शहरों में दोहन की वजह से भूजल स्तर में निरंतर गिरावट दर्ज की जा रही है। गांवों में भी हालत अच्छी नहीं देखी जा रही। भूजल स्तर में कमी आने से ग्रामीणों की परेशानी बढ़ रही है। इसके अलावा पानी का स्वाद बदल रहा है। कुछ गांवों का पानी पीने योग्य तक नहीं है। जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों में भूजल स्तर की स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं है। तीन विकास खंड और छह न्याय पंचायतों के 165 गांवों में भूजल स्तर की सरकारी रिपोर्ट खतरे का सिग्नल देती नजर आती है। 39 गांवों में वर्तमान में 10 से 18 मीटर की गहराई पर पेयजल उपलब्ध है। ज्यादातर गांवों में पानी स्वादहीन हो रहा है। विकास खंड रजापुर के भोवापुर गांव में पेयजल स्तर सबसे नीचे पहुंच गया है।
भीषण गर्मी में प्रतिवर्ष ग्रामीण क्षेत्रों में भी पेयजल संकट के लिए हाहाकार की स्थिति रहती है। शहरों में दोहन की वजह से भूजल स्तर में निरंतर गिरावट दर्ज की जा रही है। गांवों में भी हालत अच्छी नहीं देखी जा रही। भूजल स्तर में कमी आने से ग्रामीणों की परेशानी बढ़ रही है। इसके अलावा पानी का स्वाद बदल रहा है। कुछ गांवों का पानी पीने योग्य तक नहीं है। सूत्रों के मुताबिक तीन विकासखंड और छह न्याय पंचायतों के 165 गांवों में भूजल स्तर से जुड़ी रिपोर्ट कुछ समय पहले जिला प्रशासन को सौंपी गई थी। यह रिपोर्ट कम परेशान करने वाली नहीं है।
सरकारी रिपोर्ट में विकास खंड रजापुर के 35, विकास खंड मुरादनगर के 45, विकास खंड लोनी के 34, न्याय पंचायत भोजपुर के 7, न्याय पंचायत भदौला के 10, न्याय पंचायत तलहैटा के 8, न्याय पंचायत कादराबाद के 8, न्याय पंचायत बेगमाबाद और अतरौली के 9-9 गांवों में भूजल स्तर की मौजूदा स्थिति का जिक्र किया गया है। सूत्रों का कहना है कि 39 गांवों में इस समय कम से कम 10 मीटर और अधिक से अधिक 18 मीटर पर पेयजल उपलब्ध है। रिपोर्ट के मुताबिक विकास खंड रजापुर के ग्राम भोवापुर में 18 मीटर पर, शाहपुर निज मोरटा, मथुरापुर, बहादुरपुर में 15 मीटर पर और अटौर, मोरटी, शमशेर में 12 मीटर व ग्राम काजमपुर में 11 मीटर से कम पर पेयजल उपलब्ध नहीं है।
विकास खंड मुरादनगर के ग्राम सुल्तानपुर-नवीपुर, भदौली, सुराना, सुठारी, नेकपुर, विहिंग, मिलक रावली व मिल्क चकरपुर में दस मीटर पर पानी मिल रहा है। इसके अलावा न्याय पंचायत भदौला के ग्राम अठनगौला, इस्हाक नगर, न्याय पंचायत अतरौली के ग्राम अतरौली, कनकपुर, जोया व दतैड़ी में 12 मीटर से कम पर पानी की उपलब्धता नहीं है। विकास खंड लोनी के ग्राम नौरसपुर, पचायरा, सुंगरपुर, नवादा, अगरौला, सिरौरा, भनैड़ा खुर्द में भूजल स्तर की स्थिति सबसे अच्छी है। इन गांवों में तीन मीटर नीचे पानी उपलब्ध है।
सूत्रों का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में इन सभी गांवों में भूजल स्तर में निरंतर गिरावट आने के साथ पानी का स्वाद खराब हो रहा है। इसका मुख्य कारण अवैध तरीके से दोहन और फ़ैक्टरियों का दूषित पानी बगैर ट्रीट किए जमीन में डाला जाना है। फ़ैक्टरियों के खिलाफ सरकारी स्तर पर प्रभावी कार्यवाही का अभाव है। गांवों में तालाब और पोखरों पर अवैध कब्जे हो चुके हैं। ऐसे में बरसाती पानी भी प्रतिवर्ष नालों में बहकर बर्बाद हो जाता है।
