/regions/saharanpur-district
सहारनपुर जिला
पांवधोई नदी को गंदा करने पर लगेगा भारी भरकम जुर्माना
Posted on 02 Jul, 2021 02:40 PMदेश मे प्रदूषित हो रही नदियां नौले धारो के प्रति चिंतित समाजसेवी और सरकारी विभाग लगातार काम कर रहे है फिर चाहे वो देश की सबसे पवित्र नदियों में से एक गंगा हो या फिर कोई दूरी ऐसी छोटी नदी जो लोगो के जीवन यापन में अपना अहम योगदान दे रही हो।
हिण्डन नदी - एक जीवित नदी की दर्दनाक मौत
Posted on 29 Sep, 2017 04:25 PMगंगा-यमुना के दोआब में सहारनपुर जनपद से प्रारम्भ होकर मुजफ्फरनगर, शामली, मेरठ, बागपत व गाजियाबाद से होते हुए अन्त में जब हिण्डन नदी गौतमबुद्धनगर जनपद के तिलवाड़ा गाँव से पश्चिम व मोमनाथल गाँव से पूर्व में यमुना में मिलती है तो इसमें बहते हुए काले रंग के बदबूदार पानी को देखकर कोई कह नहीं सकता है कि यह एक जीवित नदी है। यही नहीं अगर किसी अंजान व्यक्ति को इस स्थान पर लाकर पूछा जाये कि यह कौन सी
सहारनपुर की ऐतिहासिक पांवधोई नदी का सफाई अभियान शुरू
Posted on 01 Jun, 2014 11:18 AMदेवबंद (सहारनपुर), 11 मई (जनसत्ता)। सहारनपुर की गंगा के नाम से प्रसिद्ध ऐतिहासिक पांवधोई नदी की पवित्रता बनाए रखने के लिए नगर निगम की पहल रंग लाती दिख रही है।प्रेरक पांवधोई
Posted on 25 Mar, 2013 04:25 PMआलोक कुमार की इसी प्रतिबद्धता ने पांवधोई कचरा मुक्ति को प्रशासन और पब्लिक के साझे की एक और मिसाल बना दी। निस्संद
नदी के जल जनित रोगों से होता नारकीय जीवन
Posted on 17 Feb, 2012 01:32 PMकृष्णी नदी गांव के पूर्व दिशा में बहती है। जब हवा चलती है तो नदी के सड़े हुए पानी से सांस लेना भी दूभर हो जाता है। यह नदी गांव के लिए मच्छर बनाने की फैक्ट्री बन चुकी है। भूगर्भ जल कुछ समय बाद ही पीला हो जाता है। महिलाओं के गहने काले पड़ जाते हैं। इस गांव के लड़के शादी के लिए भी मोहताज हो चुके हैं। अन्य गांव के लोग इस गांव में अपनी लड़कियों की शादी नहीं करते। गांव के लोगों का अधिकांश धन स्वच्छ पानी के लिए व बिमारियों के लिए खर्च करते हैं। गांव वालों ने शासन एवं प्रशासन स्तर पर नदी के किनारे लगे उद्योगों को हटाने के लिए काफी प्रयास किये। लेकिन कोई सुखद परिणाम नहीं निकला।
आज भारत सहित दुनिया के अधिकतर देशों में जल प्रदूषण एक गंभीर समस्या बना हुआ है। यह प्रदूषण सतह पर बहने वाले पानी तथा भूजल दोनों में समान रूप से फैल रहा है। जिसका कारण औद्योगिक विकास तथा बदलती जीवन शैली है। प्रदूषित होता जल मानव समाज के साथ-साथ पूरे वातावरण को भी दूषित कर रहा है। स्वच्छ पानी पीना मनुष्य का मानवाधिकार है। परन्तु मानवाधिकारों का हनन किस प्रकार हो रहा है यह हिण्डन नदी के किनारे बसे गाँवों में आसानी से देखा जा सकता है। हिण्डन व उसकी सहायक नदियों के ऊपर गहन शोध कार्य किया गया था। इस दौरान पहले तो हिण्डन व उसकी सहायक नदियों में बहने वाले पानी का परीक्षण कराया गया तथा उसके पश्चात इन नदियों के किनारों के बारह गांवों का स्वास्थ्य संबंधी अध्ययन किया गया तथा आठ गांवों के भूजल का परिक्षण भी कराया गया।बांध परियोजनाओं से सूख सकती हैं राप्ती और घाघरा
Posted on 09 Jul, 2011 11:53 AMउत्तर प्रदेश से होकर बहने वाली उत्तर भारत की कई प्रमुख नदियों का भारत में प्रवेश नेपाल से होकर ही होता है। इन नदियों में घाघरा और राप्ती को काफी अहम स्थान प्राप्त है। नेपाल से होकर भारत की सीमा में प्रवेश करने वाली इन नदियों का भारतीय क्षेत्र में काफी बड़ा जीवनदायी प्रभाव है। घाघरा और राप्ती नदी पर पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई जिले सीतापुर, लखीमपुर, बाराबंकी बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोण्डा, गो