प्रो. गिरीश चंद्र चौधरी

प्रो. गिरीश चंद्र चौधरी
अनुमान मौसम का : घाघ और भड्डरी की कहावतें
Posted on 05 Dec, 2016 04:16 PM

विक्रम की 18वीं शताब्दी के प्राय: अंतिम भाग में कन्नौज के निकट निवासी घाघ कवि एक अनुभवी किसान हो गये, इनको खगोल का अच्छा ज्ञान था। उनकी प्रत्येक कविता उनके गुरुज्ञान और अपूर्व अनुभव की उदाहरण हैं। परंतु खेद का विषय है कि आज के विकास युग में हमें ऐसे अनुभवी पुरुष की न तो पूरी जीवनी मिलती है और न ही उनके सिद्धांतों पर वैज्ञानिक अध्ययन हुआ है। घाघ की कहावतें उत्तर प्रदेश व बिहार में प्रचलित हैं
गंगा घाटी में बस्तियाँ - भौमिकीय समस्यायें एवं समाधान
Posted on 28 Nov, 2016 03:36 PM

उपरोक्त विषय पर प्रकाश डालने के पूर्व मनुष्य एवं प्रकृति के प्राचानी संबंधों की चर्चा भी की जानी चाहिए। ज्ञातव्य है कि, प्रकृति का आधार है भौमिकी एवं मानव जीवन प्रकृति का दास है, जिसका मूर्त रूप हमारी बस्तियाँ, ग्राम, नगर एवं महानगर की स्थित है। भौमिकी के आधार पर प्रकृति के अनुकूल अपने को परिवर्तित करते रहने की जीवों द्वारा अपनायी गयी प्रक्रिया ने ही कालांतर में मनुष्य को जन्म दिया और यही गु
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