भीषण गर्मी में प्रतिवर्ष ग्रामीण क्षेत्रों में भी पेयजल संकट के लिए हाहाकार की स्थिति रहती है। शहरों में दोहन की वजह से भूजल स्तर में निरंतर गिरावट दर्ज की जा रही है। गांवों में भी हालत अच्छी नहीं देखी जा रही। भूजल स्तर में कमी आने से ग्रामीणों की परेशानी बढ़ रही है। इसके अलावा पानी का स्वाद बदल रहा है। कुछ गांवों का पानी पीने योग्य तक नहीं है। सूत्रों के मुताबिक तीन विकासखंड और छह न्याय पंचायतों के 165 गांवों में भूजल स्तर से जुड़ी रिपोर्ट कुछ समय पहले जिला प्रशासन को सौंपी गई थी। यह रिपोर्ट कम परेशान करने वाली नहीं है।
सरकारी रिपोर्ट में विकास खंड रजापुर के 35, विकास खंड मुरादनगर के 45, विकास खंड लोनी के 34, न्याय पंचायत भोजपुर के 7, न्याय पंचायत भदौला के 10, न्याय पंचायत तलहैटा के 8, न्याय पंचायत कादराबाद के 8, न्याय पंचायत बेगमाबाद और अतरौली के 9-9 गांवों में भूजल स्तर की मौजूदा स्थिति का जिक्र किया गया है। सूत्रों का कहना है कि 39 गांवों में इस समय कम से कम 10 मीटर और अधिक से अधिक 18 मीटर पर पेयजल उपलब्ध है। रिपोर्ट के मुताबिक विकास खंड रजापुर के ग्राम भोवापुर में 18 मीटर पर, शाहपुर निज मोरटा, मथुरापुर, बहादुरपुर में 15 मीटर पर और अटौर, मोरटी, शमशेर में 12 मीटर व ग्राम काजमपुर में 11 मीटर से कम पर पेयजल उपलब्ध नहीं है।
विकास खंड मुरादनगर के ग्राम सुल्तानपुर-नवीपुर, भदौली, सुराना, सुठारी, नेकपुर, विहिंग, मिलक रावली व मिल्क चकरपुर में दस मीटर पर पानी मिल रहा है। इसके अलावा न्याय पंचायत भदौला के ग्राम अठनगौला, इस्हाक नगर, न्याय पंचायत अतरौली के ग्राम अतरौली, कनकपुर, जोया व दतैड़ी में 12 मीटर से कम पर पानी की उपलब्धता नहीं है। विकास खंड लोनी के ग्राम नौरसपुर, पचायरा, सुंगरपुर, नवादा, अगरौला, सिरौरा, भनैड़ा खुर्द में भूजल स्तर की स्थिति सबसे अच्छी है। इन गांवों में तीन मीटर नीचे पानी उपलब्ध है।
सूत्रों का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में इन सभी गांवों में भूजल स्तर में निरंतर गिरावट आने के साथ पानी का स्वाद खराब हो रहा है। इसका मुख्य कारण अवैध तरीके से दोहन और फ़ैक्टरियों का दूषित पानी बगैर ट्रीट किए जमीन में डाला जाना है। फ़ैक्टरियों के खिलाफ सरकारी स्तर पर प्रभावी कार्यवाही का अभाव है। गांवों में तालाब और पोखरों पर अवैध कब्जे हो चुके हैं। ऐसे में बरसाती पानी भी प्रतिवर्ष नालों में बहकर बर्बाद हो जाता है।
विकास खंड | गांवों की संख्या | पानी की उपलब्धता |
रजापुर | 35 | 5 से 18 मीटर पर |
मुरादनगर | 45 | 5 से 10 मीटर पर |
लोनी | 34 | 3 से 10 मीटर पर |
न्याय पंचायत | गांवों की संख्या | पानी की उपलब्धता |
भोजपुर | 7 | 6.5 से 9.5 मीटर पर |
भदौला | 10 | 8.5 से 12 मीटर |
तलहैटा | 8 | 6 से 9 मीटर पर |
कादराबाद | 8 | 5.5 से 7.7 मीटर पर |
बेगमाबाद | 9 | 6.5 से 11 मीटर पर |
अतरौली | 9 | 8 से 12 मीटर पर |
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