नीतियां, कानून और विनियम

Term Path Alias

/sub-categories/policies-laws-and-regulations

અર્બન ગવર્નન્સ-૩
Posted on 14 Feb, 2014 06:52 AM અગાઉ જણાવ્યા પ્રમાણે સામાન્ય રીતે ગવર્નન્સ ત્રિ પરિમાણ હોય છે-રાજકીય, આર્થિક અને સામાજિક. રાજકીય ક્ષેત્રે પ્રક્રિયાઓ દ્વારા સત્તા માટે વ્યકિતઓની પસંદગી કરવામાં આવે છે, તેને સર્વસંમતિથી ચૂંટવામાં આવે છે, વખતોવખત તેનું મૂલ્યાંકન કરવામાં આવે છે અને જરૂર જણાય તો તેને બદલી પણ કરવામાં આવે છે.
અર્બન ગવર્નન્સ-૨
Posted on 14 Feb, 2014 06:49 AM ગવર્નન્સથી શું થઇ શકે છે?......અથવા ગવર્નન્સની પ્રક્રિયાથી શું પરિણામ મળી શકે છે?
અર્બન ગવર્નન્સ-૧
Posted on 14 Feb, 2014 06:43 AM સમાજમાં હક્ક અને ફરજ બન્ને એક સીક્કાની બે બાજુઓ છે. હક્ક મેળવવા માટે ફરજનિષ્ઠ બનવું જરૂરી છે અને ફરજ બજાવવા માટે પોતાના હક્ક અંગેની પૂરતી માહિતી હોવી જરૂરી છે. હક્ક અને ફરજ વચ્ચે સમતુલા જાળવી રાખવી જરૂરી છે. હક્ક હંમેશા ભોગવવાના હોય છે અને ફરજ હંમેશા નીતિથી બજાવવાની હોય છે. કોઇપણ બે વ્યકિત કે સમુદાય વચ્ચે અણબનાવ કે ગુંચવણ ઊભી થઇ હોય ત્યારે એક તરફ હક્ક હોય છે અને બીજી તરફ ફરજ હોય છે.
पानी का अधिकार, किसी को कैसे दे सकती है सरकार
Posted on 27 Jun, 2012 02:12 PM पानी का असली मालिक कौन है? पानी किसका है? कौन तय कर सकता है कि पानी किसके कब्जे में रहे?
राष्ट्रीय पर्यावरण नीति 2006
Posted on 08 Dec, 2010 10:43 AM

• राष्ट्रीय पर्यावरण नीति वर्त्तमान नीतियों (उदाहरण के लिए राष्ट्रीय वन नीति, 1988; राष्ट्रीय संरक्षण रणनीति तथा पर्यावरण एवं विकास पर नीतिगत वक्तव्य, 1992; तथा प्रदूषण निवारण पर नीतिगत वक्तव्य, 1992; राष्ट्रीय कृषि नीति, 2000; राष्ट्रीय जनसंख्या नीति, 2000; राष्ट्रीय जल नीति, 2002 इत्यादि) का एकीकरण करती है।

सूचना के अधिकार का ऑनलाइन करें अपील या शिकायत (How to file RTI Online Appeal or Complaint)
Posted on 30 Oct, 2010 10:53 AM

क्या लोक सूचना अधिकारी ने आपको जवाब नहीं दिया या दिया भी तो ग़लत और आधा-अधूरा? क्या प्रथम अपीलीय अधिकारी ने भी आपकी बात नहीं सुनी?

#N/A
कहां कितना आरटीआई शुल्क
Posted on 30 Oct, 2010 10:46 AM सूचना अधिकार क़ानून के तहत आवेदन शुल्क या अपील या फोटो कॉपी शुल्क कितना होगा, यह तय करने का अधिकार राज्य सरकार को दिया गया है। मतलब यह कि राज्य सरकार अपनी मर्जी से यह शुल्क तय कर सकती है। यही कारण है कि विभिन्न राज्यों में सूचना शुल्क/अपील शुल्क का प्रारूप अलग-अलग है। इस अंक में हम आपको आरटीआई शुल्क और सूचना के बदले लिए जाने वाले शुल्क के बारे में बता रहे है
आरटीआई के इस्तेमाल में समझदारी दिखाएं
Posted on 30 Oct, 2010 10:27 AM हमारे पास पाठकों के ऐसे कई पत्र आए हैं, जिनमें बताया गया कि आरटीआई के इस्तेमाल के बाद किस तरह उन्हें परेशान किया जा रहा है या झूठे मुक़दमे में फंसाकर उनका मानसिक और आर्थिक शोषण किया जा रहा है। यह एक गंभीर मामला है और आरटीआई क़ानून के अस्तित्व में आने के तुरंत बाद से ही इस तरह की घटनाएं सामने आती रही हैं। आवेदकों को धमकियां दी गईं, जेल भेजा गया। यहां तक कि कई आरटीआई कार्यकर्ताओं पर कातिलाना हमले भी हुए।
ऐसे बनाएं आरटीआई आवेदन…
Posted on 30 Oct, 2010 09:38 AM पिछले अंक में हमने आपको बताया था कि आरटीआई के इस्तेमाल में आने वाली द़िक्क़तों से कैसे निपटा जा सकता है। इस अंक से हम लगातार आरटीआई आवेदन का एक प्रारूप प्रकाशित करेंगे, ताकि आप अपना आरटीआई आवेदन ख़ुद तैयार कर सकें। इसी कड़ी में इस बार का आवेदन नरेगा से संबंधित है। यह आवेदन नरेगा में हो रही (अगर ऐसा है तो) धांधली को सामने लाने या जॉब कार्ड बनवाने में मददगार साबित हो सकता है। हम अपने सुधी पाठकों से यह अपेक्षा करते हैं कि वे गांव-देहात में रहने वाले लोगों को भी इस कॉलम के बारे में बताएंगे और इसमें दिए गए आरटीआई आवेदन के प्रारूप को ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुंचाएंगे।
title=
वनाधिकार
Posted on 29 Oct, 2010 10:03 AM

• साल २००६ के १३ दिसंबर को लोकसभा ने ध्वनि मत से अनुसूचित जाति एवम् अन्य परंपरागत वनवासी(वनाधिकार की मान्यता) विधेयक(२००५) को पारित किया। इसका उद्देश्य वनसंपदा और वनभूमि पर अनुसूचित जाति तथा अन्य परंपरागत वनवासियों को अधिकार देना है।

forest
×