शांति यदु

शांति यदु
महानदी की संस्कृति
Posted on 29 Jul, 2011 01:27 PM
इस तरह से महानदी एक ओर देव संस्कृति को तो दूसरी ओर कृषि-संस्कृति को भी विकसित करने में सहायक है। जल ही जीवन का पर्याय है और महानदी में जल नहीं, बल्कि लोगों की जीवन धारा प्रवाहित हो रही है और सलिला के रूप में बिना किसी भेदभाव के एक माँ की तरह समस्त जीवधारियों को अपना तरल ममत्व लुटा रही है।
छत्तीसगढ़ में है नदियों का गुम्फन
Posted on 05 Feb, 2010 12:27 PM

हमारी भारतीय संस्कृति में अन्य प्राकृतिक उपादानों की तरह नदियों का भी अपना एक अलग विशेष महत्व है। वेद पुराणों में नदियों की यशोगाथा विद्यमान है। नदियाँ हमारे लिए प्राणदायिनी माँ की तरह हैं। नदियों के साथ हमारे सदैव से भावनात्मक संबंध रहे हैं औऱ हमने नत-मस्तक होकर उनके प्रति अपनी श्रद्धा व आस्था प्रकट की है। नदियाँ केवल जल-प्रदायिनी एवं मोक्षदायिनी ही नहीं हैं, बल्कि संस्कारदायिनी भी हैं। नदियाँ

उपसंहार
Posted on 06 Feb, 2010 08:58 AM
पैरी नदी एवं सोंढूर नदी का पांडुका के 15 किमी दूर गरियाबंद मार्ग पर मालगाँव मुहैरा के पास संगम हुआ है और दोनों नदियों का जलकोष व्यापक हो जाता है। पांडुका से 3 किमी दूर ग्राम कुटेना से सिरकट्टी आश्रम के पास पैरी नदी एवं सोंढूर नदी के तट पर कठोर पत्थरों की चट्टानों को तोड़कर यहाँ एक बन्दरगाह बनाया गया था। सिरकट्टी आश्रम के पास नदी के बाँयीं ओर तट पर जल-परिवहन की नौकाओं को खड़ा करने के लिए समानान्तर
छत्तीसगढ़ की कुछ और नदियाँ
Posted on 06 Feb, 2010 08:41 AM
मध्यप्रदेश का अमरकंटक किसी समय दक्षिण कोसल में शामिल था। अमरकंटक पर्वत से भारत की सबसे सुन्दर और कुँवारी नदी नर्मदा का उद्गम हुआ है। यह नदी अमरकंटक से एक पतली सी धारा के रूप में प्रवाहित हुई है। इस नदी की दूध धारा और कपिल धारा मिलकर इसे एक तीर्थ का रूप देती हैं। नर्मदा नदी अपने वक्ष-स्थल में सफेद संगमरमर संजोये हुए हैं। जो इसे अनुपम सौन्दर्य प्रदान करने के साथ-साथ अनेक कलाकार मूर्तिकारों के जीवन-य
शिवनाथ
Posted on 06 Feb, 2010 08:25 AM
इस तरह से बस्तर क्षेत्र की नदियाँ भी छत्तीसगढ़ की सभ्यता एवं संस्कृति के विकास में अपना अमूल्य योगदान दे रही हैं। छत्तीसगढ़ की शिवनाथ नदी का भी अपना एक अलग महत्वपूर्ण इतिहास है। छत्तीसगढ़ की यह एक ऐसी नदी है, जिसका जल कभी सूखता नहीं और इसे सदानीरा कहा जाता है। यह शिवनाथ नदी दक्षिणी छत्तीसगढ़ के पूरे जल का संग्रहण कर उत्तर को सौंप देती है। शिवनाथ नदी, महानदी की एक पूरक नदी है। शिवनाथ नदी का उद्गम न
इन्द्रावती नदी
Posted on 06 Feb, 2010 07:46 AM

छत्तीसगढ़ का बस्तर क्षेत्र भी छोटी-बड़ी अनेक नदियों का गुम्फन है। इन्द्रावती नदी यहाँ की प्रमुख नदी है और इसे बस्तर की जीवन-रेखा माना जाता है। बस्तर की इन्द्रावती नदी कोसल के दक्षिण पूर्वांचल में उत्कल प्रदेश के कालाहांडी मंडल के धुआसल रामपुर पर्वत से निकलती है। पुराणों में तीन मन्दाकिनी का उल्लेख मिलता है। पहली स्वर्ग की गंगा, दूसरी चित्रकूट की मन्दाकिनी और तीसरी इन्द्रावती नदी के रूप में।
खारून नदी
Posted on 05 Feb, 2010 04:28 PM

महानदी की संस्कृति
Posted on 05 Feb, 2010 03:29 PM
इस तरह से महानदी एक ओर देव संस्कृति को तो दूसरी ओर कृषि-संस्कृति को भी विकसित करने में सहायक है। जल ही जीवन का पर्याय है और महानदी में जल नहीं, बल्कि लोगों की जीवन धारा प्रवाहित हो रही है और सलिला के रूप में बिना किसी भेदभाव के एक माँ की तरह समस्त जीवधारियों को अपना तरल ममत्व लुटा रही है।
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