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रायपुर जिला
महानदी की संस्कृति
Posted on 29 Jul, 2011 01:27 PMइस तरह से महानदी एक ओर देव संस्कृति को तो दूसरी ओर कृषि-संस्कृति को भी विकसित करने में सहायक है। जल ही जीवन का पर्याय है और महानदी में जल नहीं, बल्कि लोगों की जीवन धारा प्रवाहित हो रही है और सलिला के रूप में बिना किसी भेदभाव के एक माँ की तरह समस्त जीवधारियों को अपना तरल ममत्व लुटा रही है।बारिश का पानी बचाइए और बिजली का कनेक्शन पाइए
Posted on 15 Jul, 2011 08:45 AMअगर आप छत्तीसगढ़ में नया मकान बनाना चाहते हैं, तो उसमें वर्षा जल संचयन प्रणाली भी लगवाएं क्योंकि हो सकता है कि इसके बिना आपको बिजली कनेक्शन न मिले। राज्य सरकार इससे संबंधित एक प्रस्ताव लाने पर विचार कर रही है। यह प्रस्ताव केवल नए बनने वाले मकानों के लिए होगा। वर्षा जल संचयन को बढ़ावा देने का मुख्य उद्देश्य राज्य में तेजी से गिरते भूजल स्तर को रोकना है। बिजली कनेक्शन के लिए इस तरह की शर्त रखना व
बह गए बांध!
Posted on 15 Jul, 2011 08:26 AMशिवनाथ नदी को बचाने के लिए मुख्यमंत्री ने किया श्रमदान, खूंटाघाट जलाशय को बचाने के लिए मुख्यमंत्री ने चलाई कुदाल, सूखे तालाबों को बचाने के लिए मुख्यमंत्री ने की अपील और छत्तीसगढ़ सरकार ने राजेंद्र सिंह को बनाया ब्रांड एंबेसडर! खबरों के ये ऐसे शीर्षक हैं जो संकेत दे रहे हैं कि 'चाउर वाले बाबा' यानी मुख्यमंत्री डॉ। रमन सिंह जल संरक्षण के प्रति कितने अधिक चिंतित और संवेदनशील हैं!
पॉलिथीन से पिंड छुड़ाने की पहल
Posted on 13 Jun, 2011 12:27 PMपृथ्वीतल पर जमा पॉलिथीन जमीन की जल सोखने की क्षमता खत्म कर रहा है। इससे भूजल स्तर गिरा। सुविधा
दफन हुए ताल-तलैये
Posted on 16 May, 2011 11:19 AMकभी रायपुर में करीब 181 तालाब थे और इसे तालाबों का शहर कहा जाता था लेकिन आज यहां अंगुलियों पर गिनने लायक तालाब बचे हैं और वे भी बेहद खस्ताहाल हैं।
रायपुर, छत्तीसगढ़ में 'बिन पानी सब सून' को ध्यान में रखते हुए बड़ी संख्या में ताल-तलैये खुदवाए गए, जो गर्मी के दिनों में भी लबालब रहते थे। राजधानी रायपुर तो 'तालाबों का शहर' कहलाता रहा है। लेकिन आज यहां के ताल-तलैयों पर उपेक्षा का ग्रहण लग गया है। आज स्थिति यह है कि जिस बूढ़े तालाब की खूबसूरती और उसके स्वच्छ जल के आमंत्रण को शहर में निजी काम से आए पृथ्वीराज कपूर ठुकरा नहीं सके थे उसमें आज डुबकी लगाने का मतलब त्वचा रोगों को आमंत्रित करना साबित होगा।कभी बूढ़े तालाब का फैलाव समंदर जैसा लगता था। जब तेज हवा चलती तो इसके स्वच्छ पानी में लहरें उठने लगतीं। तालाब जीवन का अभिन्न हिस्सा थे और इन्हें पूरी योजना के साथ बनाया गया था।
छत्तीसगढ़ में बिकती नदियां
Posted on 07 Apr, 2011 11:49 AMछत्तीसगढ़ की रमन सरकार भी कांग्रेस के नक्शे कदम पर चलने लगी है। छत्तीसगढ़ जब अविभाजित मध्यप्रदेश का हिस्सा था तब वर्ष 1998 में पहली बार मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम ने राजनांदगांव के एक व्यापारी कैलाश सोनी को शिवनाथ नदी का पानी बेचने की अनुमति दी थी। मध्यप्रदेश से अलग होने के बाद जब राज्य की सत्ता रायपुर जिले में लंबे समय तक कलेक्टर रहे अजीत प्रमोद कुमार जोगी के हाथों में आई तो उन्होंने भी व
छत्तीसगढ़ में है नदियों का गुम्फन
Posted on 05 Feb, 2010 12:27 PMहमारी भारतीय संस्कृति में अन्य प्राकृतिक उपादानों की तरह नदियों का भी अपना एक अलग विशेष महत्व है। वेद पुराणों में नदियों की यशोगाथा विद्यमान है। नदियाँ हमारे लिए प्राणदायिनी माँ की तरह हैं। नदियों के साथ हमारे सदैव से भावनात्मक संबंध रहे हैं औऱ हमने नत-मस्तक होकर उनके प्रति अपनी श्रद्धा व आस्था प्रकट की है। नदियाँ केवल जल-प्रदायिनी एवं मोक्षदायिनी ही नहीं हैं, बल्कि संस्कारदायिनी भी हैं। नदियाँ