21 AM
पृथ्वी पर पिछले 150 वर्षों में तथाकथित विकास के नाम पर जो खराब होना था वह हो चुका!
आर्थिक विकास में जल संसाधन प्रबंधन
Posted on 19 Jul, 2016 04:44 PM
ग्लोबल रिस्क रिपोर्ट 2016 में विश्व आर्थिक मंच (2016) ने प्रभावकारिता के स्तर पर जल संकट को सबसे बड़े वैश्विक खतरे के रूप में सूचीबद्ध किया है। जल संकट के विविध आयाम हैं, जिनमें भौतिक, आर्थिक एवं पर्यावरणीय (जल की गुणवत्ता से सम्बन्धित) आदि प्रमुख हैं। आबादी का बढ़ता दबाव, बड़े पैमाने पर शहरीकरण, बढ़ती आर्थिक गतिविधियाँ, उपभोग की बदलती प्रवृत्तियाँ, रहन-सहन के स्तर में सुधार, जलवायु विविध
दूसरों की गलती का खामियाजा
Posted on 18 Jul, 2016 11:52 AM

प्रशांत महासागर क्षेत्र में स्थित सालोमन द्वीप समूह के अनेक द्वीप बढ़ती समुद्री सतह से डू

रेगिस्तान न बन जाए दुनिया
Posted on 17 Jul, 2016 01:15 PM
बढ़ती ग्लोबल वार्मिंग, खनन और पेड़ों की कटाई। ये तीनों विश्व के सामने एक गंभीर समस्या उत्पन्न कर रहे हैं। इनके कारण मौसम चक्र गड़बड़ा रहा है जिससे विश्व के अधिकांश स्थान सूखाग्रस्त हो रहे हैं। साथ ही भूमि रेगिस्तान में तब्दील हो रही है। इस खतरे के प्रति लोगों को जागरूक करने और निपटने के लिये संयुक्त राष्ट्र हर साल 17 जून को ‘वर्ल्ड डे टू कॉम्बैट डजर्टीफिकेशन एंड ड्रॉट’ के रूप में मनाता है
बढ़ता तापमान और भारत (Rising Temperature and India)
Posted on 08 Jul, 2016 04:40 PM

जलवायु परिवर्तन की समस्या के समाधान के लिये टिकाऊ और किफायती ऊर्जा संसाधनों की जरूरत होगी

कृषि को समेटता जलवायु परिवर्तन
Posted on 27 Jun, 2016 12:41 PM
औद्योगिकरण एवं वर्तमान में जीवाश्म ईंधनों का अधिकाधिक उपयोग स
×