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जलवायु परिवर्तन के उपजे खतरे से कॉप 28 से अपेक्षाएं
Posted on 20 Jan, 2024 03:22 PMआर्थिक विकास की अन्धी दौड़ में विकास के लिए ईंधन का काम करने वाले ऊर्जा के पारम्परिक स्रोतों-कोयला, पेट्रोलियम पदार्थों से उत्सर्जित ग्रीन हाउस गैसों के बढ़ते सान्द्रण ने मानव सहित समस्त जीव-जन्तुओं और वनस्पतियों का जीवन संकट में डाल दिया है। वातावरण में ग्रीनहाउस गैसों (कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन, ओजोन, नाइट्रस ऑक्साइड, क्लोरोफ्लोरोकार्बन तथा वाष्प कण) की बढ़ती सान्द्रता से पृथ्वी के सामान्य ता
भारत की भूजल चुनौतियां
Posted on 14 Dec, 2023 10:56 AMभूजल का आपके लिए महत्व तभी होता है जब आप पानी का अभाव भोग रहे होते हैं। इक्कीसवीं सदी का भारत जिन सबसे जटिल व सामाजिक दृष्टि से चुनौतीपूर्ण मुद्दों का सामना कर रहा है उनमें से बहुत से मुद्दे भूजल प्रबंधन से सम्बंधित हैं। इनका निराकरण किस तरह किया जाता है इसका सीधा प्रभाव पर्यावरण और अधिकांश ग्रामीण व शहरी लोगों की रोज़मर्रा की ज़िन्दगी पर पड़ेगा। भूजल एक छुपा हुआ संसाधन है। यही कारण है कि इस सं
जल बजट क्या है
Posted on 12 Dec, 2023 03:32 PMजल बजट पानी के निवेश और निकासी (Input & Output) का लेखा-जोखा है जो किसी स्थान का जल संतुलन चाहे वह कृषि क्षेत्र हो, वाटरशेड, पृथ्वी की सतह पर पानी के इनपुट, आउटपुट और भंडारण परिवर्तनों की गणना करके निर्धारित किया जाता है। पानी का प्रमुख इनपुट वर्षा जल से होता है और आउटपुट वाष्पीकरण-वाष्पोत्सर्जन आदि से है।
जल सुरक्षा नियोजन
Posted on 11 Dec, 2023 05:19 PMजल सुरक्षा नियोजन का प्रस्तावित निरूपण
गांव के सभी निवासियों को भूगर्भ से जलापूर्ति प्रदान करने का प्रस्ताव है। इस उद्देश्य को प्राप्त करने के उद्देश्य से जल संसाधन विभाग द्वारा जल स्रोतों के निर्माण, इसके उपचार और वितरण के उद्देश्य से विभिन्न योजनाएं शुरू की गई हैं। मुख्य रूप से सतह और भूजल दोनों स्रोतों का उपयोग करते हुए। हालांकि इस संबंध में विभिन्न गतिविधिय
फसल जल प्रबंधन
Posted on 11 Dec, 2023 03:51 PMमानव जाति के आर्थिक विकास में प्राकृतिक परिस्थितियों एवं भौगोलिक विशेषताओं की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। प्रकृति ने मानव के भरण-पोषण हेतु अनेक प्राकृतिक स्रोत भी उपलब्ध करायें हैं, जिसका सदुपयोग कर मानव समाज अधिकाधिक लाभान्वित होने का प्रयत्न करता है। उपलब्ध प्राकृतिक स्रोतों में जल का प्रमुख स्थान है जिनके अभाव में केवल मानव ही नहीं वरन् सामान्यता सम्पूर्ण जीव समाज का अस्तित्व ही संकट में पड़
सहभागी भूजल प्रबंधन की अवधारण, आवश्यकता एवं औचित्य
Posted on 11 Dec, 2023 11:52 AMसहभागिता क्या है ?
