उत्तर प्रदेश

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जैव ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन
Posted on 28 Nov, 2016 04:00 PM
जलवायु परिवर्तन का मुख्य कारण हरितगृह गैसों की सांद्रता का वायुमंडल में बढ़ जाना है। इन हरित गृह गैसों में मुख्य भूमिका कार्बन डाइऑक्साइड की है जो 65 प्रतिशत तक भागीदारी करता है। जब हम ऊर्जा आपूर्ति के लिये जीवाश्म र्इंधन जलाते हैं तो करोड़ों वर्षों से अवरुद्ध कार्बन डाइऑक्साइड वायुमंडल में प्रवेश कर जाती है और जलवायु परिवर्तन का कारण बन जाती है। इस समस्या से बचने के लिये ऊर्जा फसलों से ऊर्जा
गंगा घाटी में बस्तियाँ - भौमिकीय समस्यायें एवं समाधान
Posted on 28 Nov, 2016 03:36 PM
उपरोक्त विषय पर प्रकाश डालने के पूर्व मनुष्य एवं प्रकृति के प्राचानी संबंधों की चर्चा भी की जानी चाहिए। ज्ञातव्य है कि, प्रकृति का आधार है भौमिकी एवं मानव जीवन प्रकृति का दास है, जिसका मूर्त रूप हमारी बस्तियाँ, ग्राम, नगर एवं महानगर की स्थित है। भौमिकी के आधार पर प्रकृति के अनुकूल अपने को परिवर्तित करते रहने की जीवों द्वारा अपनायी गयी प्रक्रिया ने ही कालांतर में मनुष्य को जन्म दिया और यही गु
क्या है बादल फटना (Cloud Burst)
Posted on 26 Nov, 2016 03:01 PM
उत्तराखण्ड में पिछले दिनों आयी भयानक प्राकृतिक आपदा में सैकड़ों लोगों को अपनी जान गँवानी पड़ी और हजारों लोग प्रभावित हुए। शुरुआत में इसका कारण बादल फटना बताया गया लेकिन बाद में भारतीय मौसम विभाग ने यह स्पष्ट किया कि यह आपदा बादल फटने से नहीं बल्कि सामान्य से अधिक वर्षा होने के कारण हुई। सामान्यतया बादल फटने की घटनायें पर्वतीय इलाकों में होती हैं। मौसम व
क्या टाइटन पर जीवन है
Posted on 26 Nov, 2016 02:49 PM
पृथ्वी के बाहर किसी अन्य पिण्ड पर जीवन की उपस्थिति की संभावना हम पृथ्वीवासियों को सदा से रोमांचित करती रही है। इस विषय में कहीं से आई, कोई भी सूचना हमारा ध्यान आकर्षित करती है। पृथ्वी से भिन्न जीवन की उपस्थिति की संभावनों के कारण उपग्रह टाइटन आजकल चर्चा में है टाइटन के अपारदर्शी वायुमंडल को भेद कर उसकी सतह तक पहुँचे प्रोब हुयजेंस द्वारा जुटाई गई सूचनाओं के विश्लेषण के आधार पर व्यक्त इस संभाव
केंचुआ पालन और वर्मी कम्पोस्ट (Earthworm Manure and VermiCompost System)
Posted on 26 Nov, 2016 02:42 PM

मिट्टी की उर्वरता में जिस एक जीव की सर्वाधिक भूमिका होती है, वह केंचुआ है। इसकी खूबियों के कारण ही इसे प्रकृति का हलवाहा कहा जाता है। ये केंचुए पौधों के जड़, पत्ती, तने एवं खेत के अन्य कार्बनिक पदार्थों को विघटित करके उसे कीमती खाद में परिवर्तित कर देते हैं। केंचुओं द्वारा तैयार यह खाद ‘वर्मी कम्पोस्ट’ कहलाती है।

केंचुए गोबर को खाद के रूप में परिवर्तित करते
कवकों का विचित्र संसार
Posted on 26 Nov, 2016 02:28 PM
बारिश के बाद अचानक से उग आए छतरी के आकार के मशरूम प्रारम्भ से ही मानव के लिये कौतूहल का विषय रहे हैं। कवकों के प्रति मानव की रुचि इन्हीं छत्रकों को देखकर जागृत हुई। वह इन कवकों के प्रति सदा से ही जिज्ञासु व सम्मोहित रहा है। कवकजाल के चारों ओर अचानक और तीव्र गति से प्रकट हुए रंग-बिरंगे मशरूम और उनके द्वारा बनाए गए गोल चक्र नृत्य करती हुई परियों के वलय के समान नजर आते हैं। जहाँ एक ओर मशरूम आदि
सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के प्रयोग का अनुकरणीय उदाहरण : ग्रामीण ज्ञान केंद्र
Posted on 26 Nov, 2016 02:23 PM
बहुमाध्यम का प्रयोग कर सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से जहाँ एक तरफ देश की सामाजिक संरचना में आमूल-चूल बदलाव आ रहा है, वहीं दूसरी ओर नित नवीन जानकारियाँ प्राप्त होने से देश की जनसंख्या का बड़ा हिस्सा जागरूक हो रहा है। फलस्वरूपप, देश के बेरोजगार अब स्वरोजगार की तरफ अग्रसर हो रहे हैं तथा ग्रामीण क्षेत्र में शहरों में पलायन की दर में कमी देखी जा रही है। आज सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी
फ्लोराइड के चपेट में ताज नगरी के गाँव
Posted on 25 Nov, 2016 03:15 PM


मुगलों ने अजूबे ताजमहल का निर्माण कर प्रेम की बेमिसाल इबारत लिख विश्व में एक अमिट स्थान भले ही बनाया हो लेकिन वर्तमान के हुक्मरानों की संवेदनाएँ मर गई हैं। यही वजह है कि आगरा शहर से सटे कई गाँवों के लोग पीने के पानी में फ्लोराइड के कारण फ्लोरोसिस जैसी बीमारी से ग्रस्त हो रहे हैं।

पचगाँय गाँव में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगने के बाद भी दूषित जल पी रहे हैं ग्रामीण
सिंधु-गंगा मैदानी क्षेत्र में वायुमंडलीय एरोसोल की प्रवृत्ति और उनके संभावित प्रभाव
Posted on 25 Nov, 2016 02:46 PM
जलवायु परिवर्तन 21वीं सदी की सबसे अहम चुनौती के रूप में उभर कर सामने आया है। पृथ्वी के बढ़ते हुए तापमान और कई महत्त्वपूर्ण प्राकृतिक प्रक्रियाओं में बदलाव को वैश्विक स्तर पर काफी गंभीरता से लिया जा रहा है। विभिन्न मानवीय गतिविधियों से वायु प्रदूषण के स्तर में काफी वृद्धि हुई है और यह जलवायु परिवर्तन का एक प्रबल स्रोत है। वायुमंडलीय प्रदूषण में मुख्यतया ग्रीन हाउस गैसें तथा कुछ और हानिकारक गैस
लैंडसैट भूप्रेक्षण कार्यक्रम को चालू रखने वाला अगला मिशन ‘एल डी सी एम’
Posted on 25 Nov, 2016 02:30 PM

पिछले दो दशकों में पृथ्वी की गर्माहट (वार्मिंग) की दर बढ़ी है तथा वैज्ञानिकों ने विश्लेषणो

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