सहभागिता व सहयोग परस्पर समानार्थी हैं लेकिन हैं एकदम अलग-अलग । सहयोग की प्रक्रिया में जहां व्यक्ति एक-दूसरे की सहायता करते हैं जो क्षणिक भी हो सकता है, वहीं सहभागिता मिलजुलकर जिम्मेदारियां बांटकर निर्णय लेने और साथ काम करने की प्रक्रिया है, इसमें सभी पक्षों की जिम्मेदारियां, अधिकार व लाभ तय होते हैं। सहभागिता में सभी पक्ष एक साझे और सकारात्मक
चरखा के 29वें स्थापना दिवस पर संजॉय घोष मीडिया अवार्ड विजेताओं को किया गया सम्मानित
Posted on 08 Dec, 2023 03:25 PMनई दिल्ली - लेखन के माध्यम से गांव के सामाजिक मुद्दों को मीडिया में प्रमुखता दिलाने वाली सामाजिक संस्था चरखा डेवलपमेंट कम्युनिकेशन नेटवर्क ने गुरुवार को नई दिल्ली स्थित इंडिया इस्लामिक कल्चर सेंटर में अपना 29वां स्थापना दिवस समारोह मनाया। इस अवसर पर संजॉय घोष मीडिया अवॉर्ड के विजेताओं को भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आज़ाद फाउंडेशन की संस्थापक मीनू वडेरा उपस्थित थीं
रावतभाटा : परमाणु बिजलीघरों से बढ़ता स्वास्थ्य संकट
Posted on 29 Nov, 2023 01:53 PMरावतभाटा में सन् 1973 में जब पहले परमाणु बिजलीघर का उद्घाटन हुआ था तो आसपास के पिछड़े क्षेत्रों के निवासियों ने इसका खुले दिल से स्वागत किया था। सोचा था कि इसके जरिए क्षेत्र के युवकों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे और यह पिछड़ा क्षेत्र अपनी अर्थव्यवस्था के आधुनिकीकरण की दिशा में एक लम्बी छलांग लगा सकेगा। लेकिन न तो रोज़गार सृजन की दिशा में उनकी अपेक्षाएं पूरी हुई और न ही क्षेत्र के विकास को कोई
जलवायु परिवर्तन और खाद्य सुरक्षा का सवाल
Posted on 01 Nov, 2023 12:21 PMविगत वर्षों में विश्व के विकसित एवं विकासशील देशों में औद्योगीकरण और जनसंख्या वृद्धि के साथ-साथ कृषि भूमि का विस्तार हुआ है। साथ ही जहां एक ओर शहरीकरण तथा यातायात के साधनों में वृद्धि के कारण सकल कृषि क्षेत्र में कमी आयी है, वहीं दूसरी ओर विकासोन्मुख देशों में अब कृषि योग्य भूमि के विस्तार की संभावनाएं बहुत ही सीमित हो गयी हैं। तीव्र गति से आगे बढ़ती हुई मुक्त वैश्विक अर्थव्यवस्था एवं बाजार के
अभूतपूर्व सूखे का सामना कर रहा है हॉर्न ऑफ अफ्रीका
Posted on 19 Oct, 2023 12:36 PMएक अनुमान के मुताबिक, हॉर्न ऑफ अफ्रीका में अक्टूबर से दिसम्बर- 2022 तक कम से कम 36.1 मिलियन लोग गंभीर सूखे से प्रभावित होंगे, जिसमें इथियोपिया के 24.1 मिलियन, सोमालिया के 7.8 मिलियन और केन्या के 4.2 मिलियन लोग शामिल हैं। यह जुलाई 2022 (जब लगभग 19.4 मिलियन लोग प्रभावित हुए थे) के बाद से बढ़ोत्तरी दर्शाता है। मौसम विशेषज्ञों के पूर्वानुमानों में अक्टूबर-दिसंबर-2022 में खराब बारिश की आशंका व्यक्त